पूर्व मंत्री गागड़ा का कटाक्ष;12 जनजाति विधेयक तो लोकसभा में 2016 में पेश हुआ तो बघेल ने पत्र किसको लिखा था?
रायपुर,01 अगस्त 2023 (ए)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने 12 जनजाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दावों पर कटाक्ष किया है। बीजेपी नेता ने इसे झूठा श्रेय बटोरने की प्रवृत्ति बताया है।
मुख्यमंत्री बघेल के पत्र लिखने के बाद 12जनजातियों को सूची में शामिल करने संबंधी दावे को हास्यास्पद बताते हुए श्री गागड़ा ने कटाक्ष करते हुए पूछा है कि लोकसभा में तत्संबंधी संशोधन विधेयक ही सन 2016 में पेश हुआ और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार 2018 में बनी तो मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र किसको लिखा था?
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री गागड़ा ने कहा कि 2016 का विधेयक संख्या 325 संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) पेश हुआ था, तो किस आधार पर मुख्यमंत्री बघेल पहल करने की बात करते हैं? भाजपा पहले भी आदिवासी समाज के साथ खड़ी थी, आज भी खड़ी है और हमेशा खड़ी रहेगी।
श्री गागड़ा ने कहा कि मात्रात्मक त्रुटि सुधार कर लाभ देने की कोशिश की गई थी तो पर्दे के पीछे से जाकर हाईकोर्ट से स्टे लेने का काम हुआ। जो लोग हाईकोर्ट गए थे, उन्हें मुख्यमंत्री बघेल ने लाभ के पदों से नवाजा है।
प्रदेश की जनता और 12 जनजाति समाज को यह सच भी भलीभांति पता है। भाजपा की सरकार ने स्कूल, आश्रम, छात्रावासों में प्रवेश और छात्रवृति की भी सुविधा जारी रखी थी, लेकिन मुख्यमंत्री बघेल ने तो सबसे वंचित रखा। श्री गागड़ा ने कहा कि आज बस्तर, सरगुजा से स्थानीय भर्ती को खत्म कर दिया गया है, साथ ही विभागीय पदोन्नति को को भी भूपेश सरकार ने अटकाकर रखा है।
मेडिकल कॉलेजों में भर्ती में सैकड़ों बच्चों को प्रदेश कांग्रेस की भूपेश सरकार वंचित कर रही है। आदिवासी समाज और प्रदेश की जनता अब मुख्यमंत्री बघेल के झूठ-फरेब के ऐसे झाँसों में नहीं आने वाली और भविष्य में प्रदेश कांग्रेस की यह नाकारा सरकार सत्ता से बेदखल होने के बाद अपने कर्मों को गिनती हुई दिखेगी।
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