एमसीबी@एमसीबी जिले से सामने आया धर्मांतरण का मामला…भय का वातावरण दिखाकर कराकर जा रहा था धर्मांतरण

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  • क्या विभाग के सिपाही कोबचाने के लिए जिले के पुलिस अधिकारियों ने मुझ से फेसबुकपोस्ट डिलीट करवाया?:आकाश दुआ
  • धर्मांतरण कराने वाला निकला पुलिस विभाग का कर्मचारी
  • धर्मांतरण मामले में पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत, कार्यवाही करने की हो रही मांग
  • क्या पुलिस अधीक्षक धर्मांतरण कराने वाले पुलिसकर्मी पर करेंगे कठोर कार्यवाही,या पुलिसकर्मी को देंगे अभयदान ?

-रवि सिंह-
एमसीबी 22 जुलाई 2023, (घटती-घटना)।
एमसीबी जिले में धर्मांतरण का मामला सामने आया है जिसमें पुलिस विभाग के एक सिपाही के द्वारा धर्मांतरण किया जा रहा था, जिसका खुलासा भाजपा के एक युवा नेता ने किया, वह खुद वहां पर पीडि़त बनकर पहुंचा और पूरे मामले का वीडियो बना खुलासा किया, पुरे मामले का वीडियो भी बनाए और सोशल मीडिया पर इसे डाला भी था, पर पुलिस कार्यवाही करने के बजाय भाजपा के युवा नेता से वीडियो को डिलीट कर आया, कहा कि सौहार्द बिगड़ेगा आप शिकायत कीजिए कार्यवाही करेंगे पर शिकायत के 12 दिन बाद भी कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद यह मामला फिर से गरमाने लगा है और एक बार फिर युवा नेता ने मीडिया के सामने आकर पूरे बातों को बताया।
युवा नेता आकाश दुआ ने कहा की 9 जुलाई को मनेंद्रगढ़ से लगे हुए ग्राम पंचायत भलौर में तथाकथित युवक के द्वारा अपने दो अन्य नाबालिक सहयोगियों के साथ धर्मांतरण करने के लिए लोगों को बरगलाया जा रहा था, इस बात की मुझे जानकारी मिलते ही मैं अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और मैंने देखा कि वहां पर एक युवक जो अपना नाम विमल तिर्की बता रहा था, उसने वहां पर ईसाई धर्म से जुड़ी पुस्तकों को लेकर चित्रों के माध्यम से कई सारी प्राकृतिक आपदाओं, महामारियों, फसल नष्ट हो व घर में किसी की मृत्यु हो जाने जैसे भय दिखाकर और उससे बचने के लिए उन्हें अपने चैनपुर स्थित चर्च में बुलाकर वहां पर प्रार्थना करने से व वहां पर मिलने वाले रोटी व अंगूर का रस पीने से आपकी सारी परेशानी दुख कष्ट और आपदाएं जो आप पर आने वाली है वह सभी परमेश्वर है वह ठीक कर देगा, इस तरीके की तमाम बातें उसके द्वारा कहीं जा रही थी जब मैंने उसके इस सभी बातों का वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड किया जो सभी जगह वायरल हो गई अत: स्थानीय पुलिस व अधिकारियों ने मुझे बुला कर फेसबुक पोस्ट को डिलीट करने को कहा और मुझे आश्वासन देते हुए कहा गया कि लिखित में शिकायत दर्ज कराने पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी, मैंने लिखित शिकायत 13 जुलाई को एसपी एमसीबी को दे दी। उसके बाद जब मैंने अपने स्तर पर उस युवक के बारे में छानबीन करने का प्रयास किया तब मैंने पाया कि वह युवक लगातार धर्मांतरण के कार्य में संलग्न है लगातार आस-पास ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को धर्मांतरण के लिए बरगला रहा है अत जब मैंने और उसके बारे में पता किया तब मैंने पाया कि वह युवक पुलिस विभाग में सिपाही के पदस्थ है, उसके बाद सारा मामला साफ है कि अपने विभाग के सिपाही को बचाने के लिए जिले के आला पुलिस के अधिकारियों ने मुझ से फेसबुक पोस्ट को दबाव पूर्वक डिलीट करवाया अगर उन्हें इस बात की जानकारी थी कि युवक उनके ही विभाग से है फिर भी किसी भी तरीके की कोई भी कारवाई अब तक नहीं हुई है ,मामले की शिकायत को 10 दिन बितने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है ,मैं जिस तरह से युवक को पुलिस प्रशासन बचाने का प्रयास जो कर रही है उस की निंदा करता हूं वह मेरी स्थानीय पुलिस के अधिकारियों और प्रदेश के आला अधिकारियों से गुजारिश है कि वह आरोपी सिपाही को तत्काल बर्खास्त करें और पूरे मामले की जांच करें और धर्मांतरण जैसे गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए त्वरित कार्यवाही की जाए, मेरा यह मानना है की धर्मांतरण करवाने वाला कोई भी हो पर यदि वह पुलिस विभाग से है तो मामला और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है फिर हम न्याय की उम्मीद किससे करें?
