कोरिया/एमसीबी,@कांग्रेस में दावेदारी से जुड़ा मामलाःविधायक पद के लिए दावेदारों की ऐसी लगी लाइन जैसे लगा हो रोजगार मेला

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  • क्या विधायक नंबर दो का परफॉर्मेंस 3 से बेहतर सिर्फ 21 लोगों ने उनके विरुद्ध दावेदारी पेश की?
  • बेरोजगार जिस तरह रोजगार के लिए लगाते हैं लाइन वैसे ही नजर आई विधायक पद के दावेदारों की लाइन
  • बैकुंठपुर विधानसभा से विधायक सहित 52 लोगों ने कांग्रेस पार्टी से विधायक पद के लिए दावेदारी पेश की
  • इतनी बड़ी संख्या में एक विधानसभा में विधायक प्रत्याशी की दावेदारी देखने को मिली…ऐसा आज तक कभी नहीं देखा गया
  • अभिभाजित कोरिया के तीनों विधानसभा में विधानसभा क्रमांक 1 में गुलाब कमरों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं
  • बैकुंठपुर विधायक के खिलाफ दावेदारों की संख्या अर्धशतक के करीब,मनेन्द्रगढ़ विधायक के खिलाफ 21 आवेदन, भरतपुर सोनहत विधायक के खिलाफ कोई आवेदन नहीं
  • बैकुंठपुर विधायक के खिलाफ 50 से अधिक लोगों ने आवेदन भर के दावेदारी पेश की…इतने आवेदन से विधायक की छवि पर उठा सवाल

