अनूपपुर@श्रमिक कार्डधारी बन सचिव ले रहा सरकारी राशन का लाभ

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ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव भले ही सरकार से हजारों रुपए महीने का वेतन ले रहे हैं। लेकिन स्वयं को गरीब मानकर सरकारी योजनाओं का लाभ लेते हुए उन्हें जरा भी शर्म महसूस नही होती है। इसी क्रम में एक सचिव द्वारा पिछले कई वर्षो से अपने स्वयं के नाम से असंगठित कर्मकार योजना का श्रमिक कार्ड बनवा योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। यहां तक कि सरकारी राशन दुकान से हर महीने अपने हिस्से का चावल, गेहूं, नमक जैसी चीज लेने में कोई कोताही नहीं बरत रहा। यह कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं बल्कि सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज वह हकीकत है जिसमे एक पंचायत सचिव खुद को एक गरीब मजदूर होने का सबूत दे रहा है।

-अरविन्द द्विवेदी-
अनूपपुर,24 अगस्त 2023 (घटती घटना) राज्य सरकार के मध्य प्रदेश स्टेट फूड सिक्योरिटी पोर्टल पर दर्ज जानकारी के अनुसार जिले के जैतहरी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बिजौडी निवासी सचिव दिलीप पाठक पिता गिरधारी पाठक का नाम राशन मित्र पोर्टल पर परिवार आईडी क्र. 32340864 दर्ज है। जिसमें मुखिया स्वयं सचिव दिलीप पाठक है। जिसकी समग्र आईडी 159894749 दर्ज है एवं उक्त राशन कार्ड की सूची में 06 सदस्यो के नाम दर्ज है। समस्त सदस्यो के हिस्से का राशन हर महीने लिया जा रहा है। सचिव दिलीप पाठक कई वर्षो से पंचायत सचिव के रूप में अनुपपुर जिले के ग्राम पंचायतों में कार्य कर चुका है और आज वर्तमान में पसला ग्राम पंचायत में पदस्थ है। इसके बावजूद भी वह कई वर्षो से लगातार पंचायत सचिव होने के साथ एक राशन कार्ड धारक बनकर शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोकते हुए एक बड़े भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है। असंगठित कर्मकार मंडल योजना श्रमिक कार्ड पंजीयन हेतु पात्रता निर्धारित की गई है। जिसके अंतर्गत निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीयन के लिए श्रमिक की उम्र 18 से 60 वर्ष के तथा 12 माह में कम से कम 90 दिवस निर्माण क्षेत्र मे कार्य करना आवश्यक होता है। जिसके लिए प्रमाणपत्र पंजीकृत श्रम संगठन, श्रम निरीक्षक, निर्माणकर्ता, निर्माण एजेंसी, ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय आदि द्वारा जारी किया जाता है और जिसका नवीनीकरण हर 3 वर्ष में होता है। तो उक्त नियमानुसार एक पंचायत सचिव जो कि एक शासकीय सेवक होने के साथ हर महीने वेतन का लाभ ले रहा है वो भला एक जॉब कार्ड धारी मजदूर कैसे हो सकता है.? इसके अलावा एक पंचायत सचिव अपने कार्यस्थल पंचायत के कामों को छोड़कर अपने निवास ग्राम में मजदूरी करने तो आयेगा नही, तो फिर वो श्रमिक कार्ड के लिए कैसे पात्र हो गया यह सोचने वाली बात है। किंतु भ्रष्टाचार, षडयंत्र, आपसी मिलीभगत और कमीशन के चक्कर ने एक शासकीय वेतनभोगी सचिव को भी कागजों में मजदूर बना दिया है।

जिम्मेदार के बोल

आपके द्वारा जानकारी दी गई है, मैं इस मामले की जानकारी सचिव से लेता हूं।

बी.एम. मिश्रा

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैतहरी


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