रायपुर,29 अगस्त 2023 (ए)। भाई-बहन के अटूट और निश्छल प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व को लेकर भद्रा का साया छाया हुआ है। रक्षाबंधन पर्व मनाने और इसके शुभा मुर्हूत को लेकर विद्वानों के बीच चर्चा जारी है। आमजन भी इस दुविधा में हैं कि रक्षाबंधन पर्व कब मनाना सही होगा।
इस बार सावन माह की पूर्णिमा तिथि बुधवार 30 अगस्त को है, लेकिन इस दिन भद्रा का साया है। अगर पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया हो तो भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता ह।. भद्राकाल के समापन के बाद ही राखी बांधनी चाहिए। 30 अगस्त के दिन भद्राकाल रात में 9 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा। इसके बाद ही राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शुरू होगा। इधर भद्राकाल के साथ ही रक्षाबंधन पर राहुलकाल भी पड़ रहा है। ज्योतिषों और जानकारों के अनुसार 30 अगस्त को मध्यान्ह 12ः20 से 1ः54 तक राहुकाल रहेगा और प्रातः 10ः19 मिनट से पंचक शुरू होगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बहुत ही कम समय का है। 30 अगस्त को रात में 9 बजकर 2 मिनट पर भद्राकाल समाप्त होगा। वहीं सावन पूर्णिमा 31 अगस्त को सुबह 7.05 मिनट पर खत्म होगी। इसलिए रात में भद्रा खत्म होने के बाद और 31 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से पहले राखी बांधी जा सकती है।
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