रायपुर,23 जुलाई 2023 (ए)। छत्तीसगढ़ कोल और लेवी घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसी आईएएस अफसर रानू साहू की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। शुक्रवार को उनके आवास में छापामार कार्यवाही करने के बाद ईडी ने कल उन्हें विशेष अदालत में पेश किया था। अदालत ने उन्हें 3 दिन की रिमांड पर भेजा है। दूसरी ओर ईडी का ध्यान अब उन स्थानों पर भी है जहां रानू साहू बतौर कलेक्टर पोस्टेड थी। जानकारों की माने तो रानू साहू अब तक जहां भी पदस्थ रही हैं, वहां डीएमएफ का फंड सबसे ज्यादा था। लिहाजा ईडी के रडार में अब ये स्थान और वहां के कुछ विशेष लोग भी आ गए हैं।छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमार कार्यवाही से खासी खलबली मची हुई है। ईडी के राडार में आईएएस अफसर रानू साहू के आने के बाद से ही नए-नए तथ्य और जानकारियां निकलकर सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो ईडी के हाथ कुछ ऐसे क्लू मिले हैं, जिनसे ईडी अब अपनी जांच का एक बिंदु उन स्थानों पर फोकस कर रही है, जहां रानू साहू अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। ज्ञात हो कि रानू साहू कलेक्टर बनने के बाद सबसे पहले कांकेर जिले में पोस्टेड रही हैं। इसके बाद उन्हें बालोद, कोरबा और रायगढ़ जिले की कमान भी संभालने का मौका मिला था। इन स्थानों पर अपनी सेवाओं के दौरान आईएएस अफसर रानू साहू अपने कामों को लेकर खासी चर्चाओं में भी रही है। ईडी का माथा इन स्थानों से आने वाले डीएमएफ फंड को लेकर खटक गया है। सूत्रों की माने तो कोरबा और रायगढ़ जिले ऐसे हैं, जहां से डीएमएफ का सबसे ज्यादा फंड आता है। लिहाजा डीएमएफ फंड को लेकर भी ईडी को कुछ बात खटक रही है। सूत्रों की माने तो ईडी अब इन जिलों और यहां से जुड़े कुछ लोगों के ठिकानों पर जांच कर सकती है।
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