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बैकुण्ठपुर@बैकुंठपुर विधायक को लगातार शासकीय कार्यक्रमों,राष्ट्रीय उत्सवों के आयोजनों सहित सामाजिक कार्यक्रमों में सरकार की तरफ से नहीं मिला मुख्य अतिथि बनने का मौका…क्यों?

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बैकुंठपुर विधायक को जब कभी भी मुख्य अतिथि बनने का नहीं मिला मौका तब-तब उन्होंने कार्यक्रम से बनाई निश्चित दूरी
विश्व आदिवासी दिवस अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम से भी विधायक निकल गईं जल्दी,यहां भी उन्हे नहीं मिला था मुख्य अतिथि बनने का मौका

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 12 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के एकमात्र विधानसभा बैकुंठपुर की विधायक लगातार जिले के कार्यक्रमों में जो शासकीय आयोजन हो या राष्ट्रीय पर्व आयोजन हो या फिर सामाजिक कोई आयोजन हो जो शासकीय एवम प्रदेश सरकार की मंशा से आयोजित हो में मुख्य अतिथि बन पाने में पीछे रह जा रहीं हैं, ऐसा क्यों और किस कारण हो रहा है यह तो स्पष्ट नहीं किया जा सकता लेकिन इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति भी एक कारण है जो समझा जा सकता है। वैसे बैकुंठपुर विधायक को जब कभी भी ऐसे अवसरों पर मुख्य अतिथि नहीं बनाया गया जो शासन की मंशा वाले आयोजन हो वह कार्यक्रम से दूरी बनाने में ही विश्वास करती देखीं गईं जो पिछले कई आयोजनों में देखा गया। हाल ही में जिला स्तर पर आयोजित विश्व आदिवासी दिवस को लेकर सपन्न कार्यक्रम में भी उन्हे मुख्य अतिथि बनने का मौका नहीं मिला और वहां भी वह पहुंची जरूर लेकिन केवल कुछ समय रुककर वह रवाना हो गईं जबकि शासन की तरफ से नियुक्त किए गए मुख्य अतिथि साथ ही जिले के कांग्रेसी पूरे कार्यक्रम में मौजूद रहे और कार्यक्रम के समापन के बाद ही वह रवाना हुए।
वोट बैंक की वजह से जिले के कार्यक्रमों में बैकुंठपुर विधायक को मुख्य अतिथि बनने का नहीं मिलता मौका,यह आम चर्चा का है विषय
माना जाता है की बैकुंठपुर विधानसभा में राजवाड़े समाज की अच्छी जनसंख्या है और विधानसभा में पूर्व भाजपा विधायक साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री राजवाड़े समाज से ही आते हैं इसीलिए कोरिया जिले के कार्यक्रमों में भटगांव विधानसभा के विधायक को ही अधिकांश बार मुख्य अतिथि सरकार की तरफ से बनाया जाता है जिससे राजवाड़े समाज को पार्टी के पक्ष में किया जा सके जो फिलहाल भईयालाल राजवाड़े के लिए एकतरफा विचार और समर्थन रखने वाला समाज है। भटगांव विधायक लगातार जिले में मुख्य अतिथि बनकर आ रहें हैं और वैसे भी उनका दौरा जिले में बना रहता है जिसके पीछे की तैयारी राजवाड़े समाज को पार्टी के पक्ष में करने की है। इस तरह देखा जाए तो मामला वोट बैंक से जुड़ा हुआ है इसलिए बैकुंठपुर विधायक जिले के कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि नहीं बनाई जाती,वैसे जिले के सोनहत विकासखंड तक राजवाड़े समाज की अच्छी खासी संख्या है और फिलहाल सत्ताधारी दल उसे ही साधने में लगा हुआ है।
मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाने से बैकुंठपुर विधायक नजर आती हैं नाराज,बना लेती हैं शासकीय आयोजनों से ही दूरी
