एमसीबी,@क्या मनेंद्रगढ़ विधायक को अपने किए हुए काम पर ही भरोसा नहीं,इसलिए किए गए काम को ऐप्प के जरिए रखना पड़ रहा है जनता के सामने?

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  • पांचवें साल चुनाव समीप आते ही पहले विधायक को याद आया कि उन्होंने जनता के लिए कुछ किया है?
  • विधायक के कार्यकाल के अंतिम समय में जनता को यदि कोई समस्या है तो वह विधायक के ऐप्प में बता सकते हैं,अब मिलकर बताने की दिक्कत हुई खत्म?
  • मनेंद्रगढ़ विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल ने लांच किया एक सोशल मीडिया ऐप्प,खुद की कहानी खुद की जुबानी है ऐप्प में है दर्ज
  • ऐप्प में विधायक की जीवनी का है विशेष उल्लेख, अपने कार्यकाल की उपलब्धि भी ऐप्प के माध्यम से उन्होंने रखी है सामने
  • किसी समस्या और समाधान के लिए वाट्सऐप्प लिंक भी ऐप्प में है उपलब्धि,कोई भी अब उनसे सीधे कर सकता है सवाल जवाब
  • अपने कार्यकाल के अंतिम समय में याद आई उन्हे यह युक्ति, पहले पहल की होती तो शायद लोग होते लाभांवित
  • चुनाव प्रचार के लिए बनाया गया है यह ऐप्प यह सुनने को मिल रहा क्षेत्र की जनता की जुबानी
  • अपने खिसकते जनाधार को सोशल मीडिया से सम्हालने डॉक्टर विनय ने बनाया प्रचार ऐप्प यह है विपक्ष का बयान


-रवि सिंह-
एमसीबी,17 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। अच्छे-अच्छे मोटीवेटर और अच्छे-अच्छे लोग बताते हैं कि आपका काम बोलता है, यदि आप काम अच्छा कर रहे हैं तो आपको किसी चीजों को प्रूफ करने की जरूरत नहीं है, आपका काम ही आपकी पहचान है, पर यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अब चुनाव आने को है और सत्ता दल के विधायक व विपक्षी दल के नेता जनता को अपने तरफ साधने के हथकंडे अपनाने लगे हैं, इसी कड़ी में मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के सत्ताधारी दल के विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल जिनका साढे चार साल का कार्यकाल पूरा हो गया और इन्होंने खूब विकास किया है ऐसा इनका दावा भी रहता है वहीं यह वर्ष अब चुनावी वर्ष है और कुछ महीने बचे हुए हैं, अब अपनी उपलब्धियों और अपनी स्थितियों परिस्थितियों को ऐप्प के जरिए डॉ विनय जयसवाल लोगों तक पहुंचाना चाह रहे हैं, जिस ऐप्प का उद्घाटन प्रभारी मंत्री के द्वारा किया गया, पर सवाल यह उठता है कि जब सत्तापक्ष के विधायक इतना ज्यादा विकास किए?..इतना ज्यादा लोगों हित में काम किए तो लोगों को तो उनके किए हुए काम पता ही होंगे? उनकी विकास गाथा लोग जानते ही होंगे? फिर ऐप्प के जरिए अपने किए गए विकास को बताने की आवश्यकता क्यों है? क्या इन्हें अपने किए गए कार्यों पर भरोसा नहीं है या फिर इन्होंने कुछ किया ही नहीं? यहां तक की अब जनता की संवेदना सहानुभूति पाने के लिए वह अपने बीते हुए कल को जनता के सामने प्रोजेक्ट कर रहे हैं कि उनकी पहले ऐसी स्थिति थी अब कैसी है वह ऐप्प में बता रहे हैं, लेकिन वह पहले जैसे थे उसका तो पता नहीं पर आज वह जिस स्थिति में है जनता की मदद कर सकते थे, जनता के लिए काम कर सकते थे, पर उन्होंने कितना काम किया वह जनता देख समझ रही है वहीं वह ऐप्प के माध्यम से उन्हें बताना चाह रहे हैं, यह सोचने विषय है। अब जनता को ऐप्प से पता चलेगा कि उनके विधायक ने उनके लिए कितना विकास कार्य किया है, कितना उनके लिए काम किया है, लगता है जनता तो साढ़े 4 साल नहीं देख पाई पर अब ऐप से वह जान जाएगी उनके विधायक कितने होनहार है जो जनता के लिए इतना काम किया है।
विधायक बतौर भी क्षेत्र में काम कर रहें और धर्मपत्नी निगम की महापौर बनकर क्षेत्र की विकास की जिम्मेदारी सम्हाल रही हैं,फिर भी जीत का भरोसा नहीं?
