बैकुण्ठपुर@क्या विधायक प्रत्याशी के दौड़ से वेदांती तिवारी हुए बाहर?…अशोक जायसवाल पर टिकी लोगों की उम्मीद!

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  • यदि प्रदेश सचिव बनने से वेदांती तिवारी दौड़ से बाहर है तो फिर वर्तमान विधायक के लिए राहत की बात।
  • वर्तमान विधायक के लिए पूरी राहत अभी भी नहीं…अशोक जायसवाल भी हो सकते हैं बैकुंठपुर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी।
  • पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जायसवाल चेहरा बदलने की स्थिति में कांग्रेस से मजबूत प्रत्याशी हो सकते हैं।
  • जिलाध्यक्ष के द्वारा भेजे गए सूची में भी उनके नाम शामिल होने की खबर।

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 03 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे कोरिया जिले की राजनीति खासकर एक विधानसभा वाले जिले की राजनीति में भी उबाल आना शुरू हो गया है और सबसे ज्यादा चहल पहल सत्ताधारी दल में देखने को मिल रहा है जिसमे प्रत्याशी बनने के लिए ही अर्धशतकीय पारी सभी दावेदारी ने मिलकर लगा दी है।
सत्ता की लालसा पद की लालसा में भले ही पूरे 52 दावेदार शामिल न हों लेकिन यहां की राजनीति में सत्ताधारी दल से कम से कम 10 चेहरे ऐसे हैं जो कहीं न कहीं उम्मीद लगाए बैठे हैं और उन्हे अभी भी विश्वास है की चमत्कार हो सकता है और हो सकता है की विधानसभा से उनका नंबर प्रत्याशी बतौर पार्टी लगा सकती मोहर है और इसी उम्मीद में कुछ दावेदार अभी भी खुद को मैदान में बनाए हुए हैं और वह यह मानकर की कहीं किसी आंतरिक सर्वे में वर्तमान विधायक जिताऊ यदि पार्टी को नजर नहीं आती हैं और उनको प्रत्याशी नहीं बनाया जाता है तो जरूर उनका नंबर लग सकता है और इसी संभावना में वह मैदान में डटे हुए हैं जन संपर्क भी उनका जारी है। इसी बीच सत्ताधारी दल अब यह भी प्रयास करता नजर आ रहा है की जहां भी एक से अधिक मजबूत दावेदार सामने नजर आ रहें हैं जो पार्टी प्रत्याशी को चुनाव में नुकसान पहुंचा सकते हैं उन्हे किसी तरह मनाया जाए? उन्हे किसी महत्वपूर्ण पद से नवाज कर उन्हे संतुष्ट किया जाए जिससे चुनाव में जीत आसान और सुनिश्चित नजर आए। इसी प्रयास में पार्टी ने कई वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश संगठन में स्थान दिया है और जिसकी सूची जारी होते ही अब यह भी कयास लोग लगा रहें हैं की कहीं न कहीं यह दावेदारों की संख्या कम करने का प्रयास है जिसके प्रयोग से पार्टी कुछ को मना लेने में सफल जरूर होगी।
बैकुंठपुर विधानसभा के प्रबल दावेदार वेदांती तिवारी को मिला प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण पद,इससे उनके टिकट की दौड़ से बाहर होने के कयासों को मिल रहा बल
जिला पंचायत उपाध्यक्ष साथ ही कांग्रेस पार्टी से दो बार विधानसभा प्रत्याशी रह चुके वेदांती तिवारी जिन्होंने अपना अंतिम चुनाव बड़े ही कम अंतर से हारा था और जिसके बाद उन्होंने अपनी लोकप्रियता अपना जनाधार साबित करने के लिए जिला पंचायत का चुनाव लडा जिसमे उन्होंने कांग्रेस भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को बुरी तरह मात देकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष तक के पद पर कब्जा जमाया और साबित किया की आज भी उनकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है, इस बार उन्होंने भी अपनी दावेदारी दर्ज की है और उनका जनसंपर्क जो लगातार पांच सालों से जारी है उसमे तेजी भी आई थी और जिसके बाद हाल में ही उन्हे