बैकुण्ठपुर@राजवाड़े समाज से नहीं तो क्या साहू समाज से बैकुंठपुर विधानसभा में हो सकता है प्रत्याशी?…भाजपा में बनते बिगड़ते समीकरण

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  • राजवाड़े समाज सहित साहू समाज बाहुल्य है बैकुंठपुर विधानसभा, दोनों समाज है निर्णायक स्थिति में यहां
  • सरगुजा संभाग में भी साहु समाज की अच्छी खासी है आबादी,सरगुजा संभाग से कभी नहीं मिला साहू समाज को मौका
  • हाल ही में भाजपा से सरगुजा संभाग के लिए घोषित उम्मीदवारों में से एक भी साहु समाज से नहीं,राजवाड़े समाज को जबकि मिल चुका मौका
  • संभाग की 14 में से 5 ही विधानसभा हैं अनारक्षित,भाजपा में अब तीन अनारक्षित सीट ही टिकट के लिए शेष बचीं।
  • बैकुंठपुर विधानसभा से साहू समाज से भी हो सकता है भाजपा से प्रत्याशी,संभाग में साहू समाज मांग रहा प्रतिनिधित्व।
  • वर्ष 2018 में भी संभाग से साहू समाज ने मांगी थी समाज की हिस्सेदारी लेकिन नहीं मिला था किसी को टिकट।
  • कांग्रेस से भी संभाग से साहू समाज को मौका मिलने पर साहू समाज दे सकता है भाजपा को समर्थन,उठ रही टिकट की मांग
  • वर्ष 2018 में भाजपा ने कुल 14 साहू समाज से उतारे थे प्रत्याशी,जिनमे से जीत दर्ज करने में सफल केवल एक ही नाम
  • कांग्रेस ने बांटे थे 8 टिकट जीत मिली थी उसे 5 सीटों पर,कुल मिलाकर साहू समाज को भाजपा ने पिछले चुनाव में ज्यादा दिया था अवसर
  • बैकुंठपुर में यदि साहू समाज से उम्मीदवारी की भाजपा में आएगी बात सामने,कुल तीन नामों पर होगी चर्चा,सूत्र
  • जगदीश साहू,अनिल साहू,सुभाष साहू साहू समाज से भाजपा की हो सकते हैं पसंद सूत्र
  • पिछले चुनाव में भाजपा ने साहू समाज से प्रदेश भर में दिए थे 14 टिकट,जीत मिली सिर्फ 1 सीट पर
  • भाजपा का अनुभव प्रयोग साहू समाज को लेकर पिछला अच्छा नहीं रहा।

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 01 सितम्बर 2023 (घटती-घटना)। भाजपा ने सरगुजा संभाग से अब तक 14 विधानसभा सीटों में से 4 पर अपने प्रत्याशी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए घोषित कर दिए हैं, सरगुजा संभाग में कुल 5 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जो अनारक्षित श्रेणी की हैं और जिनमे से भी दो सीटों पर भाजपा ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और अब तीन विधानसभा सीट ही अनारक्षित श्रेणी की बचीं हैं जिनमे से दो अविभाजित कोरिया जिले की सीटें हैं और एक अंबिकापुर विधानसभा शामिल है। संभाग में अनारक्षित श्रेणी की विधानसभा सीटों में से भाजपा ने एक सीट पर पिछड़ा वर्ग साथ ही राजवाड़े समाज जो संभाग में ही पाया जाने वाला समाज है, उसे मौका दे दिया है और भटगांव विधानसभा से लक्ष्मी राजवाड़े जिला पंचायत सदस्य अब भाजपा प्रत्याशी घोषित हो गईं हैं, वहीं एक अनारक्षित सीट प्रेमनगर से भाजपा ने आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया है, इस तरह अब संभाग में अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय साथ ही सामान्य वर्ग को साधने के लिए भाजपा के पास कुल 3 विधानसभा सीटें बचीं हैं, जिसमे पिछड़ा वर्ग समुदाय जिसकी विभिन्न जातियां संभाग में पाई जाती हैं, वहीं सामान्य वर्ग समुदाय जिसकी भी कई जातियां भी संभाग में पाई जाती हैं को भाजपा को संतुष्ट करते हुए प्रत्याशी घोषित करना है और सत्ता के लिए प्रदेश में प्रयास करना है।
