बैकुण्ठपुर@बैकुंठपुर विधानसभा में अभी भी दावेदारों को टिकट मिलने के आसार,फिर दावेदारों ने लगाई विधानसभा अध्यक्ष के पास गुहार

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  • वर्तमान विधायक को छोड़कर अधिकांश दावेदार पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष के द्वार,टिकट पाने की मनुहार
  • विधानसभा अध्यक्ष ने भी सभी को बिठाया एक साथ,कहा आए हुए सभी एक नाम पर बना लें आम सहमती,कर देता हूं उसी के नाम का मैं ऐलान:सूत्र
  • आपसी सामंजस्य बना पाने में असफल सभी कांग्रेस पार्टी से बैकुंठपुर विधानसभा के दावेदार लौटे घर देर रात।
  • कांग्रेस पार्टी से बैकुंठपुर विधानसभा के लिए हैं कुल 52 दावेदार
  • एक बार फिर दावेदार मुंह लटका कर रायपुर से आए वापस
  • वर्तमान विधायक के अलावा बाकी दावेदार क्या तय कर पाएंगे कोई एक नाम?
  • जनपद उपाध्यक्ष पति भी विधानसभा अध्यक्ष के सभाकक्ष में अपनी उपाध्यक्ष पत्नी के लिए टिकट मांगने के दौरान शिक्षक पति रहे मौजूद,आखिर स्कूल में उनके फिर वह कैसे थे उस दिन मौजूद,तस्वीर आई सामने