अब वर्तमान विधायकों का कार्यकाल समाप्ति की ओर है और इस पूरे कार्यकाल में मुश्किल से एक दो बार ही बैकुंठपुर विधायक किसी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बन पाई हों,जब जब उन्हें मुख्य अतिथि बनने का मौका नहीं मिला है वह कार्यक्रम से दूरी बनाती भी देखी गईं हैं,कई बार वह राजधानी के कार्यक्रम में शरीक हो लेती हैं कई बार कार्यक्रम में कम समय के लिए उपस्थित होती हैं,वही अभी हाल के विश्व आदिवासी दिवस के दौरान आयोजित कार्यक्रम में भी यही देखा गया वह कार्यक्रम में शमिल होने पहुंची जरूर लेकिन वह वहां से जल्द ही वापस लौट गईं जो चर्चा का भी विषय बना हुआ है क्योंकि शासन आदिवासी समाज को भी साधने की कोशिशों में लगा है और इसके लिए वह कार्यक्रम आयोजित करते हुए उनके लिए योजनाओं का प्रचार कर रही है और जिससे वह शासन की तरफ से उनके लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत हो सकें वहीं बैकुंठपुर विधायक उस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से ही पलायन कर जा रही है जहां उनके लिए ही शासन जनाधार तैयार करने का प्रयास कर रहा है।
जिन जिला स्तरीय कार्यक्रमों में बैकुंठपुर विधायक रहती हैं अनुपस्थित, अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी उन्ही कार्यक्रमों में उत्साह से होते हैं शामिल
बैकुंठपुर विधानसभा में विगत पांच सालों के दौरान सत्ताधारी दल के भीतर जो कुछ देखने को मिला है वह बड़ा अजीब है,जब जब बैकुंठपुर विधायक जिला स्तरीय कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अथिति शामिल हुईं हैं जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी या तो कार्यक्रम से दूरी बनाते नजर आए हैं या वह बिना उत्साह कार्यक्रम में शामिल हुए हैं वहीं जब किसी अन्य विधायक या मंत्री को जिले में मुख्य अतिथि बनाकर भेजा गया है बैकुंठपुर के वरिष्ठ कांग्रेसी पूरे उत्साह से कार्यक्रम में शामिल हुए हैं । अब इसके पीछे की वजह सत्ताधारी दल के नेता और विधायक ही जान सकेंगे लेकिन यह देखने वाली बात रही है। बाहर से आने वाले किसी मुख्य अतिथि के स्वागत में जिलेभर के वरिष्ठ कांग्रेसी साथ ही अन्य कार्यकर्ता इतने उत्साहित नजर आते हैं जैसे उनकी अनसुनी गई बातें कोई सुनने आ गया और अब उनकी सुनवाई होगी यह उनका विश्वास उनके भीतर जन्म ले लेता है।
क्या शासकीय कार्यक्रमों, जिले के वरिष्ठ कांग्रेसियों सहित कार्यकर्ताओं से दूरी बनाकर चुनावी मैदान में उतरेंगी बैकुंठपुर विधायक
बैकुंठपुर विधायक जो मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाने पर शासकीय कार्यक्रमों से ही दूरी बना लेती हैं, जिले के वरिष्ठ कांग्रेसियों सहित कार्यकर्ताओं से जिनकी दूरी लगातार सुनी ही जाति है क्या वह ऐसा करके ही आने वाले चुनाव में प्रत्याशी बनकर उतरेंगी। सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल फिलहाल के वर्षों में उनके वह सहयोगी भी उनसे खासे दूर हो चुके हैं जो पिछले चुनाव में उनके चुनावी रथ के सारथी थे। वैसे चुनाव विधायक को लड़ना है ऐसी जनचर्चा आम है लेकिन सभी को किनारे कर साथ ही शासकीय कार्यक्रमों से भी दूरी बनाकर विधायक कैसे खुद की जीत सुनिश्चित करेगी यह बड़ा प्रश्न है।


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