बैकुण्ठपुर@कोरिया सहित एमसीबी नवीन जिले के जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों के नामों की हुई घोषणा,विधानसभा अध्यक्ष के करीबी हैं दोनों

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  • जिलाध्यक्ष बने वाले प्रदीप गुप्ता व अशोक श्रीवास्तव दोनों वर्तमान में सांसद प्रतिनिधि
  • घटती-घटना खबर पर लगी मोहरकोरिया से प्रदीप गुप्ता व एमसीबी से अशोक श्रीवास्तव बने जिलाध्यक्ष
  • कोरिया के नव नियुक्त जिलाध्यक्ष किस तरह दिलाएंगे विधायक प्रत्याशी को जीत,जबकि खुद की एक चुनाव में जब्त हो चुकी है उनकी जमानत

बैकुण्ठपुर,18 अगस्त 2023 (घटती घटना)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कई जिलों के जिला कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष बदल दिए वहीं कई नवीन जिलों में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी, यह नियुक्तियां और यह बदलाव होने हैं यह कई महीनों से चली आ रही पार्टी की ही अंदरूनी चर्चा और जारी प्रयास था जो आज मूर्त रूप में दिखा जब घोषणा भी हुई और आदेश भी जारी कर दिया गया। प्रदेश के जिन नवीन जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए उनमें से नवीन जिला मनेंद्रगढ़ भी एक जिला है जहां नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति हुई, क्योंकि जिला गठन और उसके अस्तित्व में आने के बाद भी अब तक वहां नियुक्ति नहीं हो सकी थी और जो पार्टी को करनी अनिवार्य थी जो पार्टी ने किया भी वहीं कोरिया जिले के जिलाध्यक्ष को हटाकर किसी अन्य को जिम्मा दिया जायेगा और यह भी चर्चा लगातार चलती आ रही थी और वह भी इस जारी आदेश में मूर्त रूप में नजर आई और कोरिया जिले के जिलाध्यक्ष की छुट्टी कर नए को जिम्मेदारी दे दी गई।
कोरिया जिल में लगातार जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सम्हाल रहे नजीर अजहर की छुट्टी करते हुए पार्टी ने बैकुंठपुर शहर के प्रदीप गुप्ता को जिम्मेदारी प्रदान की वहीं नवीन जिला एमसीबी के लिए अशोक श्रीवास्तव का नाम पार्टी ने घोषित कर दिया जो जारी आदेश अनुसार देखा जा सकता है। कोरिया जिला विभाजन के बाद यह तय था की नवीन जिले में नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की ही जानी है वहीं कोरिया जिलाध्यक्ष जिनके कार्यकाल में अविभाजित कोरिया जिले की तीनो विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में डालने वाले जिलाध्यक्ष की छुट्टी सवाल खड़ा कर गई की आखिर क्यों एक ऐसे जिलाध्यक्ष की छुट्टी कर दी गई जो पार्टी के लिए जिताऊ साबित हुआ था और जिसका नेतृत्व अब तक सफलता दिलाता चला आ रहा था,वैसे इस बीच विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी कोरिया जिले में कई महत्वपूर्ण चुनाव हार गई थी और वह एक कारण माना जा रहा है की जिलाध्यक्ष की छुट्टी इसीलिए हुई जिसमे जिला पंचायत अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष,सहित सदस्य का चुनाव,जनपदों में हुए चुनाव जिनमे पार्टी अपना अध्यक्ष उपाध्यक्ष बैठा तो सकती थी लेकिन सामंजस्य के अभाव में वह कई जगह अध्यक्ष का पद खो बैठी कहीं उपाध्यक्ष का वहीं नगर पालिका चुनाव जिसमे बहुमत होकर भी पार्टी कहीं अध्यक्ष का पद खो बैठी और कहीं उपाध्यक्ष का, वैसे इसकी जिम्मेदारी केवल जिलाध्यक्ष की ही थी यह कहना गलत होगा क्योंकि विधायक इन चुनावों में स्वयं सामंजस्य बैठाने और निर्णय लेने सक्रिय नजर आते थे और उन पर इसका ठीकरा नहीं फूटा जिलाध्यक्ष अकेले निपट गए जो कहीं न कहीं एक सवाल है।
