- आम आदमी पार्टी की है मांग,डॉक्टर का निलंबन या उनके निजी क्लीनिक पर चलाया जाए बुलडोजर।
- मनेंद्रगढ़ में रसूखदार डॉक्टर के खिलाफ घायल मृतक के परिजनों के साथ खड़ी हुई गोंडवाना गणतंत्र व आम आदमी पार्टी।
- गोंडवाना गणतंत्र व आम आदमी पार्टी ने भी मामले में दर्ज कराई अपनी उपस्थिति,दोषी डॉक्टर के विरुद्ध कार्यवाही की उनकी भी है मांग।
- सात दिवस का प्रशासन को दिया गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अल्टीमेटम,डॉक्टर पर लापरवाही को लेकर कार्यवाही की है मांग।
- सत्ताधारी दल सहित विपक्षी दल रसूखदार डॉक्टर के पक्ष में,कर रहा डॉक्टर का बचाव।
- मामला दुर्घटना में घायल व्यक्ति के शासकीय अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के कारण हुई मौत से जुड़ा हुआ।
- सूचना मिलने उपरांत भी डॉक्टर पहुंचे थे घंटो विलंब से,घायल की बिना इलाज हुई थी मौत।
- मृतक के परिजनों ने इलाज के आभाव में मौत का आरोप लगाकर डॉक्टर पर लगाए थे गंभीर आरोप, जिस पर आजतक नहीं हुई कार्यवाही।
- फोन पर सूचना उपरांत भी डॉक्टर पहुंचे थे घंटो विलंब से,शासकीय चिकित्सक होकर भी घर में चलाते हैं अपना क्लीनिक।
- मामले में पहले डॉक्टर पर कार्यवाही की आई थी खबरें,अपने रसूख से डॉक्टर ने जनप्रतिनिधियों को कर लिया है वश में।
- जिलेभर के स्वास्थ्यकर्मियों की डॉक्टर ने करा दी थी अपने समर्थन में हड़ताल,खुद को इस तरह बचाया कार्यवाही से।
- मृतक के परिजनों पर दर्ज कराया गया है अपराध,अब मृतक के परिजन हैं परेशान।
- रसूखदार डॉक्टर जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया भी साथ ही खंड चिकित्साधिकारी भी।
-रवि सिंह-
एमसीबी 27 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। रसूखदार डॉक्टर के साथ जहां नवीन जिले के जिला मुख्यालय में सत्ताधारी दल के विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष,जनपद अध्यक्ष व पार्षद खड़े हैं, प्रमुख विपक्षी दल के नेता खड़े हैं वहीं अब उनके खिलाफ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है जो जिले की राजनीति को गर्माने वाला साबित करने वाला होगा क्योंकि अब सामने चुनाव हैं। रसूखदार डॉक्टर जिसे यहां बताया जा रहा है वह कोई आम डॉक्टर नहीं हैं वह नवीन जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया भी हैं व खंड चिकित्साधिकारी भी हैं, एक शल्य चिकित्सक भी हैं और खुद का ही वह निजी अस्पताल भी चलाते हैं जहां जांच, स्वास्थ्य परीक्षण की सभी सुविधा मौजूद है साथ ही वहां दवा की भी दुकान है। एक साथ इतनी जिम्मेदारी संभालने वाले डॉक्टर के विरुद्ध गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी आज क्यों खड़ी नजर आ रही है आइए इसका कारण एक बार फिर जानते हैं और कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
