कांग्रेस व भाजपा दोनों ही स्वार्थ और षड्यंत्र से अनुसूचित जाति में धकेल रहे
अरविंद द्विवेदी-
अनूपपुर,10 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। मध्यप्रदेश महरा समुदाय के प्रदेश अध्यक्ष पूरन चंदेल एवं पदाधिकारी सदस्यों की उपस्थिति मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराते हुए बताया कि सन 1950 में गजट क्रमांक 69 में महरा जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में रखा गया था। इसके बाद सन 2002 में अनुसूचित जाति में गलत तरीके से शामिल कर दिया गया। सन 1949 और मध्यप्रदेश गजट 08 दिसंबर 1950 मे महरा समुदाय को क्रमांक-69 मे आदिवासी जनजाति के रूप मे परिभाषित किया गया है। महरा समुदाय का सामाजिक और धार्मिक संस्कृति आदिवासियों का तो हमें हमारा संवैधानिक अधिकार नहीं देकर दोनों ही दलों द्वारा हमें अनुसूचित जाति में डाला जा रहा है। महरा और महार दोनो पृथक जाति हैं, शासन दोनो जाति को एक समझ कर अनुसूचित जाति मे षडयंत्र पूर्वक शामिल कर रही है। राजनीतिक दल महरा समुदाय को आदिवासी जनजाति अधिकार दिलाने में बाधक बन रहे हैं वहीं समुदाय को शासन ने अनुसूचित जाति मे त्रुटि पूर्वक शामिल किया है। जिसको लेकर महरा समुदाय द्वारा मुख्यमंत्री को गजट सहित आवेदन पत्र अमरकंटक के सर्किट हाउस में देकर अपने मूल अधिकार के समस्त तथ्य को दुरुस्त किया है।