कोरिया एमसीबी जिलाध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष समर्थक,दोनों वर्तमान में सांसद प्रतिनिधि भी हैं
कोरिया जिले के नव नियुक्त जिलाध्यक्ष साथ ही एमसीबी जिलाध्यक्ष जिन्हे बनाया गया है क्रमशः प्रदीप गुप्ता और अशोक श्रीवास्तव दोनो ही विधानसभा अध्यक्ष के समर्थक हैं वहीं दोनो ही विधानसभा अध्यक्ष की धर्मपत्नी जो क्षेत्रीय सांसद भी हैं उनके प्रतिनिधि भी हैं और इस हिसाब से जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में पूरी तरह विधानसभा अध्यक्ष का ही चला ऐसा कहा जा सकता है इन दो जिलों को लेकर। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनो जिलों में अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाकर यह भी जता दिया की कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कोई भी निर्णय केवल उनका ही मान्य होगा।
बैकुंठपुर विधायक का है कोरिया जिलाध्यक्ष को समर्थन वहीं एमसीबी जिलाध्यक्ष की मनेंद्रगढ़ विधायक से बनी हुई है लगातार दूरी
कोरिया जिले से प्रदीप गुप्ता को जिलाध्यक्ष बनाया गया है जिन्हे विधायक ने भी बैकुंठपुर के समर्थन दे दिया है वहीं एमसीबी जिलाध्यक्ष जिन्हे बनाया गया है उनकी मनेंद्रगढ़ विधायक से लगातार दूरी बनी चली आ रही है और जो जग जाहिर सी बात है ऐसे में बैकुंठपुर विधायक के चुनाव लड़ने की स्थिति में कोरिया जिलाध्यक्ष से तो उनका सामंजस्य स्थापित हो जायेगा लेकिन एमसीबी जिलाध्यक्ष से मनेंद्रगढ़ विधायक का सामंजस्य कैसे बनेगा यह बड़ा सवाल है।
कोरिया जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कितने होंगे विधायक के लिए चुनाव में फायदेमंद जबकि वह खुद एक चुनाव में करा चुके हैं अपनी जमानत जब्त
कोरिया जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की जिम्मेदारी जिन्हे मिली है वह विधायक के लिए चुनाव में कितने फायदेमंद होंगे जबकि वह एक चुनाव में खुद सहित पार्टी की जमानत जप्त करा चुके हैं। क्या वह संगठन साथ ही नाराज उन कांग्रेसियों को मना सकेगें जिनकी मंशा विधानसभा में दावेदारी की थी या है और उन्हे टिकट मिलना पार्टी से असंभव है। वैसे पार्टी के अंदर ही चल रही चर्चा अनुसार कोरिया जिले से यदि योगेश शुक्ला जैसे कद्दावर कांग्रेसी को जिलाध्यक्ष बनाया गया होता वह पार्टी को एकजुट कर पाने में सफल हो जाते और वह चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में एक आम राय स्थापित कर पाते जबकि नव नियुक्त अध्यक्ष संगठन चलाने के मामले में फिलहाल अनुभव हीन ही नजर आ रहें हैं जो पार्टी के लोगों का ही अंदरूनी विचार है।
शहर से बाहर कोरिया जिले के नव नियुक्त जिलाध्यक्ष नहीं रखते अपनी पहचान,नहीं होगा चला पाना संभव उनके लिए जिलाध्यक्ष की कमान
नव नियुक्त कोरिया जिलाध्यक्ष शहर से बाहर पहचान अपनी नहीं रखते और वह शहर के ही भीतर जाने पहचाने जाते हैं वहीं कोरिया जिले का एकमात्र विधानसभा पोड़ी बचरा तक विस्तृत भी है जहां उन्हें जानने वाले कांग्रेसी भी होंगे यह लगता नहीं अब ऐसे में वह मिली जिम्मेदारी कैसे चला पाएंगे कम समय जबकि चुनाव समीप है वह पार्टी के ही लोगों से सभी जगह कैसे मिलकर चुनाव के लिए पार्टी के लिए माहौल बना पाएंगे यह बड़ा सवाल है।


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