बता दें की मनेंद्रगढ़ शहर पहले अविभाजित कोरिया जिले का एक ऐसा शहर था जो आर्थिक आधार पर जिले का मुख्य शहर था जहां से जिलेभर का व्यापार जुड़ा हुआ था, जिले की मांग मनेंद्रगढ़ वासियों की पुरानी बहोत पुरानी मांग थी चूंकि वह सड़क सहित रेलमार्ग से भी जुड़ा था व्यापार का केंद्र इस हिसाब से उसकी मांग जायज भी थी लेकिन जब १९९८ में सरगुजा जिले से अलग कर नया जिला बनाया गया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर बना दिया गया जिसका मनेंद्रगढ़ वासियों ने खुलकर विरोध किया और उस समय एक जन आंदोलन खड़ा हुआ जो लगातार चलता रहा और शहर को जिला मुख्यालय बनाया जाए इसकी मांग कभी कमजोर वहां के लोगों ने पड़ने नहीं दी। १५ साल भाजपा ने सरकार में रहते हुए इस ओर ध्यान नहीं दिया, इसकी भी वजह रही कि शहर से भाजपा को कभी निर्णायक मत प्राप्त नहीं हुए लेकिन जब सत्ता परिवर्तन हुआ नई सरकार ने मांग को जायज माना और गत वर्ष नवीन जिले की घोषणा कर दी गई, साथ ही जिला मुख्यालय शहर को बना दिया गया। शहर को जिला मुख्यालय का दर्जा मिला शहर में जश्न भी मना शहर में जिला स्तरीय कार्यालयों सुविधाओं का भी विस्तार होने लगा और जिला अस्तित्व में पूरी तरह आ भी गया। शहर जिला मुख्यालय बनकर शहरवासियों को संतुष्ट तो कर गया लेकिन आम लोगों को जो सुविधाएं जो सहूलियत मिलनी चाहिए थी, वह आज तक नहीं मिल पा रही है और आज भी शहर में व्यवस्था का वही हाल है जो जिला मुख्यालय बनने से पहले थे यह कहना गलत नहीं होगा।
नवीन जिला की राजनीति अलग दिशा में जाति नजर आ रही
जिला मुख्यालय बनते ही जिलेवासियों को यह भी संभव नजर आया की अब शहर में भी जिला स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी और अब उन्हें आकस्मिक स्थितियों में बैकुंठपुर जाना नही पड़ेगा, लेकिन जब इसके उलट होने लगा शहरवासियों को यह आभास हुआ की मुख्यालय बनने मात्र से ही उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं होने वाला, कुछ ने आक्रोश प्रदर्शित कर दिया जिसका सत्ता पक्ष और प्रमुख विपक्षी दल ने समर्थन करने की बजाए विरोध कर दिया,अव्यवस्था के साथ वह खड़े नजर आए जिसके बाद अब शहरवासियों के साथ आम व्यक्तियों के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी खड़ी नजर आ रही है और अब शहर की राजनीति अलग दिशा में जाति नजर आ रही है।
नवीन जिला व मनेन्द्रगढ़ शहर के जिला मुख्यालय बनने के बाद भी एक रसूखदार डॉक्टर की ही है स्वास्थ्य विभाग में पूर्व की तरह ही है धमक
मामला स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ा हुआ है जहां आज भी नवीन जिला बनने शहर के जिला मुख्यालय बनने के बाद भी एक रसूखदार डॉक्टर की ही धमक है उसी के पास पूरी जिम्मेदारी है जो है तो शासकीय एक चिकित्सक मात्र लेकिन सीएमओ,बीएमओ सहित निजी क्लीनिक अस्पताल,जांच केंद्र सहित दवाई दुकान निजी सभी का वह संचालन करता है और सत्ताधारी दल या प्रमुख विपक्षी दल दोनो में ही अपनी पकड़ में रखता है जिससे नवीन जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे हो गई है और अब शहरवासियों को लगने लगा है की क्या सच में शहर जिला मुख्यालय है क्या सच में यहां शासकीय स्वास्थ्य व्यवस्था जिला स्तरीय है?
