- घटती-घटना के खबर का असर यात्री बसों की जांच के लिए परिवहन आयुक्तने जारी किया आदेश
- अवैध तरीके से संचालित हो रही राजहंस की यात्री बस की बढ़ सकती है परेशानी
- बसों की जांच ना करनी पड़े इस वजह से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के जिम्मेदार हो सकते हैं बीमार:सूत्र
- संरक्षण देने वाले को ही मिली जांच की जिम्मेदारी…क्या कर पाएंगे राजहंस की बसों पर जांच व कार्यवाही?
-रवि सिंह-
अंबिकापुर/कोरिया 30 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। पिछले एक माह से घटती-घटना अखबार में अवैध संचालित बसों के खिलाफ लगातार समाचार का प्रकाशन किया जाता रहा है जिसका असर अब देखने को मिल रहा है, छत्तीसगढ़ के परिवहन आयुक्त ने अंबिकापुर संभाग में पंजीकृत बसों पर किसकी कहा परमिट हैं जानकारी तत्काल मांगी गई है 31 जुलाई तक जानकारी प्रदेश कार्यालय को देना है।
सनद रहे कि पिछले एक माह से क्षेत्र में नामचीन बस मालिकों के खिलाफ यात्रियों से दुर्व्यवहार, लापरवाह बस चालकों लापरवाही के कारण दुर्घटना, एवं मनमाना किराया के साथ-साथ टैक्स चोरी अवैध बसों के संचालन को लेकर खबरें प्रकाशन की जाती रही है और यह भी लिखा गया था कि सारी बसें परिवहन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों के संरक्षण में ही चल रही हैं, राज्य परिवहन प्राधिकार के अधिकारियों के निर्देश पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अंबिकापुर में एक समिति बनाई है जो बिना परमिट बसों की जानकारी के लिए पत्र व्यवहार किया गया है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह पत्र वह पूर्व में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्वारा जारी किए गए पत्र जैसा ही है, महज फॉर्मेलिटी बनकर प्रदेश स्तरीय परिवहन अधिकारियों भ्रमित करने जैसा ही है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों के बस मालिकों के यहां उनकी बसों की जांच के लिए के हाथ पैर फूल रहे हैं, अवैध बसों से या प्रतिदिन मुख्य मार्गों में खड़े होकर पैसे की उगाही करते हैं और मधुर संबंध रखते हैं उन बस मालिकों के खिलाफ यह कैसे कार्रवाई करेंगे समझ से परे हैं? राज्य परिवहन प्राधिकार के अधिकारी भी उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को इन सभी बसों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है जो बस मालिकों से अवैध उगाही करते हैं यहां पर सवालिया उत्पन्न होता है कि ऐसी स्थिति में ये भ्रष्ट परिवहन विभाग के कर्मचारी बस मालिकों की अवैध गतिविधियों की पूरी जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचा सकेंगे?
राजहंस बस के संचालक आज भी अवैध बस संचालन कर रहे और अपने आपको पाक साफ बता रहे
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईमानदारी और सच्चाई राह बताने वाले राजहंस बस के संचालक बैतुल आज भी अवैध बस संचालन से बाज नहीं आ रहा है, इसके द्वारा सीजी 15 एपी 0773 को जिसमें यह 1 महीने का 888 परमिट बनाकर रखा है उसे फिर पटना के लिए अंबिकापुर से रवाना किया है, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पत्रकार वार्ता कर अपनी जिम्मेदारी दूसरे प्रदेश के अधिकारियों पर धूप रहे हैं, उन्हें यह बताने में गुरेज नहीं करना चाहिए कि उनके द्वारा ही इस तरह की अवैध बसों के संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, उनके द्वारा ही परमिटेड बसों पर ऑफलाइन 88,8 परमिट बनाकर बैतूल और उसके परिवार से लाखों रुपए वसूला जा रहा है, लेकिन पिछले दिनों उनके द्वारा की गई एक पत्रकार वार्ता में वह अपने आप को साफ सुथरा ईमानदार बताने का काम किया है, लेकिन सत्यता इससे कोसों दूर है, अंबिकापुर से प्रतिदिन बनारस के लिए भी संचालित हैं जिन्हें यह अवैध तरीके से बारात परमिट देखकर के संचालित करवा रहे हैं, इन गाडि़यों पर किसी तरह का परमिट नहीं लिया गया है और यह प्रतिदिन आधा दर्जन बसें अंबिकापुर की एक कंपनी की संचालित हो रही है इसी तरह बहुत सारी बसें परमिट लेकर परमिट को उन्हीं कार्यों में सिलेंडर कर परमिट की कलर फोटो कॉपी करा कर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के संरक्षण में चलाई जा रही है, बहुत सारी बसें मनेंद्रगढ़, बिलासपुर, रायपुर, बनारस, गढ़वा, वाड्रफनगर, रेवती सहित कटघोरा, कोरबा, रायगढ़, जशपुर चलाई जा रही है मुख्य मार्ग के परमिट को शातिर बस मालिकों ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के संरक्षण में उन पर आई फॉर्म में परमिटो को जमा कर दिया है और मात्र 1 महीने का 1000 टैक्स 88,8 परमिट पर लेकर बसों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है यही वजह है कि क्षेत्र में उसे तो संचालित है लेकिन राज्य सरकार को क्षेत्र से मिलने वाला राजस्व नहीं पहुंच रहा है और अन्तर्राज्यीय परिवहन प्राधिकार के अधिकारियों ने पत्र लिखकर इनसे जानकारी मांगी है।
क्या क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने स्पेक्टर को बस मालिकों से अवैध उगाही की जिम्मेदारी दे रखी थी?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने वहां पर पदस्थ पटेल स्पेक्टर को बस मालिकों से अवैध उगाही की जिम्मेदारी दे रखी है जिन बसों पर परमिट होता है उन बसों को लगभग 25 से 30000 महीना पढ़ाना पड़ता है लेकिन इन भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों से बस मालिक सांठगांठ करके राज्य सरकार के कर को बसों को आई फाम कर बड़े पैमाने पर चोरी कर रहे हैं सवाल यह उठता है कि क्षेत्र में अवैध तरीके से संचालित बसों की जानकारी चाहिए जो लोग इन बस मालिकों से मधुर संबंध रखे हुए हैं और नाजायज पैसे की उगाही करते हैं उन्हीं से इसकी जांच कराकर क्या उन्हें वास्तविकता का बोध हो पाएगा या सिर्फ फॉर्मेलिटी बंन कर कागजी घोड़ों का रेस बनकर रह जाएगा।
परिवहन आयुक्त ने 31 जुलाई तक मांगी जानकारी क्या दे पाएंगे क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी?
