एमसीबी,@यह कैसा विकास की 4 महीने टूट जाता है संपर्क,4 महीने के लिए दवाइयों व राशन का पहले से ही करना पड़ता है इंतजाम?

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  • विकास कार्यों की स्वीकृति में आगे फिर भी भरतपुर सोनहत विधानसभा के कई ग्राम पहुँच विहीन
  • पहुँच विहीन क्षेत्र में बारिश के दिनों में तो स्तिथि ओर भी भयावह हो जाती है
  • बरसात से पूर्व ही चार माह का राशन पहुँचा दिया गया पहुँच विहीन ग्रामो में

-रवि सिंह-
एमसीबी, 23 जुलाई 2023 (घटती घटना)। विकास के बड़े-बड़े दावे करना लगातार विकास के लिए पीठ भी थपथपाई जाती है स्थानीय विधायक का, घोषणा व स्वीकृति में भी आगे फिर भी दर्जन भर से ज्यादा है पहुंच विहीन गांव जहां 4 महीने टूट जाता है संपर्क, जिसके लिए 4 महीने करनी पड़ती है जह्दो जहद, खाद पदार्थों की तो व्यवस्था 4 महीने के लिए कर दी जाती है स्वास्थ सुविधा के लिए भी दवाइयां उप स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचा दी जाती है पर विषम परिस्थिति में होने वाली परेशानियां के लिए कोई विकल्प नहीं होता।
एक ओर जहा छ ग विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है जहा विधानसभा अध्यक्ष भी भरतपुर सोनहत विधानसभा में कार्यो की स्वीकृति को लेकर तारीफ कर चुके हैं, किंतु भाजपा शासन से लेकर अब तक भरतपुर सोनहत विधानसभा के करीब 40 ग्राम के 2562 परिवार वर्षा के दिनों में कोरिया व नवीन एमसीबी जिले के कई क्षेत्र आज भी पहुँचविहीन है, जहा बारिश के दिनों में तो स्तिथि ओर भी भयावह हो जाती है जिससे इन क्षेत्रो का संपर्क जिला व लाक मुख्यालय से पूरी तरह टूट जाता है जिससे इन क्षेत्रो में पहुँचना किसी चुनोती से कम नही, जहा जिले में भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा पहुँच विहीन क्षेत्रो में आता है जिसकी वजह यहा गुरुघासी दास राष्ट्रीय उद्यान को बताया गया है, क्यो की बिना अनुमति के इन क्षेत्रो में निर्माण संभव नही वही जो निर्माण कार्य कराया गया उनकी स्तिथि भी दयनीय है। जिस कारण इस भरतपुर विधानसभा के कुछ क्षेत्रो में वर्षा के पूर्व ही खाद्य विभाग के सहयोग से 4 माह का राशन कई ग्रामो में पहले ही पहुँचा दिया जाता है। ताकि आम जनता को असुविधा न हो किन्तु किसी आकस्मिक दुर्घटना में स्वास्थ्य सुविधा मिलना बढ़ा मुश्किल है।
इन समस्यों से जूझते है पहुँच विहीन क्षेत्र के लोग
जैसे पिछले कुछ वर्ष पूर्व एक मामला भरतपुर विकास खंड का सामने आया था जहाँ देवसील ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम झापर में एक ही परिवार के दो बच्चो को सर्प ने काट लिया था जहाँ उन बच्चो के शव को लेकर लाक मुख्यालय में पीएम कराने पहुचने में मृत्योपरांत लगभग 5 दिन लगे थे, जहा शव कंधे में रखकर लाया गया था वही पुनः शव घर नही पहुच पाया था, जिसे परिजनों ने जंगल मे मिट्टी दे दी थी क्यो की शव पैदल ले जाना किसी चुनोती से कम नही था वही आज भी कई छेत्र ऐसे है जो कि स्वास्थ्य सुविधा के लिए आज भी मध्यप्रदेश के सीमा पर स्थित स्वास्थ केंद्रों पर निर्भर है जिले में इन छेत्रो तक पहुच पाना इस लिए भी मुश्किल है क्यो की कई छेत्र गुरुघासी दास उद्यान के अंतर्गत है या फिर इसकी सीमा से होकर ही इन क्षेत्रो तक पहुँचा जा सकता है मिली जानकारी अनुसार जिले में पहुँच विहीन छेत्र यह है जो कि बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे है जो कि भरतपुर विधान सभा छेत्र में आते है जहा भरतपुर लाक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मुरकिल, कमर्जी, बड़गांव खुर्द, देवसील, कटवार, खोहरा, बड़वाही, बड़गांव कला, नोगई इसी तरह सोनहत के आनंदपुर व कछाडी की है जिनके कई ग्राम इनके आश्रित ग्राम है जैसे दसेर, काटो, ठकुर हत्थी, कुर्थी, सीतापुर, झापर, चिखली व धनपुर जैसे कई ग्राम है जिन तक पहुँचना आसान नही जिससे बारिश के दिनों में कई कठिनाइयों का सामना करना पढ़ता है।