ज्ञात हो की मनेंद्रगढ़ विधायक जो पेशे से एक चिकित्सक हैं और जो विधायक बतौर भी क्षेत्र में काम कर रहें हैं और अपनी धर्मपत्नी को नगर निगम का महापौर बनाकर भी क्षेत्र में वह विकास की जिम्मेदारी सम्हाल रहें हैं। डॉक्टर विनय जायसवाल छाीसगढ़ के उन विधायकों में से भी एक हैं जिन्हे या जिनके पास दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होने के बावजूद वह सााधारी दल से होकर भी सााधारी दल की छवि अपने क्षेत्र में बेहतर रख पाने में असफल रहें हैं और कहा जा सकता है की वह इकलौते विधायक हैं जिनको लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भ्रष्टाचार की बारात निकाली थी और उनके ऊपर जमकर भ्रष्टाचार जिसमे अवैध कोयला उत्खनन कार्य को संरक्षण, अवैध कबाड़ कारोबार को संरक्षण, जुआ सट्टा सहित अवैध कई अन्य कारोबार को संरक्षण देने का आरोप लगाया था और जिसको लेकर वह कटघरे में भी नजर आए और आरोपों का वह माकूल जवाब नहीं दे पाए, निगम में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया, कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने का उनके ऊपर आरोप लगा जिसका भी वह माकूल जवाब विपक्ष को नहीं दे पाए और उनकी तरफ से केवल पूर्व विधायक पर ही आरोप लगाकर पूरे मामले में खुद को दोषमुक्त घोषित करने के अलावा कुछ नहीं किया गया।
स्वेक्षानुदान राशि सिर्फ चेहरे को चमकाने लिए हुई खर्च
विधायक हमेशा सुर्खियों में बने रहे स्वेक्षानुदान राशि भी वह अपने चेहरे को चमकाने मात्र के लिए उपयोग करते रहे कहीं समाचार पत्र के विज्ञापन का भुगतान किया कहीं अपने जन्मदिन के आयोजन में व्यय किया जो विपक्ष का ही आरोप है और इस तरह वह सुर्खियों में ही बने रहे। विधानसभा में उनके पूरे कार्यकाल में अब तक के उनकी तारीफ या उनकी उपलçधयों से ज्यादा उनके ऊपर लगने वाले आरोप ही सुनाई देते रहे जो सभी जानते सुनते आ रहे हैं। यह वही विधानसभा है और यह उन्ही डॉक्टर विनय जायसवाल का विधानसभा क्षेत्र हैं जहां अवैध कोयला और कबाड़ के अवैध कारोबार को साबित करने दिन दहाड़े जारी इस अवैध कारोबार की पोल खोलने दिन में ही प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पहुंचे थे और जिन्होंने खुद वीडियो बनाकर मामले की सच्चाई सामने रखी थी जिसमे सरकार सहित विधायक की किरकिरी भी हुई थी।
जनाधार क्षेत्र में खिसकता दिख रहा,वही इंजीनियर विनय उपाध्याय दावेदार बतौर विकल्प में खड़े नजर आ रहे हैं
अब विधायक जिनके ऊपर लगने वाले आरोपों की वजह से वह अपना जनाधार क्षेत्र में खिसकता देख रहें हैं अपनी कट सकने वाली दावेदारी से वह भयभीत हैं उन्होंने एक नया तरीका इस बीच निकाला है और खिसकते जनाधार को बचाने एक सोशल मीडिया ऐप्प बनाया है जो आम लोगों को विधानसभा के लोगों को उनकी उपलब्ध कम उनकी जीवनी बताने में कारगर होगी जो उसके अंदर की सामग्री देखकर लगता है। खुद को सामान्य और मध्यम वर्ग का अभाव में जीवन आरंभ करने वाला बताकर वह सबके सामने इस ऐप्प के माध्यम से एक तरह से यह साबित करना चाह रहे हैं की लोग सहानुभूति पूर्वक सबसे पहले उनके जीवन के आरंभिक दिनों को जान सकें की वह किस कष्ट से आगे बढ़े हैं। दूसरे क्रम में वह खुद को एक चिकित्सक बताकर एक सच्चा सेवक और समाज सेवक बता रहे हैं, उनका जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था और वह बेहद कष्ट का अनुभव कर चुके हैं यह उनके जीवनी में दर्शाया गया है उसके बाद उनकी उपलब्धियां बताई गई हैं और विधानसभा क्षेत्र के लिए उनकी सोच सामने रखी गई है। कुल मिलाकर जीवनी में प्रमुख है सहानुभूति प्राप्त करना उसके बाद अपना प्रचार करना। खिसकता जनाधार इसकी वजह है यह विपक्ष का कहना है वहीं अब उनके लिए उनके ही हम नाम इंजिनियर विनय उपाध्याय दावेदार बतौर खड़े नजर आ रहे हैं और वह जन संपर्क भी व्यक्तिगत कर रहें हैं जिससे भी विधायक चिंता में नजर आ रहें हैं और अब सोशल मीडिया ऐप उनका सहारा बन सकता है यह उनकी नई युक्ति है।
विधायक बनते ही सोशल मीडिया ऐप का क्यों नहीं आया ख्याल,जन समस्या जानने अपनी और सरकार की उपलब्धि बताने उन्होंने पहले क्यों नहीं बनाया ऐप्प?
