अंबिकापुर,11 अगस्त 2023 (घटती घटना) उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के आह्वान पर अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम बनाये जाने हेतु जिला एवं सत्र न्यायालय प्रांगण जिला अधिवक्ता संघ द्वारा सांकेतिक धरना प्रदर्शन का किया गया। जिसमें प्रमुख तौर पर राज्य सरकार द्वारा जिला अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम का कानून बनाए जाने एवं अधिवक्ताओं का सामूहिक बीमा कराए जाने तथा अधिवक्ताओं की मृत्यु की स्थिति में दस लाख रुपये का मृत्यु दावा दिलाए जाने की मांगों को लेकर किया गया। उपरोक्त मांग के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन प्रेषित किया गया। उपरोक्त आंदोलन अध्यक्ष हेमंत तिवारी के नेतृत्व में किया गया तथा मंच का संचालन सचिव विजय तिवारी द्वारा किया गया। धरना में वक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्तागण केएन तिवारी, जेपी श्रीवास्तव, अशोक दुबे, राजेश तिवारी, गिरवर प्रजापति, दिलीप विश्वास, जनार्दन त्रिपाठी द्वारा विचार व्यक्त करते हुए कहा गया कि वास्तव में जनता का वास्तविक प्रतिनिधित्व अधिवक्ता ही करता है तथा जनता जब समस्याओं में घिरी रहती है, तो अधिवक्ता ही राजस्व अधिकारियों तथा पुलिस अधिकारियों के समक्ष उसका बचाव तथा संरक्षण करता है। जिसमें अधिवक्ता को अधिकारियों के समक्ष कभी-कभी अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है तथा अधिवक्ताओं के विरुद्ध दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर अपराध तक पंजीकृत किए जा रहे हैं तथा राजस्व जैसे न्यायालयों में अधिवक्ताओं को कभी-कभी अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। अधिवक्ताओं गरीब, पीडि़त लोगों का पैरवी, भू-माफियाओं, राजनैतिक संरक्षण प्राप्त लोगों तथा अधिकारियों के विरुद्ध करना पड़ता है, जिसके कारण ऐसे लोगों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ता है, उस स्थिति में अधिवक्ताओं को सुरक्षित किया जाना आवश्यक है, जिस कारण से अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू किया जाना अति आवश्यक है। धरना प्रदर्शन में अधिवक्तागण केएन तिवारी, केएन पाण्डेय, अशोक सिंह, अशोक दुबे, प्रमोद तिवारी, अरविन्द सिंह, राजीव सिन्हा, राजेश सिन्हा, उमंग दुबे, राकेश सिन्हा, शत्रुधन सिंह, अनुप टेकाम, मनोज तिवारी, मनोज अम्बष्ट, प्रवीण गुप्ता, श्याम नारायण पाण्डेय, ज्योति सिंह, प्रीति सोनी, आशा तिवारी, अनिमेष तिवारी, मोन्टी गुप्ता, अनिल सिंह आदि लोग प्रमुख तौर पर नी उपस्थित थे।
संघर्ष समिति बनाकर प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी
विदित हो कि, राजनैतिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र में अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करने हेतु घोषणा की गई थी, डॉक्टरों का सुरक्षा कानून बन गया, पत्रकारों का सुरक्षा कानून बन गया, परंतु आज तक अधिवक्ताओं के संरक्षण हेतु कानून नहीं बन पाया है। धरना के दौरान अधिवक्ताओं द्वारा यह भी व्यक्त किया गया कि, शुक्रवार को सांकेतिक आंदोलन है तथा सरकार से निवेदन किया जा रहा है, यदि मांगों को नहीं मानी गई तो भविष्य में संघर्ष समिति बनाकर प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जायेगा।
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