बैकुण्ठपुर@विक्रेता भूमि विक्रय करने लगा रहा तहसील और पंजीयक कार्यालय का चक्कर

Share

  • अपने पद का दुरूपयोग करते हुये तहसीलदार पटना ने दिया स्थगन का आदेश
  • नियम से हटकर तहसीलदार ने उप रजिस्टार को लिखा पत्र,कहा जमीन क्रय न होने दिया जाये…


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 06 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। काजल की कोठरी कहे जाने वाले राजस्व विभाग का अनोखा कारनामा सामने आया है जहां एक अनोखी बात सामने आयी कि किसी भूमि को विक्रय होने के बीच मे तहसीलदार ने निजी रूचि दिखाते हुये उप पंजीयक को पत्र लिखकर भूमि विक्रय पर रोक लगा रखा है। जबकि बिलासपुर उच्च न्यायालय के आदेश डब्लुपीसी 255/2020 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी प्रषासनिक अधिकारी किसी भूमि के क्रय विक्रय पर रोक नहीं लगा सकता यहां तक कि उप पंजीयक भी कार्यालय तहसीलदार को पत्र के जवाब में बताया गया है कि क्रय विक्रय की दस्तावेजो के पंजीयन की वैधानिक स्थिति यह है कि उसके पंजीयन पर किसी प्रकार की रोक सक्षम व्यवहार न्यायालय द्वारा ही लगायी जा सकती है।
क्या है पूरा मामला
भूमि विक्रेता धनेश्वर प्रसाद राजवाड़े आत्मज अमरनाथ निवासी ग्राम डुमरिया जिसने खसरा नं. 1023/2 रकबा 17 हे0 जो कि भूअभिलेख में धनेश्वर आत्मज अमरनाथ के नाम से दर्ज है। उक्त भूमि धनेश्वर को उनके बाबा शिवलाल द्वारा दिनांक 14.09.2018 को वसीयत के आधार पर प्राप्त हुआ था तथा वसीयत कर्ता की मृत्यू 05.08.2022 हो गयी थी। आवेदक द्वारा उक्त भूमि का नामांतरण न्यायलय नायब तहसीलदार पटना ने 17.11.2022 को तहसील न्यायलय में पेष किया गया था। सम्पूर्ण कथन, ईश्तिहार बयान पटवारी प्रतिवेदन उपरांत उक्त भूमि धनेश्वर आत्मज अमरनाथ के नाम से 23.03.2023 को नायब तहसीलदार पटना द्वारा नामांतरण राजस्व आदेष पारित गया था। उक्त भूमि स्वयं के होने के उपरांत धनेश्वर द्वारा उक्त भूमि को विक्रय हेतू तहसील पटना को चौहदी आदेश के लिये आवेदन उपरांत दिनांक 10.05.2023 को अनुमति प्राप्त हुआ था। तत्पष्चात् 12.06.2023 को उप पंजीयक कार्यालय जाने पर ज्ञात हुआ कि न्यायालय नायब तहसीलदार पटना द्वारा उक्त भूमि पर खरीदी-ब्रिकी पर रोक लगाया गया है। दिनांक 06.06.2023 को कार्यालय नायब तहसीलदार पटना का पत्र प्राप्त हुआ जिसमें भूमि विक्रय पर रोक लगाने हेतू पत्र उप पंजीयक को जारी किया गया था। आवेदक धनेश्वर उक्त सम्बन्ध में कलेक्टर कोरिया, अनुविभागीय दण्डाधिकारी बैकुण्ठपुर सहित तहसीलदार को दिनांक 16.06.2023 को विक्रय से रोक हटाने हेतू निवेदन किया गया। तत्पश्चात् तहसीलदार चांदनी कवंर द्वारा दिनांक 15.06.2023 को पूर्व में उप पंजीयक को दिये गये पत्र को अपात्र करते हुये विक्रय पर रोक हटाया गया। परंतु दिनांक 16.06.2023 को कलेक्टर कोरिया के पत्र क्रमांक 2838 का सन्दर्भ में पुनः रोक रोक लगाते हुये जांच हेतू उप पंजीयक को पत्र