अब सवाल यह भी उठ रहा है की जब विधायक सोशल मीडिया को इतना महत्वपूर्ण चुनाव के समय मान रहें हैं और वह क्षेत्र के लोगों के बीच खुद नहीं पहुंच पाने की स्थिति में सोशल मीडिया ऐप्प के द्वारा अपनी और सरकार की उपलब्धि अपनी जीवनी समाने रख रहे हैं और लोगों से समस्याओं को लेकर उसी ऐप के माध्यम से अपील कर रहे हैं की लोग उस ऐप्प से जुड़कर उन्हे समस्याओं से भी अवगत कराएं तो उन्होंने ऐसा ऐप्प चुनाव जीतने के बाद विधायक बनते ही क्यों नहीं लांच किया,क्यों उन्होंने पांच साल इंतजार किया। अब जब चुनाव नजदीक है वह प्रचार करने ऐप बनाकर लोगों को अपनी उपलब्धि बता रहें हैं और उनसे उनकी समस्याएं पूछ रहें हैं जबकि यही ऐप्प पहले से बना होता शायद लोग जुड़कर लाभ ले सकते थे और योजनाओं और उपलब्धियों को जान समझ सकते थे। माना जा रहा है की यह ऐप चुनाव प्रचार के लिए बनाया गया है और इसका उद्देश्य प्रचार करना ही मुख्य है।
क्या स्वेच्छाअनुदान नहीं चमका पाया चेहरा इसलिए बनाना पड़ा ऐप्प?
वहीं अब ऐप्प निर्माण के बाद यह भी सवाल उठता है की क्या स्वेक्षानुदान भी उनका चेहरा चमकाने में काम नहीं कर पाया,विधायक ने स्वेक्षानुदान राशि कभी विज्ञापन के भुगतान के लिए बांटी कभी जन्मदिन आयोजन के खर्चे के लिए उसका उपयोग किया जो विपक्ष का ही आरोप है क्या इसके बाद भी वह मतदाताओं को मोहित नहीं कर पाए इसलिए ही उन्होंने ऐप्प बनाकर अब जनता से सहानुभूति बटोरने का प्रयास जारी किया है जो सवाल उठ रहा है।
समस्या लेकर जनता विधायक के पास नहीं जा सकती ऐप्प में ही बताना होगा?
विधायक ने ऐप्प बनाकर यह कह दिया है की अब जनता अपनी मांग समस्या ऐप्प में ही बता सकती है जिसमे उसे सुविधा होगी,वहीं यदि इसे दूसरे नजरिए से देखा जाए तो यह स्पष्ट होगा की वह जनता से सीधे न मिलकर ऐप्प के माध्यम से ही उनकी मांग समस्या सुनेंगे उसका निराकरण करेंगे जैसी उनकी मंशा है। वैसे जिसके पास कोई मांग होती है जिसे कोई समस्या होती है वह मिलकर ही उनका निराकरण चाहता है और ऐप्प के जरिए सोशल मडिया से कितनी समस्याओं का निराकरण हो पाता है यह जनता कई सरकारी ऐप्प और उसकी सुविधा का लाभ उठाकर जान चुकी है।
विधायक द्वारा निर्मित ऐप्प विधायक को जनता से दूर करेगा या फिर जनता के करीब लाएगा?
विधायक ने ऐप्प जारी कर यह प्रयास जारी किया है की लोग उनसे अधिक से अधिक जुड़ सकें,वह ऐन चुनाव के समय अब अपना जनाधार बढ़ाना चाहते हैं और इसीलिए वह ऐप का सहारा ले रहे हैं। अब उनका ऐप्प उन्हे जनता के करीब ले जाता है या उनसे दूर ले जाता है यह देखने वाली बात होगी क्योंकि आजकल जनता नेता से आमने सामने आश्वासन लेने में चुनाव के दौरान विश्वास रखती है और वह इस दौरान सीधे मुलाकात पर ही विश्वास करती है।


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