नई दिल्ली,26 अगस्त2023(ए)। भाजपा राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रही है, लेकिन इसकी राज्य इकाई में अंदरूनी कलह पार्टी को परेशान कर रही है। कई दिग्गज नेता शीर्ष नेतृत्व द्वारा पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को चुनाव अभियान की जिम्मेदारी सौंपने से नाराज दिख रहे हैं।
जब पूनिया राजस्थान भाजपा प्रमुख थे, तब उनकी कार्यशैली की पार्टी के कुछ दिग्गज नेताओं ने कड़ी आलोचना की थी। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के चार प्रमुख धार्मिक स्थलों से चार ‘परिवर्तन यात्राएं’ निकालने जा रही भाजपा ने पूनिया को एक यात्रा का नेतृत्व सौंपा है। इससे राजस्थान से लेकर दिल्ली तक पार्टी के कुछ नेता नाराज हो गए हैं।
क्रमशः 2, 3, 4 और 5 सितंबर को शुरू होने वाली यात्राएं 25 सितंबर को जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक विशाल सार्वजनिक संबोधन में समाप्त होंगी। चौथी यात्रा को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी 5 सितंबर को हनुमानगढ़ के गोगामेड़ी से हरी झंडी दिखाएंगे। पार्टी आलाकमान ने इस यात्रा के नेतृत्व की जिम्मेदारी अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूनिया को सौंपी है।
जो लोग पूनिया से खुश नहीं हैं, उनमें राजस्थान में पार्टी के कुछ दिग्गज नेता, कुछ वर्तमान और पूर्व केंद्रीय मंत्री और संवैधानिक पदों पर बैठे राजस्थान बीजेपी के एक दिग्गज नेता भी शामिल हैं।
कहा जा रहा है कि कई गुटों में बंटी राजस्थान बीजेपी में सभी गुटों के नेता उनसे नाराज हैं।
पूनिया ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोला था।
वरिष्ठ नेताओं की बार-बार शिकायत के बाद मार्च में पार्टी आलाकमान ने पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया और लोकसभा सांसद सी.पी. जोशी को राजस्थान भाजपा का नया प्रमुख नियुक्त किया। हालांकि, बाद में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने पूनिया को राज्य विधानसभा में विपक्ष का उपनेता बना दिया।
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