साहू समाज को बैकुंठपुर विधानसभा से मौका मिलेगा इसकी संभावना बढ़ गई है
इस बीच संभाग स्तर पर कई पिछले विधानसभा चुनावों से साहू समाज भी संभाग में राजनीतिक दलों से अपने समाज के लिए हिस्सेदारी मांग रहा है और जिसकी भी जनसंख्या संभाग में निर्णायक है कई विधानसभा क्षेत्र में और जो इस बार अपने समाज की हिस्सेदारी के लिए अड़ा हुआ है, जिसे भी भाजपा को संतुष्ट करना है जो भाजपा के लिए एक मुसीबत का सबब बनकर संभाग में खड़ा है। संभाग में कई विधानसभा सीटें जो साहू समाज निर्णय लेकर किसी पार्टी की झोली में डालता है उसमे प्रेमनगर, अंबिकापुर, बैकुंठपुर, सोनहत भरतपुर, भटगांव, सीतापुर, मनेंद्रगढ़ प्रमुख हैं और इस बार समाज एक सीट से अपने समाज की हिस्सेदारी मांग रहा है, ऐसे में सूत्रों की माने तो साहू समाज को यदि भाजपा कहीं से प्रत्याशी संभाग में बना सकती है तो केवल बैकुंठपुर विधानसभा से ही ऐसा भाजपा के लिए संभव है, क्योंकि अन्य बची दो अनारक्षित श्रेणी की विधानसभा सीटों में जो संभाग में बैकुंठपुर को भी छोड़ने के बाद बचेंगी, क्योंकि प्रेमनगर और भटगांव से भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है तो केवल बैकुंठपुर ही एक विधानसभा है जो भाजपा कोटे में बची हुई है, संभाग में जहां साहू समाज से प्रत्याशी घोषित कर भाजपा संभाग में साहू समाज को साध सकती है। साहू समाज बैकुंठपुर में राजवाड़े समाज की ही तरह जनाधार रखता है, वहीं यदि संभाग में एक राजवाड़े का टिकट भाजपा तय कर चुकी है और वह एक ही टिकट तक राजवाड़े समाज में सीमित रहना चाहेगी, वह साहू समाज को बैकुंठपुर विधानसभा से मौका देगी इसकी संभावना बढ़ गई है।
साहू समाज भईयालाल राजवाड़े के लिए बन सकता है रोड़ा
अंबिकापुर विधानसभा में संभव है भाजपा इस बार सामान्य वर्ग से ही प्रत्याशी घोषित करे जैसा लगातार होता भी आया है क्योंकि वहां शहरी मतदाता हैं और वहां ऐसा करना भाजपा के लिए फायदेमंद होगा यह उसकी धारणा बन सकती है, वहीं मनेंद्रगढ़ विधानसभा में भी साहु समाज को टिकट देने से भाजपा को उतना फायदा मनेंद्रगढ़ विधानसभा की जीत साथ ही संभाग में साहू समाज को साधने के हिसाब से उचित नहीं होगा, क्योंकि मनेंद्रगढ़ विधानसभा में भी अधिकांश मतदाता शहरी क्षेत्र के हैं और ऐसे में मनेंद्रगढ़ विधानसभा सीट ही निकल पाना मुश्किल होगा जो जानकार मानते हैं ऐसे में अब बचा बैकुंठपुर विधानसभा जहां साहू समाज से भाजपा प्रत्याशी मैदान में उतार सकती है और संभाग के साहू समाज मतदाताओं को आकर्षित कर सकती है। बैकुंठपुर विधानसभा में साहू समाज से प्रत्याशी भईयालाल राजवाड़े का टिकट कटने की स्थिति में तय हो सकता है ऐसा सूत्रों का दावा है, क्योंकि इस बार साहू समाज संभाग स्तर से एक सीट चाहता है। साहू समाज वैसे भी भाजपा विचारधारा से प्रेरित समाज माना जाता है और वह हिस्सेदारी मांगता है तो भाजपा उसे दरकिनार करेगी लगता नहीं, इसलिए संभाग से बैकुंठपुर विधानसभा सीट साहू समाज की ओर भाजपा दे सकती है यह सूत्र कह रहे हैं और ऐसा संभावित भी माना जा रहा है।