मृतक के परिजनों की शिकायत पर आज तक कार्यवाही नहीं
मामला एक घटना से जुड़ा हुआ है जहां एक वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाता है और परिजन उसे शहर के शासकीय अस्पताल लाते हैं और वहां पहुंचकर वह यह पाते हैं की अस्पताल में डॉक्टर ही मौजूद नहीं है, शाम का वक्त होने के नाते वह डॉक्टर को फोन लगाते हैं जैसा कि उन्ही का कहना है डॉक्टर उन्हे मरीज का निजी क्लीनिक में इलाज करने का हवाला देते हुए जल्द आने का आश्वासन देते हैं घायल को लेकर परिजन इंतजार करते रहते हैं और जब तक डॉक्टर आते हैं घायल की मृत्यु हो जाति है। अपने परिजन की मौत से वह भी डॉक्टर के विलंब से आने की वजह से हो जाने से परिजन और कुछ उसके करीबी अक्रोशित हो जाते हैं और वह डॉक्टर पर हमला कर देते हैं और फिर डॉक्टर को भागकर खुद को बचाना पड़ता है। इस मामले में पहले दिन मृतक के परिजनों के साथ उनके पक्ष में सत्ता पक्ष के और प्रमुख विपक्षी दल के नेता भी नजर आते हैं और कार्यवाही की डॉक्टर पर मांग करते हैं कार्यवाही होगी यह भी आश्वाशन मृतक के परिजनों को मिलता है और वह मृतक के क्रियाकर्म में लग जाते हैं। इधर डॉक्टर शहर में रसूखदार होने का स्वास्थ्य विभाग में प्रमुख जिला अधिकारी खंड अधिकारी होने का फायदा उठाता है और सबसे पहले पूरे जिले के स्वास्थ्य महकमे को हड़ताल पर बैठा देता है जिससे मृतक के परिजनों पर अपराध पंजीबद्ध हो सके और स्वास्थ्य महकमा जिला अधिकारी की बात मानता है और हड़ताल करता भी है और असर सरकार प्रशासन पर पड़ता है और मृतक के परिजनों पर अपराध दर्ज हो जाता है। डॉक्टर इसी बीच शहर जिले के सभी नेताओं से जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात करता है सभी को अपने पक्ष में करता है भले वह सत्ता दल के हों या प्रमुख विपक्षी दल के सभी को साधने में सफल हो जाता है।
चालाक लोमड़ी से काम नहीं डॉक्टर
डॉक्टर यहीं नहीं रुकता वह संभाग के अपने एक सत्ताधारी दल के नेता के साथ स्वास्थ्य मंत्री तक भी जा पहुंचता है और सभी तरफ से खुद का बचाव निश्चित कर पुनः लौट आता है, इस बीच ही जीवन दीप समिति की बैठक वह आयोजित करता है विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष के समक्ष उन पार्षदों से खुद से माफी मंगवाता है जो ऊपर उल्लेखित घटना में उसके विरोध में थे और खुद को पूरे मामले से बरी कर पाने का पूरा इंतजाम करता है। कुल मिलाकर डॉक्टर खुद को मामले से एक तरह से अपने आप को अपने रसूख के बल पर निकाल ले जाता है। इस बीच जिसने उसकी लापरवाही के कारण अपना परिजन खोया, जिसने जिला मुख्यालय का अस्पताल मानकर अपने घायल परिजन को अस्पताल में विश्वास के सहारे किसी तरह जान बच सके इस विश्वास पर पहुंचाया, उसका न तो परिजन बचा बल्कि उसके विरुद्ध अपराध दर्ज हो गया और वह बेसहारा हो गया, क्योंकि सभी नेताओं ने रसूखदार डॉक्टर के समाने नतमस्तक होने में ही भलाई मानकर उसका साथ छोड़ दिया उसे उसके हाल पर वह पक्ष हो यह प्रमुख विपक्षी दल। अब मृतक के परिजनों के साथ दो राजनीतिक दल आ खड़े हुए हैं जो डॉक्टर के विरुद्ध मोर्चा खोलने जा रहें हैं और अब डॉक्टर कैसे अपना बचाव करेंगे देखने वाली बात होगी।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन,सात दिवस में कार्यवाही की जाए दी चेतावनी