परिवहन आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन दीपांशु काबरा ने 26 जुलाई को आदेश जारी करते हुए, क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय, जिला परिवहन अधिकारी को पत्र जारी कर कहा कि एन.आई.सी. के द्वारा प्राप्त संख्या के अनुसार प्रदेश में कुल 13066 यात्री बसें पंजीकृत है। उक्त पंजीकृत बसों में से राज्य परिवहन प्राधिकार एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा कुल 5047 परमिट जारी किये गये हैं। शेष पंजीकृत यात्री बस की वास्तविक स्थिति के संबंध में जॉच किया जाना है। उक्त संबंध में निर्देशित किया गया है कि पंजीकृत यात्री बस की वास्तविक/नौतिक स्थिति के आंकलन कर वैधानिक कार्यवाही के लिए संबंधित पंजीयन प्राधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जावे। टीम के द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार यात्री बसों पर वैधानिक कार्यवाही करने की बात कही है।
पंजीकृत वाहनों में 50 फ़ीसदी भी परमिट जारी नहीं हुई
आदेश के बाद अब सवाल यह उठता है पंजीकृत वाहनों में 50 फ़ीसदी भी परमिट जारी नहीं हुई फिर बिना परमिट की बाकी बसें क्या घर में खड़ी हैं या किस सड़कों पर बिना परमिट के दौड़ रही है? जिसकी जांच करने का आदेश जारी किया गया है पर आदेश तो आदेश होता है पर क्या आदेश का पालन वही अधिकारी कर पाएंगे जो अभी तक बिना परमिट सड़कों पर दौड़ने वाली यात्री बसों को संरक्षण दे रहे थे, बरात के परमिट पर यात्री बसें बेलगाम दौड़ रहे थे, संरक्षण देने का भी आरोप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पर था, अब ऐसा बताया जा रहा है कि जब से आदेश आया है तब से अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है आखिर जानकारी दे तो दे कैसे? जांच की वजह से सभी की तबीयत खराब होने वाली है ऐसा सूत्रों का कहना है, क्योंकि जिन बसों को उन्हीं के संरक्षण पर बारात परमिट पर दूसरे राज्य भेजा जा रहा था आखिर उस बसों की जांच कैसे कर पाएंगे क्षेत्रीय अधिकारी और क्या उन बसों पर कार्यवाही कर पाएंगे तमाम तरह के सवाल उठ खड़े हुए?
वैसे जांच के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने 7 सदस्य टीम बनाई है
कार्यालय परिवहन आयुक्त छत्तीसगढ़ के पत्र क्रमांक 629/ टीसी / 2023 नवा रायपुर, दिनांक 26/07/ 2023 के माध्यम से समस्त क्षेत्रीय/अति क्षेत्रीय, जिला परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रदेश में कुल 13098 यात्री बसे पंजीकृत है। उक्त पंजीकृत बसों में से राज्य परिवहन प्राधिकार एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा कुल 5047 परमिट जारी किये गये हैं। शेष पंजीकृत बस की वास्तविक स्थिति के संबंध में जांच किया जाना है। जिसके लिए 7 सदस्य टीम बनाई गई है जिसमे रामकृष्णहरि साहू सहा. परि. उप निरीक्षक, शैलेन्द्र टण्डन परिप्रधान आरक्षक, निरंजन भगत सहायक वर्ग 2, फिलमून एक्का डाटा एन्ट्री आपरेटर, अमोश एक्का सहायक वर्ग 3, विष्णु भास्कर नगर सैनिक ओमप्रकाश गुप्ता नगर सैनिक, कुलदीप सिंह नगर सैनिक सामिल है जो रामकृष्णहरि साहू सहा. परि उपनिरीक्षक, परिवहन उड़नदस्ता अंबिकापुर से समन्वय स्थापित कर कार्यों का संपादन करेंगे।