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एमसीबी,@क्या विधायक का निज सचिव होना देता है नियम तोड़ने का अधिकार?

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  • भाजपा ने भी लगाया आरोप,शराब और साा की अवैध कमाई के नशे में चूर कांग्रेसी अब कानून से भी खुद को मान रहे ऊपर
  • राजधानी में देर रात बार बंद कराने पहुंची पुलिस से की थी बहस,दी थी देख लेने की धमकी
  • राजधानी पुलिस ने निज सचिव को बार से उठाकर लाया था थाने, विधायक के पहुंचने पर देर रात निज सचिव छोड़े गए
  • भरतपुर सोनहत विधायक के निज सचिव की राजधानी पुलिस ने की पिटाई,नशे की हालत में पुलिस से की थी हुज्जतबाजी
  • विधायक के साथ एनएसयूआई के छात्र नेता भी पहुंचे थे पुलिस थाने, हुई जमकर बहसबाजी
  • क्या विधायक का निज सचिव होने पर देर रात तक समय समाप्त होने पर भी बार में बैठने की,शराब पीने की होती है अनुमति, सवाल।

-रवि सिंह-
एमसीबी,24 जुलाई 2023 (घटती घटना)। खबर राजधानी की है लेकिन मामले में भरतपुर सोनहत विधायक का भी नाम सामने आ रहा है जिसमे वह देर रात राजधानी के एक पुलिस थाने पहुंचते हैं और वहां से अपने निज सचिव को छुड़ाकर लाते हैं, निज सचिव भी ऐसे वैसे मामले में नहीं शराब के मामले में पुलिस थाने लाए गए थे और जिसके पहले पुलिस ने जमकर उनकी खातिरदारी भी की थी जैसा की खबरों और सूत्रों से पता चल रहा है। विधायक के निज सचिव को शराब के नशे में पुलिसकर्मी के साथ हुज्जतबाजी करने का पुलिस ने जहां मजा चखाया वहीं उसे पकड़कर थाने ले गई और बाद में विधायक के हस्तक्षेप के बाद उसे देर रात छोड़ा गया तब वह वापस आवास लौट सका।
मामले को लेकर बताया जा रहा है की रायपुर के एक पुलिस थाने की पुलिस देर रात एक पब को बंद कराने पहुंची जहां कुछ लोग शराब पी रहे थे और यह भी बताया जा रहा है की वह छात्र संगठन एनएसयूआई के छात्र नेता थे साथ ही उनके साथ भरतपुर सोनहत विधायक का निज सचिव भी शराब पी रहा था,पब बंद कराने पहुंची पुलिस ने जब पब मालिक को पब बंद करने कहा क्योंकि रात के 11 बजे से ज्यादा का समय हो रहा था जो बार के नियमो के विपरीत था तब वहां उपस्थित विधायक के निज सचिव ने पुलिसकर्मी एस हुज्जतबाजी की और उसे देख लेने की धमकी दे डाली, पुलिसकर्मी जिसमे एक उप निरीक्षक भी शामिल थे को बात नागवार गुजरी और उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ विधायक के निज सचिव की पिटाई कर दी,पिटाई के बाद पुलिस ने सभी को उठाया और पुलिस थाने लेकर पहुंच गए जहां फिर देर रात तक छात्र नेताओं और पुलिस के बीच तकरार चलती रही और जब मामले की भनक भरतपुर सोनहत विधायक को लगी और उन्हे पता चला उनका निज सचिव भी पकड़ा गया है और उसके साथ पुलिस ने मारपीट की है वह भी थाने पहुंचे और फिर वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर किसी तरह उन्होंने अपने निज सचिव को छुड़ाया और अपने साथ वापस ले गए।
सूत्रों की मानें तो जिसेपुलिस ने पिटा वह विधायक गुलाब कमरो का निकला निज सचिव
मामला जो सामने आया है उसके अनुसार विशाल गुप्ता जो भरतपुर सोनहत विधायक के निज सचिव हैं जिनकी रायपुर के एक पुलिस थाने की पुलिस ने पिटाई की है मामले में विधायक के निज सचिव पर शराब के नशे में पुलिसकर्मियों से हुज्जत करने की बात सामने आई है,वहीं पुलिसकर्मियों को वह देख लेने की भी बात कह रहे थे जो बात पुलिसकर्मियों को नागवार गुजरी और उन्होंने निज सचिव की पिटाई कर दी और उन्हे थाने ले गए। पूरा मामला जो सामने आया है उसके अनुसार रायपुर के एक पुलिस थाने की गस्त टीम गस्त पर थी और उसे क्षेत्र में एक पब खुला हुआ नजर आया जो देर रात तक खुला था और वहां शराब पारोसी जा रही थी जबकि पब का समय रात 11 बजे तक ही निर्धारित है और उसके बाद पब बंद किए जाने का निर्देश है। पुलिस ने पब मालिक को निर्देश दिया की पब बन करें तो उसने बताया कुछ लोग बैठे हैं और उनके जाने के बाद बंद कर दिया जायेगा वहीं पुलिसकर्मी और पब मालिक की बातचीत में ही विधायक के निज सचिव कूद पड़े जो पब में ही अन्य के साथ शराब का आनंद ले रहे थे और उन्होंने पुलिसकर्मी से हुज्जत करनी शुरू कर दी साथ ही देख लेने की भी वह बात करने लगे,पुलिसकर्मियों को जिनमे एक उप निरीक्षक भी शामिल थे उन्हे बात नागवार गुजरी उन्होंने पहले तो निज सचिव की पिटाई की बाद में उसे पुलिस थाने उठा ले गए जहां बाद में छात्र संघ के नेताओं ने देर रात तक हो हल्ला किया और जहां विधायक भी पहुंचे तब जाकर निज सचिव को छोड़ा गया।

क्या विधायक का निज सचिव होना देता है नियम कानून तोड़ने की इजाजत?
पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है की क्या विधायक का निज सचिव होना कानून से ऊपर होना होता है,क्या नियम कायदा तोड़ने की छूट होती है विधायक के निज सचिव के पास,इस मामले में तो यही समझ में आता है जहां विधायक का निज सचिव पब के निर्धारित समय के समाप्त होने के बाद भी देर रात तक पब में शराब पीता पाया जाता है और जब पुलिस सवाल करती है घर जाने को कहती है वह पुलिस को ही देख लेने की धमकी देता है। पूरे मामले में निज सचिव होना कानून से ऊपर होना होता है इस बात को लेकर सवाल जरूर खड़े होते हैं।


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