प्रस्तुत किया गया। सम्पूर्ण जांच, बयान, पटवारी प्रतिवेदन होने उपरांत तहसीलदार पटना द्वारा जांच के सम्बन्ध में 06.07.2023 को कलेक्टर कोरिया को अनावेदक रामभरोस आत्मज शिवलाल निवासी ग्राम डुमरिया को अपीलीय न्यायलय में अपील प्रस्तुत कर अनुतोष प्राप्त करने का पत्र प्रस्तुत किया गया जिसकी प्रतिलिपि उप पंजीयक पी. द्विवेदी को प्रतिलिपि के माध्यम से दिया गया। कार्यालय कोरिया कलेक्टर द्वारा भी फर्जी वसीयत के आधार पर भूमि नामांतरण करा लेने के सम्बन्ध में प्राप्त पत्र 26.05.2023 शिकायतकर्ता रामभरोस आत्मज शिवलाल को सक्षम अपीलीय न्यायलय में अनुतोश प्राप्त करने का प्रतिवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया जिसकी प्रतिलिपि उप पंजीयक को देते हुये उक्त प्रकरण को नस्तीबद्ध किये जाने का उल्लेख है। परंतु दिनांक 02.08.2023 को उक्त भूमि पंजीयन हेतु पंजीयन कार्यालय जाने पर भी उक्त भूमि पर पंजीयक द्वारा दिनांक 16.06.2023 को जारी न्यायलय नायब तहसीलदार के पत्र के प्रतिउत्तर में उप पंजीयक द्वारा पत्र क्रमांक 63/उ0प0/20233 दिनांक 19.06.2023 को पत्र जारी करते हुयें स्वयं बताया गया है कि क्रय विक्रय की दस्तावेजो के पंजीयन की वैधानिक स्थिति यह है कि उसके पंजीयन पर किसी प्रकार की रोक सक्षम व्यवहार न्यायालय द्वारा ही लगायी जा सकती है। जिसका जवाब तहसीलदार चांदनी कवंर द्वारा नहीं दिया गया है। उक्त भूमि विक्रय के लिये तहसीलदार व उपपंजीयक के बीच फंसी हुयी है।
किसके सह पर तहसीलदार चांदनी कवंर कर रही मनमाना काम?
पहले तहसीलदार ने भूमि का नामांतरण किया फिर चौहद्दी के लिये आदेष भी दिया जब विक्रय हेतु दस्तावेज के साथ उप पंजीयक कार्यालय पहुंचे तो पता चला तहसीलदार ने भूमि के विक्रय न होने देने का दिया है पत्र। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि तहसीलदार द्वारा अपने ही पत्र को अब अपास्त करने ही हिम्मत जुटा पायेंगे या फिर पैंडुलम की तरह विक्रेता अपने ही भूमि विक्रय करने के लिये कार्यालयों का लगाता रहेगा चक्कर।
उच्च न्यायालय के आदेश को भी नहीं मानते उप पंजीयक व तहसीलदार महोदय
आवेदक धनेश्वर राजवाड़े द्वारा बिलासपुर उच्च न्यायालय के आदेष डब्लुपीसी 255/2020 तहसीलदार पटना उप पंजीयक, कलेक्टर कोरिया को लिखित आवेदन सहित संलग्न कर 19.06.2023 को प्रस्तुत किया गया था उक्त आदेश में स्पश्ट उल्लेखित है कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार, उप पंजीयक द्वारा किसी भी भूमि के क्रय विक्रय पर रोक नहीं लगाये जाने का उल्लेख है। परंतु उक्त पत्र व उच्च न्यायालय क आदेशो की अवहेलना प्रषासनिक अधिकारीयों द्वारा किया जा रहा है।


Share

Check Also

रायपुर,@ निगम-मंडल और स्वशासी संस्थाओं को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर लगी रोक

Share @ वित्त विभाग ने जारी किया आदेश…रायपुर,26 अक्टूबर 2024 (ए)। वित्त विभाग ने तमाम …

Leave a Reply