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,26 अगस्त 2023 (घटती घटना)। 
सत्ता की ललक ऐसी ललक होती है की सत्ता की ललक की आकांक्षा रखने वाला अंतिम दम तक उम्मीद नहीं छोड़ता और वह अंतिम तक संघर्ष करता है, जिससे उसे सत्ता की कुर्सी मिल सके और वह पांच साल का सरदार (राजा) बन सके,पांच साल बाद भी वह आगे के लिए प्रयासरत रहता है, यह भी बताने की जरूरत नहीं है लेकिन सबसे पहली किसी सत्ता के आकांक्षी व्यक्ति की यही अभिलाषा रहती है की उसे एक बार तो मौका मिल जाए, शेष वह आगे मौका खुद बना लेगा और आगे वह खुद को इतना काबिल बना लेगा की उसे उसके सामने प्रतिद्वंदी ही नजर नहीं आएंगे और वह सत्ता प्राप्त करता चला जायेगा। ऐसा ही कुछ आजकल अविभाजित कोरिया जिले की राजनीति में देखने को मिल रहा है, अविभाजित जिले के वर्तमान तीनो विधानसभाओं के तीनो विधायक ही चुनाव लडेंगे आने वाले चुनाव में और वही जीतकर भी आ रहे हैं पार्टी की तरफ से वह तय प्रत्याशी हैं, यह बात सबसे पहले एमसीबी नवीन जिले से विधानसभा अध्यक्ष सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं, वहीं लोकसभा स्तरीय बैठक आयोजित कर प्रदेश प्रभारी ने भी सभी दावेदारों के सामने स्पष्ट कह दिया है की कांग्रेस पार्टी की सरकार बन रही है और ऐसा उन्होंने उन्हीं के द्वारा यह पूछकर जाना है जब उन्होंने खुद मान लिया है की सरकार का कामकाज अच्छा है और वह जीत कर आने वाली है तब ऐसी स्थिति में टिकट काटना कोई विषय ही नहीं है, और जाकर सभी अब पार्टी के चिन्ह का ध्यान रखकर प्रचार प्रसार में जुट जाएं शेष अब दावेदारों के नाम पर कोई चर्चा नहीं होगी।
अब दो दो बार दो बड़े नेताओं के स्पष्ट आदेश और संदेश के बाद भी अविभाजित कोरिया जिले के दो विधानसभा के अधिकांश दावेदार यह स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं की वर्तमान विधायक को ही टिकट दिया जाए वह अपनी अपनी दावेदारी पुख्ता करने हर संभव प्रयास कर रहें हैं और लगातार राजधानी का दौरा लगा रहें हैं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गुरुवार देर शाम बैकुंठपुर विधानसभा से वर्तमान विधायक को छोड़कर जितने भी दावेदार अपनी दावेदारी विधानसभा प्रत्याशी के रूप में दर्ज करना चाह रहे हैं चुनाव लडना चाह रहे हैं वह विधानसभा अध्यक्ष के घर पहुंच गए जहां उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और अपनी अपनी दावेदारी को लेकर उन्होंने अपने अपने दावे किए। विधानसभा अध्यक्ष के स्पीकर वाले सभाकक्ष में सभी की मुलाकात विधानसभा अध्यक्ष से हुई और पहुंचे हुए दावेदारों की संख्या 20 के करीब थी, जिसमें महिला दावेदार भी शामिल थीं जिसके बाद सूचना मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी सभी से मिलने का निर्णय लिया और सबसे पहले उन्होंने महिला दावेदारों को बुलावा भेजा,सभी महिला दावेदारों से मुलाकात करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पुरुष दावेदारों से मुलाकात ही और उन्हे दो टूक कह दिया जीतने भी लोग आप आज आए हैं वह अपने बीच से एक नाम तय करके बता दें जिसमे सभी की आम सहमती हो टिकट बदल दिया जायेगा और उसे ही टिकट दे दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने शातिराना अंदाज में अपने राजनीतिक अनुभव का उपयोग करते हुए निर्णय लेने का अधिकार आए हुए दावेदारों के तरफ हस्तांतरित कर दिया जिसके बाद पहुंचे सभी दावेदार हक्का बक्का रह गए और उन्हे कुछ सूझ ही नहीं सका। सूत्रों की माने तो पहुंचे हुए सभी आपस में सामंजस्य बना पाने में असफल रहे और बाद में वह लौट आए,इस तरह यह तय हो गया की अब वर्तमान विधायक ही उम्मीदवार होंगी जो तय माना जाना स्पष्ट है। आपस में से एक नाम तय करने के विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर पहुंचे हुए कांग्रेस पार्टी के बैकुंठपुर से दावेदारों ने काफी चिंतन मनन आपस में किया लेकिन किसी ने भी किसी एक नाम पर सहमति से इंकार कर दिया,अब जब एक नाम पर सहमति ही नहीं बन पा रही है तो यह भी तय है की पार्टी का निर्णय वर्तमान की तरफ जाएगा।
जनपद उपाध्यक्ष पति विधानसभा अध्यक्ष के सभाकक्ष में अपनी पत्नी के लिए टिकट मांगने के दौरान मौजूद,आखिर स्कूल वाले दिन वह कैसे थे मौजूद?
बैकुंठपुर जनपद उपाध्यक्ष बैकुंठपुर के पति जो एक शिक्षक हैं शासकीय वह भी राजधानी में कई दिनों से डटे रहे,उन्हें भी विधानसभा अध्यक्ष के सभा कक्ष में देखा गया जिसकी तस्वीर भी समाने आई है जब बैठक विधानसभा अध्यक्ष ले रहें हैं। बता दें की जनपद उपाध्यक्ष बैकुंठपुर के पति शासकीय शिक्षक हैं और वह स्कूल नहीं जाते लेकिन वेतन उन्हे मिलता है और उनका हस्ताक्षर भी प्रतिदिन का होता है जबकि वह दिनभर अपनी उपाध्यक्ष पत्नी के साथ ही क्षेत्र भ्रमण पर रहते हैं और इसीलिए उन्होंने अपनी चार पहिया गाड़ी पर काला फिल्म भी लगाया हुआ है जो कानून रूप से गैर कानूनी है, जिसपर उन पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों की भी नजर नही जाति जो गरीबों से दिनभर चालान काटते हैं वहीं उपाध्यक्ष पति जो शिक्षक हैं उनके स्कूल में वह अकेले एकमात्र शिक्षक हैं और उसके बाद भी वह स्कूल में न रहते हुए भी वेतन कैस पा रहे हैं? यह सोचने वाली बात है, विधानसभा अध्यक्ष भी क्या नहीं जानते जबकि वह क्षेत्र के सभी लोगों को जानते हैं की कौन क्या है? और वह भी उपाध्यक्ष के शिक्षक पति का स्कूल छोड़कर घूमना बंद नहीं कर पा रहे हैं। वैसे यदि स्कूल न जाकर एक शिक्षक वेतन ले रहा है तो फिर अन्य शिक्षक बीना स्कूल जाए वेतन क्यों नहीं पा जाते उन पर एक दिन या एक घंटे के विलंब पर भी कार्यवाही होती है ऐसा क्यों? क्या सत्ताधारी दल का होना नियम कायदों से ऊपर होना होता है। वैसे जनपद उपाध्यक्ष पति का मामला जांच का भी है।


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