धर्मांतरण कराने वाला पुलिसकर्मी नाबालिक बच्चों को भी साथ लेकर पहुंचता है धर्मांतरण कराने
एमसीबी जिले में धर्मांतरण कराने वाला पुलिसकर्मी अपने साथ नाबालिक छात्रों को लेकर जाता है,पुलिसकर्मी नाबालिक छात्रों के साथ उनके परिचितों के घर पहुंचता है और अंधविश्वास का अपना आडम्बर दिखाकर लोगों को पहले भयभीत करता है फिर उन्हे धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता है। कुल मिलाकर पुलिसकर्मी डर भय का माहौल बनाकर लोगों को धर्मांतरण के लिए उकसा रहा है और लोग भी भयभीत होकर धर्मांतरण कर रहें हैं।
वनवासी व आदिवासियों हो रहा धर्मांतरण
युवा नेता ने कहा की सरगुजा संभाग वनवासी व आदिवासियों का क्षेत्र है लगातार धड़ल्ले से हो रहे धर्मांतरण की हम सब निंदा करते है यह पूरा मामला और विषय हिंदू जागरण मंच के संयुक्त जिला कोरिया एमसीबी संयोजक आकाश दुआ ने सामने रखते हुए पुनः पुलिस अधिक्षक एमसीबी से कार्यवाही की मांग की है और मामले में दोषी पुलिस कर्मी के बर्खास्तगी की मांग की है। मामले में सबसे विचारणीय पहलू यह है की आज के युग में एक शिक्षित और नौकरी पेशा व्यक्ति जो शासकीय सेवा में है और पुलिस विभाग में कार्यरत है के द्वारा भोले भाले आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच धर्म के नाम पर आस्था के नाम पर लोगों को बरगलाया जा रहा है और साथ ही अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। मामले में हिंदू जागरण युवा मंच के अविभाजित कोरिया जिला संयोजक ने पुलिस अधिक्षक एमसीबी से मामले में कार्यवाही की मांग की है और उनके द्वारा मामले में कार्यवाही के लिए वीडियो साक्ष्य भी उपलध कराया गया है।
शासकीय कर्मचारी ही अधिकांश मामलों में धर्मानंतरण में दिख रहें हैं सक्रिय,क्या संबंधित विभाग देगा ध्यान?
धर्मांतरण का मामला जहां भी संज्ञान में आ रहा है सभी जगह या कहें अधिकांश मामलों में शासकीय कर्मचारियों की संलिप्तता मामले में अक्सर नजर आ रही है,ताजा मामला जो एमसीबी जिले का है यहां भी एक पुलिसकर्मी धर्मांतरण कराता नजर आ रहा है,अब क्या ऐसे मामलो में संबंधित शासकीय विभाग कर्मचारी पर कार्यवाही के लिए आगे आएगा या ऐसे कर्मचारियों को बचाने के लिए उन्हें संरक्षण प्रदान करेगा,एमसीबी जिले के धर्मांतरण मामले में पुलिसकर्मी की संलिप्तता सामने आई है वीडियो और साक्ष्य भी उपलध है,ऐसे में क्या दोषी पुलिसकर्मी पर कठोर कार्यवाही पुलिस अधिक्षक करेंगे या दोषी पुलिसकर्मी को मामले में दोषमुक्त करार देकर विभाग की छवि धूमिल होने से बचाने का करेंगे प्रयास।
धर्मांतरण के लिए आसान लक्ष्य होते हैं गरीब और परेशान लोग,उन्ही का अंधविश्वास के सहारे कराया जाता है धर्मांतरण
धर्मांतरण मामले में गरीब और परेशान लोग धर्मांतरण कराने वाले लोगों का आसान लक्ष्य होते हैं और उनकी मजबूरी और उनकी परेशानी को दूर करने उन्हें अंधविश्वास के मकड़जाल में फंसाया जाता है और फिर जब वह पूरी तरह मकड़जाल में फंस जाते हैं और उन्हें अंधविश्वास के सहारे ही समस्या का समाधान नजर आने लगता है उनका अंधविश्वास के प्रति विश्वास प्रगाढ़ हो जाता है धर्मांतरण कराने वाले उनका धर्मांतरण कराते हैं और इस तरह वह अपनी मंशा में सफल हो जाते हैं।
अंधविश्वास को भी बढ़ावा दे रहें हैं धर्मांतरण कराने वाले लोग
धर्मांतरण कराने वाले लोग जो शिक्षित होते हैं उनके द्वारा लगातार अंधविश्वास का सहारा लिया जाता है धर्मांतरण के लिए। कुल मिलाकर धर्मांतरण मामले में अंधविश्वास ही धर्मांतरण कराने वालों का हथियार होता है।
आदिवासी समुदाय के लोग हैं सॉफ्ट टारगेट,क्या क्षेत्र के आदिवासी समुदाय से आने वाले विधायक मामले में लेंगे संज्ञान?
एमसीबी जिले में धर्मांतरण करा रहा पुलिसकर्मी अपने लिए आसान और सॉफ्ट टारगेट चयन करता है और आदिवासी समुदाय के भोले भाले लोगों को वह इसके लिए टारगेट करता है,वहीं मामले में यह सवाल उठता है की क्या क्षेत्र के आदिवासी समुदाय से ही आने वाले विधायक मामले में संज्ञान लेंगे और वह दोषी पुलिस कर्मी कर कार्यवाही का आदेश देंगे यह भी एक बड़ा सवाल है।


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