मामले में अब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उस परिवार के साथ जा खड़ी हुई है जिसने एक अपना परिजन खोया है और वह भी केवल इसलिए क्योंकि उसे समय पर इलाज नहीं मिल सका और चूंकि वह दुर्घटना में घायल हुआ था और उसे तत्काल इलाज की जरूरत थी और वे विश्वास के सहारे शासकीय अस्पताल पहुंचे थे,डॉक्टर को उन्होंने जब अस्पताल में नहीं पाया उन्होंने उनसे संपर्क किया वह आ रहे हैं यह आश्वस्त होकर ही वह रुके रहे लेकिन डॉक्टर घंटो विलंब से आए और घायल मृत हो गया ,डॉक्टर निजी क्लीनिक में मरीज देखने के कारण विलंब से आए जबकि वह शासकीय सेवा में निशुल्क सेवा उपलब्ध कराने शासन से नियुक्त हैं यही आक्रोश उस समय परिजनों ने डॉक्टर पर निकाला और जिसका परिणाम यह हुआ की डॉक्टर पर कार्यवाही नहीं हुई लापरवाही की बशर्ते मृतक के परिजनों पर कार्यवाही के लिए अपराध पंजीबद्ध हो गया। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मांग की है की डॉक्टर पर कार्यवाही की जाए और पीड़ित पक्ष को इसकी सूचना सात दिवस में दी जाए। वैसे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पीड़ित पक्ष के समर्थन में खड़े हो जाने से पीड़ित पक्ष को भी न्याय की उम्मीद जगी है क्योंकि डॉक्टर पर कार्यवाही का आवेदन पीड़ित पक्ष ने भी दिया था जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई वहीं रसूखदार डॉक्टर का प्रभाव प्रशासन को झुकाने में कामयाब रहा है पीड़ित पर अपराध दर्ज हो गया।
आम आदमी पार्टी की है मांग,डॉक्टर का निलंबन या उनके निजी क्लीनिक पर चलाया जाए बुलडोजर
अब मामले में आम आदमी पार्टी भी सामने आ गई है,हाल ही में प्रदेश की राजनीति में आम आदमी पार्टी सक्रिय हुई है और हर विधानसभा से वह चुनाव की अपनी तैयारी कर रही है,इसी बीच मनेंद्रगढ़ में अपने प्रेस वार्ता में आम आदमी पार्टी ने जो विषय सामने रखे है उसमे प्रमुख है पहले मनेंद्रगढ़ में अस्पताल में रात के समय एम बी बी एस चिकित्सक की उपस्थिति बनी रहे वहीं डॉक्टर तिवारी का निलंबन या उनके क्लीनिक पर बुलडोजर चलाते हुए शहर की जनता से माफी मंगवाना प्रमुख है। अब तक जिस पीड़ित को सत्ताधारी दल और प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं ने अकेला छोड़ दिया था आम आदमी समझकर उसे अब आम आदमी पार्टी का ही सहारा मिल गया है और अब वह मामले में पीड़ित के साथ है यह नजर आने लगा है
चुने गए जनप्रतिनिधि के सामने एक सरकारी कर्मचारी टांग पर टांग चढ़ा कर बैठा है और विधायक नमकीन खा रहे हैं
आम आदमी पार्टी के नेता ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में मनेन्द्रगढ़ जिले में दोनों विधायकों ने जनता की ऐसी स्थिति कर दी है चुने हुए निर्वाचित प्रतिनिधि से माफी मंगाई गई और प्रतिनिधि कुर्सी पर बैठाने गए तो उनसे कहा कि गले लगो और कहो कि आप दोबारा ज्वाइन कर ले, यह लोकतंत्र का चीरहरण है यह कोई मामूली घटना नहीं है, लोगों को मोबाइल में यह वीडियो गया ही होगा, कुछ बहादुर पत्रकारों ने खबर भी प्रकाशित की लेकिन,यह कोई मामूली घटना नहीं है शर्म से डूबा देने वाली घटना है, लोकतंत्र के इतिहास में मनेन्द्रगढ़ शहर में पहले कभी नहीं हुआ की एक चुने गए प्रतिनिधि से एक सामने एक सरकारी कर्मचारी रुबाब के साथ टांग पर टांग चढ़ा कर बैठा हो और लोकल विधायक नमकीन खा रहे हैं, उन्हें शर्म नहीं आई। आम आदमी के कार्यकर्ता ने जनता से अपील किया कि मनेन्द्रगढ़ जिले में लूट मची हुई है, वहां के प्रतिनिधियों के द्वारा, नगर पालिका अध्यक्ष के द्वारा, पार्षदों के द्वारा, विधायकों के द्वारा लुटा जा रहा है, जनता से अनुरोध है कि आपका जनप्रतिनिधि जहां भी मिले उसी जगह उनसे मोबाइल छीन लीजिए, उनके जेब से पैसा छीन लीजिए, उनके कपड़े उतार लीजिए और उन्हें निवस्त्र करके भेजिए, क्योंकि खुलेआम लूट मची है प्रशासन नंगा नाच कर रहा है भ्रष्टाचार का, तो यह जो पैसा विनय जायसवाल जी जमा कर रहे हैं कमरों की प्रभा पटेल जी जितना ही धन बटोर रहे हैं यह किसी का भी खानदानी पैसा नहीं है, यह सब पब्लिक का पैसा है, जब हमारे प्रतिनिधि हमें लूट रहे खुलेआम उसका वीडियो वायरल हो रहा है, ताली बजा रही नमकीन खाया जा रहा चाय पिया जा रहा है, जब भ्रष्टाचार खुल के बेशर्मी के साथ होने लगे तो जनता को अपना हक छीना पड़ेगा।