- नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अवधि पूरी होने के बाद उन्ही क्षेत्रों के आसपास हुआ तबादला
- राज्य सरकार के ट्रांसफर नीतियों का भी नहीं हुआ पालन
-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी 07 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर तबादला किया गया, जिसमें निरीक्षक उपनिरीक्षक के तबादले शामिल है लेकिन इस तबादला सूची जारी होने के बाद अब कई कमियां इसमें देखी जा रही है, जिस वजह से कर्मचारियों में रोष भी है और कुछ कर्मचारियों का यह भी कहना है कि सूची में राज्य के ट्रांसफर नीति का उल्लंघन हुआ है, मतलब कि कहा जाए तो ट्रांसफर नीति के तहत स्थानांतरण नहीं हुआ है, कई पुलिसकर्मियों को चुनाव के समय ही अपने गृह जिले में भेजा गया है जो नियम से नहीं भेजा जाना था, वही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में समय अवधि पूरा करने वाले कर्मचारियों को भी उसी क्षेत्र के आसपास ही रखा गया उन्हें नक्सली प्रभावित क्षेत्रों से दूर नहीं किया गया, तमाम तरह के बात अब सूची के बाद उठने लगी है, कहीं न कहीं विपक्ष भी इस मुद्दे को उठाने लगी है विपक्ष भी ट्रांसफर नीति पर सवाल उठा चुकी है और जो सवाल अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है, कहीं ना कहीं पुलिस कर्मचारियों में बोलचाल में यह बातें अब चर्चा का विषय बनी है और सूची को देखकर चर्चा की जाए तो कई ऐसे नाम है जो अपने प्रभाव व पकड़ से अपने मनचाहे जिलों में जाने में सफल हो गए हैं वही गृह ग्राम वाले जिले में भी कर्मचारियों को भेजा गया है अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या 2023 विधानसभा का चुनाव प्रभावित नहीं होगा कैसे निष्पक्ष तरीके से चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी।
पहुंच पकड़ वाले नक्सल प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकलने में हुए सफल
पुलिस मुख्यालय रायपुर से जारी तबादला सूची अनुसार कुछ निरीक्षक और उप निरीक्षक नक्सल प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकल पाने में सफल हुए,यह निरीक्षक उप निरीक्षक नक्सल क्षेत्र में कार्य करने की समय सीमा पूर्ण करते ही क्षेत्र से बाहर निकलने में सफल हुए वहीं अधिकांश को यह अवसर नहीं मिला। कुल मिलाकर गिने चुने ही नक्सल क्षेत्र से बाहर निकलने में सफल हो सके हैं।
पहुंच पकड़ आई काम,कुछ की हुई घर वापसी
पुलिस विभाग में पहुंच पकड़ का बड़ा महत्व है,बिना पहुंच पकड़ के पुलिस विभाग में मनचाही या अच्छी जगह पोस्टिंग नहीं मिल पाती,जारी तबादला सूची में भी यह देखा जा सकता है,कुछ ऐसे भी निरीक्षक उप निरीक्षक हैं जो घर वापसी करते नजर आ रहे हैं और यह सब उनकी ऊंची पकड़ के कारण हो सका है वहीं जिनकी पहुंच पकड़ अच्छी नहीं है वह नक्सल क्षेत्र में ही इधर से उधर किए गए हैं।
आखिर तबादला नीति का क्यों नहीं हुआ पालन,सवाल?
पुलिस मुख्यालय से जारी तबादला सूची में तबादला नीति का पालन नहीं किया गया है यह अंदरखाने की ही खबर है जिसको लेकर पुलिसकर्मियों में ही असंतोष है,अब तबादला नीति का पालन क्यों नहीं किया गया यह बड़ा सवाल है,क्या तबादला सूची को लेकर पुलिस मुख्यालय पर दबाव था और पहुंच पकड़ वालों को उनकी मनचाही जगह भेजना अनिवार्य था इसलिए ऐसा किया गया। कुछ पुलिसकर्मियों की ही माने तो मुख्यालय से जारी तबादला सूची नियम अनुसार सही नहीं है और इसमें तबादला नीति का पालन किया जाना चहिए था जो नहीं किया गया।