बैकुण्ठपुर@दो सावन वाले साल में एक सावन बीतने के बाद हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर लौटी खुशी,किसान खेती में हुए व्यस्त

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  • सावन की बारिश ने चितिंत किसानों के चेहरे पर लाई मुश्कान मुष्कान
  • किसानों के लिए अच्छी फसल की उम्मीद वाली बारिश
  • मंगलवार व बुधवार की बारिश ने किसानों के परेशानी को किया दूर

बैकुण्ठपुर 02 अगस्त 2023 (घटती-घटना)। 2023 में दो सावन होने का संयोग देखने को मिला पहले सावन में पानी ना होने की वजह से किसान परेशान थे, दूसरे सावन लगते ही झमाझम बारिश ने किसानों उदास हुए चेहरे को फिर से खुशियों में बदल दिया, किसान जहां अपनी फसलों को लेकर चिंतित थे कि इस बार वह खेती में पिछड़ जाएंगे या फिर खेत परित रह जाएंगे, इस वजह से वह काफी मुश्किलों में थे, क्योंकि खेती के लिए बीज व खाद खरीद चुके थे बस उन्हें इंतजार था तो बारिश का, जो बारिश नहीं आ रही थी, पूरे सावन लोग गर्मी से हलकान थे अब जैसे ही बारिश हुई सारे किसान खेतों में व्यस्त हो गए, जो कर्मचारी वर्ग थे वह भी छुट्टी लेकर अपने तैयार खेतों में रोपा लगाने के लिए व्यस्त दिखे, जहां बारिश से तापमान में गिरावट आई तो वही किसानों के खेतों में रोपा लगाते हुए दृश्य चारों तरफ देखने को मिले, खेतों में लबालब पानी था और उस पानी के बीच किसान रोपा लगा दिखे।
क्षेत्र में दोसरा सावन चढ़ते ही पूरा दिन बारिश रूक-रूककर लगातारहोती रही, जिससे आम लोगों सहित किसानों को राहत मिली है। किसानों के मन में जो चिंता सावन से बनी हुई थी इस बरसात से काफी हद तक कम हो गई है पर किसानों को यह चिंता जरूर सता रही है कि धान की बुआई व रोपाई के कार्य में काफी देर हो चुकी है वहीं जबसे सावन लगी है व बरसात होना शुरू हुई है तब से किसान खेतों में रोपा लगाने में जुटे हुए हैं उनके पास इस समय चाय पीने तक की फुरसत नहीं है सुबह 6 बजे से ही वे खेत में जूट जाते हैं और शाम 6 बजे तक खेतों में लगे रहते हैं किसानों ने संतुष्टि जताते हुए कह रहे हैं कि देर ही सही बारिश तो हुई।
ज्ञात हो कि कुछ दिनो से बारीश नही हो रही थी जिस वजह से खेतो में लगे धान के पौधे सुख रहे थे और खेतो में दरार आ गई थी जिससे लेकर किसान भाई काफी चिन्तीत थे और सावन के आने के इंतजार कर रहे थे और सावन के आते ही प्रथम दिन पानी गिरना षुरू हो गया जिससे किसानो द्वारा सावन में पानी गिरने कि उम्मीद पुरी हो गई किसानों के चेहरे खिल उठे अब किसान सुबह से शाम तक खेतो लगे हुए है यहां तक कि खाना भी खेतो में मागा कर खा रहे है।
जलाशयों का जलस्तर बढ़ा
जिले में बारिष न होने के कारण जलाशयों का जलस्तर काफी गिर चुका था जो सावन की लगातार बारिष होने से बढ़ा है। जिले में स्थित गेज, व झूमका दो बड़े बांध में जलस्तर घटकर 30 प्रतिशत आ गया था वह इस बारिष से बढ़कर 59 प्रतिश त हो गया है वहीं अन्य जलाषयों में भी 35 प्रतिषत पानी भर चुका है।


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