प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है जिससे इस कयास को बाल बल मिल रहा है की जरूर उन्हे पार्टी अब टिकट देकर प्रत्याशी नहीं बनाने जा रही है और इसीलिए उन्हें अंतिम समय में प्रदेश संगठन में स्थान दिया गया है जो उनकी दावेदारी को समाप्त करने का एक प्रयास है यह लोग मान रहें हैं। वेदांती तिवारी वैसे लगातार जन संपर्क में लगे हुए हैं और वह हो सकता है निर्दल प्रत्याशी बनकर न मैदान में कूद जाएं, जिसकी संभावना ज्यादा बताई जा रही है और यदि ऐसा हुआ तो इस बार विधानसभा चुनाव अत्यंत रोचक और कांटे के मुकाबले वाला होगा जो माना भी जाने लगा है।
बैकुंठपुर विधानसभा से चेहरा बदले जाने की स्थिति में अशोक जायसवाल भी हो सकते हैं उम्मीदवार,स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजी गई तीन नामों की सूची में उनका नाम शामिल,सूत्र
बैकुंठपुर विधानसभा में जिस तरह 52 लोगों ने अपनी अपनी उम्मीदवारी पेश कर दी है,उसके बाद ब्लॉक कमेटी और जिला कमेटी भी असमंजस में नजर आया था और बताया जा रहा है इसके लिए बकायदा प्रदेश से राय मशवरा किया गया है और जिसके बाद तीन नामों की सूची नियमानुसार भेजी गई है जिसमे एक नाम अशोक जायसवाल का भी है जो वर्तमान विधायक के नाम के साथ तीन नामों में पैनल में शामिल नाम है,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष भी प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं क्योंकि माना जा रहा है की पार्टी आंतरिक सर्व करा रही है और अशोक जायसवाल पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं और इस बार भी वह नगर पालिका में कब्जा जमाने में कामयाब होने ही जा रहे थे, जिसमे अंतिम मुकाबला बराबर की स्थिति में जाकर रुका और जब टॉस हुआ वह नगर पालिका से हांथ धो बैठे, वैसे अभी यह मामला न्यायालय में विचाराधीन भी है और बताया जा रहा है की उसका निर्णय भी आने वाला है,वैसे अशोक जायसवाल भी विधानसभा अध्यक्ष के करीबी माने जाते हैं और उन्हे पार्टी से मौका वर्तमान विधायक का टिकट कटने पर मिल सकता है,जिसकी संभावना ज्यादा है, जातिगत समीकरणों के हिसाब से भी यदि मनेंद्रगढ़ विधानसभा से डॉक्टर विनय जायसवाल का टिकट कटता है तो अशोक जायसवाल को मौका मिल सकता है ऐसा माना जा रहा है।
बैकुंठपुर विधानसभा में क्या अशोक जायसवाल के नाम पर सभी कांग्रेस पार्टी के दावेदार,विधायक से नाराज लोग देंगे समर्थन?
बैकुंठपुर विधानसभा में अशोक जायसवाल ही एक ऐसा नाम है जो वर्तमान विधायक के बाद विधानसभा अध्यक्ष का सबसे करीबी माना जाता है, विधानसभा में 52 लोगों ने दावेदारी की है और उसमे लगभग 10 जो हैं वह खुद को दावेदार मानते भी हैं और उन्हीं की आपसी खींचतान में 52 आवेदन प्रस्तुत हुआ है, सभी दावेदार जिनकी संख्या भले 52 है फिर भी निश्चित संख्या या सामने से विधायक का विरोध करने वालों की संख्या उनमें 10 कम से कम है वह क्या किसी एक नाम पर सहमत होंगे यह बड़ा सवाल है, वैसे क्या सभी अशोक जायसवाल के नाम पर सहमत होंगे यह देखने वाली बात होगी, वैसे यदि अशोक जायसवाल भी सभी विधायक विरोधी लोगों द्वारा सर्वमान्य मान लिए जाते हैं तो निश्चित रूप से बैकुंठपुर विधानसभा में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित हो सकती है, वैसे इसकी संभावना कम है क्योंकि सत्ताधारी दल से चुनाव लड़ने और जितने की सुनिश्चितता के चलते उसमे उम्मीदवार ज्यादा ही होते हैं जो सत्ताधारी दल के लिए समस्या ही होती है।


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