महिला रोबोट को भेजा जाएगा चांद पर
नई दिल्ली,25 अगस्त 2023 (ए)। चंद्रयान 3 की सफलता से ऊर्जा पाकर इसरो अब अपने अगले मिशन की शरुआत कर दी है। इसरो के अगले मिशन को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि, भारत अगले साल चांद पर महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ को भेजेगा। इस मिशन की सफलता के बाद इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को भेज सकेगा। दरअसल, अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने का ट्रायल करने के लिए इसरो गगनयान मिशन को लॉन्च करने की तैयारी में जुटी है। इसे अगले डेढ़ महीने में लॉन्च किया जा सकता है। इस मिशन में मानवरहित विमान को रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसके जरिए इसरो अपने सिस्टम और तैयारियों को परखेगा। अगले साल इस मिशन के दूसरे पड़ाव में ‘व्योममित्र’ रोबोट को भेजा जाएगा। इसकी मदद से इंसानों के जाने का रास्ता साफ होगा।
कितनी खास है महिला रोबोट
दुनिया का बेस्ट स्पेस ह्यूमेनॉयड रोबोट का
खिताब मिला
इसरो ने मिशन गगनयान के लिए 24 जनवरी 2020 को यह रोबोट पेश किया था। इसे बनाया ही इसलिए गया था ताकि इंसानों को भेजने से पहले अंतरिक्ष में इसे भेजा जाए। इसके जरिए अंतरिक्ष में इंसानों पर पड़ने वाले असर को समझा जा जाएगा। इसे काम करने के तरीके को सराहा गया और इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का खिताब दिया गया है। इसे कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में रखा गया है।
अंतरिक्ष में क्या काम
करेगी महिला रोबोट?
दरअसल, महिला रोबोट व्योममित्र इंसानों यानी अंतरिक्ष यात्रियों की तरह काम करेगी। यह गगनयान के क्रू मॉड्यूल को पढ़ेगी और जरूरी निर्देशों को समझेगी। इसके साथ ही यह ग्राउंड स्टेशन में मौजूद वैज्ञानिकों और मिशन की टीम से सम्पर्क करके बात करेगी। इस मानवरहित मिशन के परिणाम ही इंसानों के अंतरिक्ष में जाने का रास्ता खोलेंगे। गगनयान के तीसरे पड़ाव की लॉन्चिंग में भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
यह मिशन बहुत खास है क्योंकि इसमें गलती की गुंजाइश नहीं छोड़ी जा सकती। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मिशन में भारतीय वासुसेना के काबिल पायलटों को भेजने की तैयारी है। यही वजह है कि इसके लिए तैयारियों में एक-एक बात का ध्यान रखा जा रहा है।
इसरो के चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब दुनिया की नजरें गगनयान मिशन पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया संबोधन में इसका जिक्र किया था। जिससे अब दुनिया के साथ भारतीयों की नजरें इसरो के गगनयान मिशन पर बनी हुई हैं।