संभाग स्तर पर साहू समाज की बैठक में टिकट की मांग प्रमुख मुद्दा थी,सूत्र
सूत्रों की माने तो संभाग स्तर पर साहू समाज की बैठक में टिकट का मुद्दा प्रमुख मुद्दा था,प्रेमनगर का प्रत्याशी संभाग की पांच अनारक्षित विधानसभा सीटों में से भाजपा घोषित कर चुकी है जहां समाज टिकट चाहता था,अब साहू समाज बैकुंठपुर विधानसभा सीट से भाजपा से अपने समाज का उम्मीदवार प्रत्याशी चाहता है यह भी सूत्रों का कहना है और बताया जा रहा है की इसके लिए साहू समाज अड़ने की स्थिति में भी है। अब भाजपा क्या निर्णय लेती है यह उसके पार्टी से जुड़ा विषय लेकिन भाजपा सरगुजा संभाग में साहू समाज की उपेक्षा करेगा लगता नहीं है।संभाग में जल्द ही साहू समाज फिर एक बैठक कर भाजपा से टिकट की मांग करेगा यह भी सूत्र बताते हैं।
बैकुंठपुर विधानसभा में साहू समाज मतदाता भी हैं निर्णायक स्थिति में
संभाग की 14 विधानसभाओं में से बैकुंठपुर विधानसभा भी एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां साहू समाज निर्णायक स्थिति में है,साहू समाज यहां राजवाड़े समाज के समकक्ष अपना जनाधार रखता है,साहू समाज यदि एकजुट होकर इस विधानसभा में जिस तरफ का भी रुख करेगा उसकी जीत सुनिश्चित होगी ऐसा भी माना जाता है। अब ऐसे में यदि इस विधानसभा से साहू समाज अड़ जाता है भाजपा से टिकट के लिए तो भाजपा के लिए भी उन्हे समझा पाना आसान नहीं होगा यह तय है।साहू समाज को आज तक इस विधानसभा से किसी भी दल ने विधानसभा में मौका नहीं दिया है वहीं संभाग में भी साहु समाज टिकट मामले में उपेक्षित ही रहा है हर दल से यदि ऐसे में भाजपा मौका देती है जैसा सूत्र दावा कर रहें हैं की साहू समाज से भाजपा बैकुंठपुर में प्रत्याशी घोषित कर सकती है इसका फायदा भाजपा को बैकुंठपुर सहित संभाग की अन्य सभी विधानसभाओं में भी होगा जो जानकार भी कहते हैं ऐसा संभव है।
राजवाड़े समाज को भी संभाग में पहला मौका भाजपा ने ही दिया था,बाद में कांग्रेस ने भी समाज की हिस्सेदारी संभाग में तय की थी
राजनीति के जानकारों की माने तो भाजपा ने ही राजवाड़े समाज से संभाग में पहला प्रत्याशी घोषित किया था किसी भी विधानसभा चुनावों के हिसाब से,उसके पहले राजवाड़े समाज कहीं भी टिकट की दौड़ में भी नहीं माना जाता था और न ही वह कभी टिकट का हकदार भी बना किसी विधानसभा से संभाग में ,पूरे प्रदेश में राजवाड़े समाज केवल और केवल सरगुजा संभाग में पाई जाने वाली जाति है और इसलिए उसे पहले या समाज से किसी को विधानसभा में हिस्सेदारी कोई दल नहीं दिया करती थी और न ही मौका,वहीं भाजपा ने यह प्रयोग वर्ष 2003 के विधानसभा में किया जब बैकुंठपुर से भईया लाल राजवाड़े प्रत्याशी बनाए गए पहला चुनाव भले ही वह हार गए लेकिन पार्टी ने उन्हें 2008,2013 में