-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी,24 अगस्त 2023 (घटती घटना)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव सामने हैं नजदीक हैं जिसे लेकर दोनों दल प्रत्याशी तय करना चाहते हैं, जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी तय कर सूची जारी कर रही है, वहीं कांग्रेस में प्रत्याशियों की दावेदारी हो रही है, दावेदारी भी ऐसी हो रही है जैसे लग रहा है कि रोजगार के लिए बेरोजगार आवेदन कर रहे हैं, जिन्हे कोई जानता पहचानता नहीं जो किसी विधायक मंत्री के साथ घूमने मात्र से अपनी पहचान बना पाए हैं जो कभी जनसेवा के लिए घर से निकले ही नहीं जिन्हे विधानसभा में शामिल ग्राम और मतदाताओं की संख्या सहित जरूरी जानकारी भी नहीं है वह भी हांथ में दावेदारी का फार्म लिए नजर आए और अपनी दावेदारी उन्होंने प्रस्तुत की, विधायक पद के लिए ऐसे लोग प्रत्याशियों की संख्या बढ़ा रहे हैं आखिर यह संख्या बढ़ाकर क्या साबित करना चाह रहे हैं? पर यदि दूसरे नजरिया से देखा जाए तो फॉर्म भरने वाले में लगभग लोग बेरोजगार हैं और क्या इसीलिए एक पद के रोजगार में वह आवेदन कर रहें हैं कि उन्हें रोजगार मिल जाए और 5 साल में उनका जीवन संभल जाए? खुद की पार्टी में बेरोजगार महसूस करने वाले क्या यही सोच के विधायक पद की दावेदारी कर रहे हैं कि उन्हें एक पद पर रोजगार ही मिल जाए? क्या विधायक का पद अब रोजगार की दृष्टि से देखा जा रहा बड़ा सवाल है? वैसे कांग्रेस पार्टी इसे लोकतांत्रिक प्रणाली का हिस्सा बता रही है और वह कह रही है की भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जहां आंतरिक लोकतंत्र है और पार्टी का हर कार्यकर्ता दावेदारी कर सकता है, वहीं यदि पार्टी के ही कुछ बड़े नेताओं का बयान हाल फिलहाल का सुना जाए तो यह भी समझ में आता है की पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र और पार्टी लोकतांत्रिक प्रणाली से दावेदार तय करेगी यह बातें केवल एक शिगुफा साबित होती नजर आएंगी, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष का एमसीबी जिले में दिया गया बयान की किसी भी वर्तमान विधायक का टिकट अविभाजित कोरिया जिले में नहीं कट रहा है और उप मुख्यमंत्री का यह बयान एक टीवी चैनल में की जैसे की मुख्यमंत्री का टिकट तय है सभी जानते हैं, उनका टिकट नहीं कटेगा लेकिन आवेदन दावेदारी उनके विधानसभा में भी होगी, और सभी विधानसभा से केवल एक नाम ही स्क्रीनिंग कमेटी के पास भेजने का प्रयास किया जाएगा जो आपसी सामंजस्य से भेजा जाएगा।
मनेंद्रगढ़ विधायक सहित 22 ने किया विधानसभा क्रमांक 2 से दावेदारी
अविभाजित कोरिया जिले से वर्तमान तीनो विधायक ही चुनाव लडेंगे कांग्रेस पार्टी से यह विधानसभा अध्यक्ष घोषणा कर चुके हैं बावजूद इसके केवल एक विधानसभा विधानसभा क्रमांक 1 ही ऐसा रहा जहां वर्तमान के विरोध में या दावेदारी स्वरूप भी एक भी दावेदार आवेदन जमा करने नहीं पहुंचा,क्रमांक 3 में जहां दावेदारों के अर्धशतक का आंकड़ा पूरा किया वहीं क्रमांक 2 में दावेदारों की संख्या 22 तक पहुंची। कुल मिलाकर क्रमांक 2 जो अविभाजित कोरिया जिले का ही एक विधानसभा है वहां भी वर्तमान विधायक अपने विरुद्ध अन्य दावेदारों को दावेदारी करने से रोक नहीं सके और यह उनकी घटती लोकप्रियता मानी जायेगी।
बैकुंठपुर विधायक ने अपनी दावेदारी रद्द होने से बचने खुद ही भय में दर्ज कराई दर्जनों दावेदारी-सूत्र
बैकुंठपुर विधानसभा में दावेदारी करने वालो की संख्या अर्धशतक के करीब है और इतनी बड़ी संख्या में दावेदारी स्वेक्षा से खुद लोगों ने किया ऐसा सूत्र नहीं मानते उनका मानना है की सबसे ज्यादा दावेदारी स्वयं वर्तमान विधायक ने दर्ज कराई है अपने निज सचिव तक को उन्होंने दावेदार बनाया है सूत्रों का कहना है की विधायक विधानसभा अध्यक्ष के उस बयान के बावजूद की वर्तमान ही दावेदार होंगे भयभीत थीं और उन्हे ऐसा लगता था की उनकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता पार्टी में भी नहीं है इसलिए उन्होंने अपने खास समर्थकों को दावेदारी करने निर्देशित कर दिया और यह सबसे बड़ी वजह बनी दावेदारों की संख्या बढ़ने की,विधायक का भय देखकर उनके लोगों की दावेदारी सामने आते देखकर अन्य प्रबल दावेदारों ने पूरी प्रकिया को एक मजाक इसलिए बना दिया जिससे विधायक भयभीत बनी रहें और अन्य ने भी अपने अपने समर्थकों को दावेदारी करने भेज दिया इस तरह संख्या अर्धशतक तक जा पहुंची।
क्या जागती आंखों से सपना देख रहे कांग्रेसी?
दो बड़े नेता यह स्पष्ट कर चुके हैं की दावेदारी करना है वह करे पार्टी ने एक व्यवस्था बना दी है लेकिन जो तय होना था वह हो चुका है और यह मात्र केवल एक अभियान है एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे आवेदन करने वाला टिकट पाए न पाए, जो पाएगा नहीं और जिसे मिलना है वह तय हो चुका है, शेष जो आवेदन कर रहें हैं वह यह मानकर संतुष्ट हो सकें की आंतरिक लोकतंत्र था, इसलिए वह विधायक बनने का सपना तो देख सके भले वह यह जानकर जागती आंखों से सपना देख रहे थे, जबकि उन्हे मालूम था वह एक झूठ को झूठ मानकर भी उसे सच मानने मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें यदि पार्टी में मान सम्मान के साथ रहना है तो दिखाया जा रहा सपना उन्हे देखना है।
प्रदेश के विधानसभा क्रमांक 1 के विधायक गुलाब कमरों निकले बहुत शातिर
प्रदेश के कुछ ही विधानसभा सत्ताधारी दल के लिए उनकी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत दावेदार ढूंढेने के मामले में ऐसे रहे जहां एक से अधिक दावेदार सामने नहीं आए, उनमें से एक है प्रदेश का विधानसभा क्रमांक 1 इस विधानसभा में केवल एक ही दावेदार ने अपनी दावेदारी कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष को प्रस्तुत की और वह अकेले ही दावेदार हैं यह उन्होंने साबित किया, अपने विधानसभा में सिर्फ वह स्वयं ही विधायक के दावेदार हैं इसके अलावा कोई भी दावेदारी उनके सामने नहीं कर पाया, पर सूत्रों की माने तो गुलाब कमरों ने विधानसभा क्रमांक 2 विधानसभा क्रमांक 3 दोनों को प्रभावित करने का प्रयास किया, बताया जा रहा है कि दोनों जगह पर कुछ ऐसे दावेदार थे जो गुलाब कमरों के कहने पर क्रमशः क्रमांक 2 व 3 से दावेदारी की और जब इसका खुलासा हो गया उन्हे पार्टी के दबाव की वजह से उन्होंने ही उनकी दावेदारी वापस करा ली, वैसे गुलाब कमरों यदि अन्य विधानसभा में दावेदार खड़ा कर सकते हैं तो वह चूंकि अन्य दो विधानसभा में अपनी पकड़ रखते हैं, और वह वहां के परिणाम भी प्रभावित कर सकते हैं इसमें कोई शक नहीं है। गुलाब कमरों ने अपने विधानसभा में एक भी दावेदार पांच सालों में अपने विरुद्ध खड़ा होने नहीं दिया, यह उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी। प्रदेश में भी उनका कद अब पार्टी में बढ़ा हुआ नजर आएगा, क्योंकि वह प्रदेश के उन कांग्रेस पार्टी के दावेदारों में से एक हो गए, जिनके विरुद्ध पार्टी से कोई अन्य नहीं है। इस तरह यदि प्रदेश में पार्टी की सरकार बनती है तो वह कैबिनेट मंत्री तक विधानसभा जितने के बाद दावेदार हो जायेंगे और जिसका आशीर्वाद भी उन्हे इसका विधानसभा अध्यक्ष दे चुके हैं।


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