बैकुण्ठपुर,@जिले में प्राथमिक शिक्षा का बुरा हाल,कई प्राथमिक शाला हुए एकल शिक्षकीय

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  • सहायक शिक्षकों की पदोन्नति के बाद आई है ऐसी समस्या,कही कम बच्चे ज्यादा शिक्षक कहीं ज्यादा बच्चे एक शिक्षक देख रहे स्कूल
  • कम दर्ज संख्या और ज्यादा शिक्षकों वाले विद्यालय से एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षक भेजकर सुधारी जा सकती है व्यवस्था,लेकिन जिम्मेदार मौन

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,23 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। जिले में प्राथमिक शिक्षा का हाल बुरा हो चला है और इसका कारण है की जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में मौन साधे हुए हैं जो चाहें तो व्यवस्था सुधर सकती है और प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ सकती है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहें हैं और जिसकी वजह से प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है।
बता दें की सहायक शिक्षकों की पदोन्नति के बाद कई प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए हैं वहीं कई ऐसे स्कूल हैं जहां दर्ज संख्या के हिसाब से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, अब ऐसे में यदि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चाहें तो वह व्यवस्था बनाकर एकल शिक्षकीय स्कूलों में उन स्कूलों से शिक्षक भेज सकते हैं जहां फिलहाल जरूरत से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं।
जिले में कई प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन और कई एकल शिक्षक
जिले में कई प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन और कई एकल शिक्षकीय होने के बावजूद विभाग के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहें हैं और वहीं जिले के आला अधिकारी भी मामले में मौन साधे बैठे हैं जिससे नौनिहालों का भविष्य फिलहाल उज्ज्वल होता नजर नहीं आ रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस व्यवस्था को सुधारने यदि पहल करना चाहें तो वह संभव हो सकता है और वह ऐसे स्कूलों जहां कम दर्ज संख्या के बावजूद ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं उनमें से एक को शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालय में भेज सकते हैं जिससे वर्तमान सत्र में प्राथमिक स्कूलों में नवनिहालों को अच्छी शिक्षा मिल सकती है। वहीं इस ओर ध्यान नहीं देने की वजह से एकल शिक्षकीय कई स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है क्योंकि एकल शिक्षकीय स्कूल होने की वजह से विद्यालय का शिक्षक विद्यालय के अन्य कार्यों में भी समय देता है और शेष बचे समय में वह अध्यापन कराता है जबकि शिक्षकों को संलग्न कर इस व्यवस्था को सुधारा जा सकता है।
जिले में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय प्राथमिक शालाओं की संख्या में हुआ है इजाफा
शिक्षकों के पदोन्नति के बाद जिले में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों की संख्या में इजाफा हुआ है,अधिकांश स्कूल शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय हो चुके हैं और अब वहां की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है,वहीं विभाग और जिम्मेदार इस ओर ध्यान दें तो यह व्यवस्था सुधारी जा सकती है अस्थाई तौर पर जबकि वह ध्यान नहीं दे रहें हैं।
कम दर्ज संख्या अधिक शिक्षकों वाले स्कूलों से शिक्षक विहीन
यदि प्राथमिक शिक्षा को जिले में पटरी पर लाने की बात की जाए तो कम दर्ज संख्या और अधिक कार्यरत शिक्षकों वाले स्कूलों से शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षक संलग्न कर फिलहाल व्यवस्था सुधारी जा सकती है लेकिन इस तरफ जिले के आला अधिकारियों का ध्यान नहीं है और जिसकी वजह से प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था फिलहाल बेपटरी नजर आ रही है।


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