पुनः मौका दिया और वह दो बार जीतकर भी आए और मंत्री तक का सफर वह तय कर सके वहीं उनके प्रतिनिधित्व से समाज को राज्य स्तर पर पहचान मिली और फिर एक बार प्रेमनगर से कांग्रेस ने राजवाड़े समाज को मौका दिया जहां वह असफल रही फिर भटगांव से कांग्रेस ने दो बार राजवाड़े समाज को मौका दिया और दोनो ही बार वह जीत दर्ज करती रही। कुल मिलाकर भाजपा के राजवाड़े समाज को लेकर किए गए प्रयोग साथ ही राजवाड़े समाज को दिए गए विधानसभा स्तरीय प्रतिनिधित्व का ही असर बाद में हर दल में राजवाड़े समाज को मिलता प्रतिनिधित्व और अवसर बन सका जिसे नकारा नहीं जा सकता।
क्या साहू समाज को लेकर भाजपा संभाग स्तर पर राजवाड़े समाज की ही तरह करने वाली है प्रयोग,संभावना बन रही है, सूत्र
क्या सरगुजा संभाग में बैकुंठपुर विधानसभा से भाजपा साहू समाज से विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतार सकती है,क्या वह साहू समाज के संभाग के हिसाब से जनाधार को देखते हुए कई विधानसभाओं में संभाग के निर्णायक स्थिति को देखते हुए वह समाज को अवसर दे सकती है समाज को संभाग स्तर पर साधने का प्रयोग कर सकती है यह सवाल अब खड़ा हो रहा है। संभाग में बैकुंठपुर विधानसभा ही अब भाजपा के पास भी प्रत्याशी घोषित करने के लिए शेष है और अब संभावना जताई जा रही है की यहां पार्टी साहू समाज को मौका देकर एक नया प्रयोग कर सकती है। जानकारों के अनुसार यदि ऐसा हुआ तो भाजपा को फायदा हो सकता है और बस इसके लिए भाजपा को राजवाड़े समाज मात्र को साधने की जरूरत होगी जो विधानसभा में उसी की तरह निर्णायक है और वह अपने समाज से टिकट कटने से कहीं न कहीं दुखी भी होगी।भाजपा प्रयोग की संभावना बना सकती है ऐसा सूत्रों का दावा है।
साहू समाज से बैकुंठपुर विधानसभा से यह हो सकते हैं संभावित भाजपा प्रत्याशी,सूत्र
बैकुंठपुर विधानसभा में वैसे तो साहू समाज से कई लोग भाजपा में सक्रिय राजनीति करते नजर आते हैं लेकिन यदि भाजपा से संभावित प्रत्याशी की बात की जाए तो तीन ही नाम प्रमुख माने जाते हैं जिसमे जगदीश साहू जो वर्तमान में समाज के जिलाध्यक्ष हैं,अनिल साहू जो एक कृषक के साथ सफल व्यवसाई हैं वहीं सुभाष साहू जो व्यवसाई सह कृषक हैं। इन तीन के अलावा शेष भाजपा अन्य किसी नाम पर विचार करेगी यदि वह संभाग में साहू समाज को साधने अवसर देगी सूत्रों की माने तो और कोई नहीं है। वैसे यह तीन नाम बड़े नाम हैं और इनमें से तीनो को चुनाव लड़ने का अनुभव भी है। समाज यदि संभाग में टिकट को लेकर अड़ता है इन तीनों में से ही कोई एक प्रत्याशी होगा यह सूत्र कहते हैं। साहू समाज से वैसे कई और दावेदार भी हैं जो मानते हैं की वह टिकट पा सकते हैं लेकिन ऐसा मानने वाले केवल खुद ही मानते हैं समाज और अन्य समाज का जनाधार वह अपने बूते पार्टी के साथ अपने साथ जोड़ सकेंगे यह कोई स्वीकार करने तैयार नहीं है लेकिन ऐसे लोग खुद की दावेदारी दबी जुबान से पेश कर रहें हैं हर मंच पर नजर आ रहें हैं खुद को खुद दावेदार बता रहें हैं देखा जा रहा है।


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