7 साल में भी सड़क व पुल का निर्माण पूरा नही हो सका
वैसे शासकीय रिकार्ड के अनुसार 17 उप स्वास्थ्य केंद्र है जहा जिला प्रशासन द्वारा 4 माह के लिए दवाइयों की व्यवस्था भी की गई है ताकि आम जनो को विसम परिस्थितियों में प्रारंभिक उपचार किया जा सके। वही इन क्षेत्रो में हो रहे कठिनाइयों को देखते हुए पूर्व कलेक्टर ने उद्यान क्षेत्रो में सड़क व पुल निर्माण के लिए लाखो के कार्य मनरेगा व जिला खनिज न्यास योजना के तहत वर्ष 2015/16 से लेकर वर्ष 2022/23 में स्वीकृत किये किन्तु पार्क अधिकारियों के उदासीनता के कारण आज भी कई सड़क व पुल का निर्माण पूरा नही हो सका जो सड़क बना वो भी खस्ताहाल हो गया क्यो की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी वन विभाग ही करता है जहा जिले के अधिकारी इन कार्यो की गुडवाा की जांच करना उचित नही समझते जिस कारण ये अधूरे कार्य भी रिकार्ड में पूर्ण हो गए थे जिस कारण वन विभाग के द्वारा बनाये गए कई सड़क आज चलने लायक नही है वही वन विभाग के अधिकारी वर्षा में सड़क का बह जाने का जवाब दे कर मुह मोड़ लेते है वही पूरा छेत्र जंगलो से घिरा होने के कारण व पथरीली रास्तो के कारण यहा जाना जिले के अधिकारी उचित नही समझते जिस कारण यह छेत्र आज भी पहुच विहीन है। जिसके जिले कही न कही प्रशासन ही जिम्मेदार है यह कहना भी गलत नही होगा क्यो की पूर्व में करोड़ो रूपये इन ग्रामो तक पहुचने के लिए पानी की तरह बहा दिए गए व आज भी स्तिथि इन मार्गो की खस्ताहाल हैं।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि की उदासीन परेशानी का सबब
वही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि इस ओर उदासीन बने हुए है जिस कारण इन वनांचल छेत्रो के कई मार्गो में पढ़ने वाले नदी नालों में पुल नही होने से ग्रामीण परेसान है जिससे वर्षा के दिनों में ग्राम दो भागों में बट जाता है जब कि ग्रामीणों ने कई बार छेत्र के जनप्रतिनिधियों से पुल की मांग की जहा कार्य स्वीकृति का दावा तो किया गया किन्तु कई कार्य आज भी धरातल पर सुरु नही हो सके जिसमे सोनहत से छिंगुरा मार्ग पर पढ़ने वाला पुल है जो कि विगत चार वर्षों से बनने की बात सुनने में आ रहा किन्तु कार्य अब तक सुरु नही हो सका वही निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी कोई हल नही निकलने से यह समस्या बनी हुई है वही वर्षा के दिनों में नदी में पानी होने से ये समस्या और भी गंभीर हो जाती है जिससे आपात काल मे स्वास्थ सेवा भी नही पहुच पाती वही जरूरी कार्य पढ़ने पर जिला व ब्लॉक मुख्यालय पहुचना भी किसी चुनोती से कम नही जिस पर इन छेत्रो के ग्रामीणों ने शासन से विकास की मांग की है ताकि यह छेत्र पहुच विहीन न रहे।
कई क्षेत्र आज भी पहुंच विहीन
पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र तिवारी ने कहा जिले के कुछ क्षेत्र आज भी पहुच विहीन है जहाँ वर्षा के पूर्व ही 4 माह का राशन व जरूरी दवाइयां उप स्वास्थ्य केंद्रों में ग्रामीणों को जिला प्रशासन द्वारा उपलध करा दिया जाता है वही इन छेत्रो में मुलभुत सुविधा के विस्तार की आवश्यकता है ताकि वर्षा के दिनों में ग्रामीणों को असुविधा न हो व वर्ष भर इन पहुँच विहीन ग्रामो में भी आसानी से पहुचा जा सके।
सभी पंचायत पहुंचविहीन नहीं है
जनपद पंचायत सोनहत सीओ ए पन्ना ने कहा सभी पंचायत पहुंचविहीन नहीं है, आनंदपुर व दसेर तक सड़क बनी है। लेकिन कुछ गांव ऐसे हैं, जहां बारिश के मौसम में वाहन का पहुंचना मुश्किल है जिस कारण राशन चार माह का पहले पहुँचा दिया जाता है।


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