- स्वास्थ्य विभाग घोटाले में पूर्व से लेकर वर्तमान सीएमएचओ के साथ कई कर्मचारी संलिप्त क्या कलेक्टर करा पाएंगे जांच?
- क्या कलेक्टर के लाडला होने की वजह से डॉ प्रिंस जायसवाल अभी डीपीएम पद पर पदस्थ है?
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर, 23 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के स्वास्थ्य विभाग में बीते 4 साल से घोटालों की बाढ़ सी आई हुई है। तत्कालिन कलेक्टर कुलदीप शर्मा ने घोटालों की जांच के आदेश दिए थे, परन्तु वर्ष 2022-23 की जांच करने वर्तमान जिला प्रशासन के हाथ पैर कांप रहे हैं। दरअसल, कलेक्टर की लाइजनिंग कर रहे स्वास्थ्य विभाग के दोनों जिलों से डीपीएम के पद से हटाए आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ प्रिंस जायसवाल इस समय स्वास्थ्य विभाग के सर्वेसर्वा हैं, और वर्ष 2022-23 में जमकर नियमों को दरकिनार कर खरीदी की गई है। जिसमें करोड़ों की सीटी स्कैन मशीन भी है,वहीं जांच में पहुंची एकाउंटेट जर्नल की दो सदस्यीय दल भी जिनके खिलाफ जांच की जा रही उन्ही के साथ मिलकर जांच कर रही है। जिस पर सवाल खडे हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार दो सदस्यीय दल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय मे बीते तीन दिन से जांच कर रहा है, दल वर्ष 2022-23 में हुई तमाम खरीदी की जांच में जुटा है, परन्तु आया दल की पूरी लाइजनिंग प्रभारी डीपीएम कर रहा है, जबकि जांच उसके और सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर के खिलाफ की जा रही है। एजी रायपुर से आए दोनों जांच अधिकारियो को अपने प्रभाव से प्रभावित करने में दोनों जुटे है, कल के बाद आज भी डॉ सेंगर जांच अधिकारियों के साथ बंद कमरें में दो घंटे रहे, वहीं खरीदी के कागजात अन्य किसी के हाथ नहीं दिखाए जा रहे है, जिनके खिलाफ जांच हो रही है दोनों ऐसे दस्तावेज दिखा रहे हैं, एनएचएम के लेखापाल से लेकर सभी कर्मचारियों को दोनों जांच अधिकारी तक जाने तक नहीं दिया जा रहा है, जिससे तय है कि जांच सही नहीं हो पा रही है। आपको बता दे कि डॉ सिंगर भी सीएमएचओ की कुर्सी पाते ही अनाप शनाप खरीदी में जुट गए हैं, नेत्र विशेषज्ञ डॉ सेगर ने स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से पंगु करके रख दिया है, उनके द्वारा खुद को अज्ञानी बताते हुए सिर्फ खरीदी में पूरा ध्यान लगाया गया है यही कारण है कि अब जांच हो रही है तो किसी तरह मैनेज करने में जुटे हुए है। स्वास्थ्य विभाग का कामकाज पूरी तरह से ढप्प पडा हुआ है।
अब तक नहीं हुई ज्वाईनिंग
16 मई 2023 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक भोसकर विलास संदीपान ने आदेश जारी कर एमसीबी और कोरिया जिले में प्रभारी डीपीएम आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ प्रिस जायसवाल को हटा दिया था, मनेन्द्रगढ में सुलमोन खान और कोरिया में राकेश वर्मा को डीपीएम नियुक्त किया गया था, मनेन्द्रगढ़ में तो सुलेमान खान ने कार्यभार ग्रहण कर लिया था, परन्तु कोरिया में राकेश वर्मा को कार्यभार ग्रहण नहीं करने का फरमान जिस अधिकारी ने आदेश दिया उसी ने मौखिक रूप से दे दिया, वहीं जिला कांग्रेस कमेटी के साथ बैकुंठपुर, मनेन्द्रगढ, खडगंवा से लेकर तमाम कांग्रेस के नेता स्वास्थ्य मंत्री से मिले, स्वास्थ्य मंत्री ने दो टूक कह दिया कि आदेश नहीं बदलेगा, नए डीपीएम को ही प्रभार मिलेगा, दूसरी ओर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह का लाडला डॉ प्रिंस जायसवाल अभी उसी पद पर पदस्थ है, शासन के आदेश को जारी हुए 2 माह से ज्यादा बीत चुका है, लेकिन डॉक्टर प्रिंस जायसवाल पद पर बना हुआ है।
क्या सीटी स्कैन मशीन की खरीदी ने बनाया लाडला?
वर्ष 2022-23 में जनवरी माह से मार्च 2023 तक जमकर खरीदी हुई है, इस खरीदी में नियमों को दरकिनार कर काफी अनियमितताएं बरती गईं, जिसकी शिकायत भी हुई है, परन्तु कलेक्टर ने 22-23 की जांच करने से इंकार कर दिया, इसके अलावा करोड़ों की सीटी स्कैन मशीन की खरीदी की गई है, जो कलेक्टर की निगरानी में डॉ प्रिंस जायसवाल के द्वारा की गई है, क्या यही कारण है कि कलेक्टर और प्रिंस जायसवाल के रिश्ते बेहद प्रगाड़ हो चुके हैं, इस मशीन की खरीदी को लेकर सवाल खडे हो रहे हैं, क्या है मशीन की कीमत? क्यों खरीदी मे पारदर्शिता बरती नहीं गई? किस कंपनी की मशीन खरीदी जा रही है? क्या यह मशीन चायनिज तो नही है? इस तरह के दर्जनों सवाल है जिसके जवाब जिला प्रशासन के पास नही है।
कांग्रेस को 10 हजार वोट का नुकसान
पुरे शहर में चर्चा का विषय है की कलेक्टर के साथ डॉ प्रिंस जायसवाल की ट्यूनिंग जग जाहिर है, कलेक्टर एक मिनट भी उसके बगैर नहीं रह सकते है, यही कारण है एमएस, एमबीबीएस चिकित्सकों की बैठक में कलेक्टर के सामने आयुवेदिक चिकित्सक उन्हें फरमान जारी करने से लेकर खड़े और बैठने का आदेश देते रहते है। यही कारण है कि कोरिया जिले के साथ एमसीबी जिले का भी स्वास्थ्य महकमे में काफी नाराजगी है, कांग्रेस की सरकार में जिला प्रशासन के इस रवैए से कांग्रेस का खासा नुकसान होने की पूरी संभावना है। लगभग 10 हजार से ज्यादा वोट का नुकसान कांग्रेस को सकता है।
वर्तमान सीएमएचओ ने पद की गरिमा की धूमिल
डॉ आर एस सेंगर ऐसे सीएमएचओ है जिन्होंने स्वास्थ्य विभाग की गरिमा धूमिल कर दी है साथी चिकित्सक भी हैरान हैं,सीएमसचओ कार्यालय में वो अपने चेम्बर में कम, प्रभारी डीपीएम के बुलावे पर प्रभारी डीपीएम के चेम्बर में ज्यादा बैठे मिलते है, कार्यालय में काम करने वाले बाबू भी हैरान है उन्हें कोई भी काम के लिए फ़ाइल लेकर प्रभारी डीपीएम के चेम्बर में जाना पड़ता है, सीएमएचओ अब प्रभारी डीपीएम के आदेश पर काम करते देखे जा रहे है, और इससे शेष कर्मचारी भी डॉक्टर सेंगर की कार्यशैली से खासे नाराज है।