बिना किसी वैध दस्तावेज के जिले में हो रहा कार्यालय का संचालन
आदिवासी जिले के स्कूली बालिकाओं को बहला-फुसलाकर हेल्थ प्रोडक्ट और आईटी शिक्षा के नाम पर उनसे मार्केटिंग कराई जा रही है…
इस एवज में मोटी फीस भी संस्थान इनसे वसूल रही है
जबलपुर ब्रांच ऑफिस के नाम पर अनूपपुर में खुला स्मार्ट वैल्यू का काउंसलिंग ऑफिस
लोगों के साथ बीते 20 वर्षों से लगातार चोरी-चुपके ठगी करता आ रहा है,जो अपने आप में ही एक बड़ा सवाल है
-अरविंद द्विवेदी-
अनूपपुर,20 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। जिला कारागार रोड के पास मौजूद सिद्धि विनायक पैलेस के बगल में श्रीवास्तव के मकान पर स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड के नाम पर एक संस्थान काम कर रही है इस संस्थान का न तो गुमास्ता का पता है और न ही कंपनी का दो अलग-अलग कंपनी को जोड़कर एक बताने का काम स्मार्ट वेल्यू कर रही है। एपीएलएल के नाम पर संचालित हो रही संस्था स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड के द्वारा एक छत के नीचे अनेक सुविधाओं का लाभ की बात बता कर भोले-भाले बच्चों के साथ ठगी का काम किया जा रहा है।
बेवकूफ बना मोटी रकम की हो रही वसूली
जिन कामों को लेकर कंपनी के द्वारा यहां पर ऑफिस का संचालन किया जा रहा है कार्यालय के अंदर बैठे कर्मियों के द्वारा काउंसलिंग ऑफिस बताया जा रहा है इस ऑफिस में स्कूली बच्चों से आईटी और हेल्थ प्रोडक्ट के नाम पर मोटी रकम वसूल की जा रही है इतना ही नहीं कंप्यूटर बेसिक नॉलेज के नाम पर 12 से 15 हजार तक की रकम की वसूली संस्थान बच्चों से कर रही है। ऐसे में अन्य संस्थानों की अपेक्षा इनकी कंप्यूटर की पढ़ाई भी कहीं ज्यादा महंगी है।
बात कंप्यूटर कोर्स की,दे रहे हेल्थ प्रॉडक्ट
एक तरफ कंप्यूटर के बेसिक नॉलेज के लिए यूथ सेंटर के संचालक के साथ एपीएलएल का अनुबंध होना बताया गया है तो वही स्मार्ट वैल्यू लिमिटेड के द्वारा हेल्थ प्रोडक्ट, कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर बच्चों को थमाया जा रहा हैं एपीएलएल के द्वारा जहां कंप्यूटर का यूथ कंप्यूटर कॉलेज के द्वारा दिया जा रहा है तो वही स्मार्ट वैल्यू के द्वारा यह रकम 13 हजार से 15हजार तक की वसूली की जा रही है। इसकी आड़ में स्मार्ट वैल्यू हेल्थ प्रोडक्ट के अलावा बुक्स और बैक के नाम पर रकम की वसूली कर रहा है और मोटा मुनाफा कमा रहा है।
आदिवासी बच्चें हो रहे ठगी का शिकार
रोजगार और उच्च शिक्षा के नाम पर लोगों को व्यवसाय का प्रलोभन देकर आदिवासी जिले में यह व्यापार काफी दिनों से फल फूल रहा है इसी का नतीजा है कि स्मार्ट वैल्यू जैसी कंपनियां पहले तो कंप्यूटर शिक्षा की बात करती हैं उसके बाद न्यूरिश के बने प्रोडक्ट को मार्केट में बेचने के लिए पहले तो आदिवासी बच्चों से मोटी रकम लेते हैं फिर उन्हें कमीशन का लालच देकर घर-घर सामान की बिक्री कर आ रहे हैं।
शिक्षा के मार्ग से भटक रहे स्कूली बच्चे
स्मार्ट वैल्यू के चक्कर में फसकर 10वीं और 12वीं पास के बच्चे बच्चे कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर ठगी का शिकार हो रहे हैं इस शिक्षा के आड़ में बच्चों से ₹15000 तक की वसूली की जा रही है उच्च शिक्षा की जगह स्मार्ट वैल्यू बच्चों को अपने मूल मार्ग से भटकाने का काम कर रहा है जिसके चलते यह बच्चे अपनी शिक्षा दीक्षा छोड़ न्यूरिश के प्रोडक्ट को बेचने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं जबकि इसकी आड़ में स्मार्ट वैल्यू मोटी रकम बच्चों से ऐठ रही है।
इनके पास नहीं है कोई वैध दस्तावेज
जिन प्रोडक्ट और एजुकेशन किट के नाम पर बच्चों से पैसे लिए जा रहे हैं तो वही कार्यालय संचालन के लिए कोई भी वैध दस्तावेज नहीं है मौजूदा समय में कंपनी हेल्थ प्रोडक्ट, कंप्यूटर ज्ञान, कीटनाशक दवा जैसे प्रोडक्ट पर काम कर रही है लेकिन अनूपपुर जिले में इन कार्यालय को चलाने के लिए अलग-अलग विभागों की मंजूरी जरूरी होती है लेकिन स्मार्ट वैल्यू एसोसिएट के पास इस तरह के कोई भी वैध दस्तावेज मौजूद नहीं है।
इनका कहना है…
एपीएलएल की एक ब्रांच आफिस जिला मुख्यालय में अमरदीप सिंह के नाम पर चल रही है इसके अलावा हमारे द्वारा अन्य किसी को कोई फ्रेंचाइजी नहीं दी गई है।
एपीएलएल, कस्टमर केयर, बैंगलोर
अनूपपुर जिले में न्यूरिश का काम स्मार्ट वैल्यू के द्वारा किया जा रहा है कार्यालय चलाने के लिए जो भी वैध दस्तावेज हैं उसके लिए उन्हें जिला कार्यालय से दस्तावेज तैयार कराया जाना चाहिए।
प्रदीप जहागिर,
ब्रांच आफिस, जबलपुर
हमारा कार्यालय एसोसिएट कार्यालय है सारे जरूरी कागज जबलपुर के ही माने जाएंगे हम 12 सालों से ऐसे काम करते आ रहे हैं अनूपपुर जिले में इस तरह की मंजूरी लेनी है हमको नहीं पता।
लक्ष्मण पटेल, एसोसिएट,
स्मार्ट वैल्यू अनूपपुर