बैकुण्ठपुर,@पुलिस ने कहा,कार में गांजा लेकर आ रहा था घेरा बंदी करके पकड़ा,परिजनों ने कहा घर में सो रहे थे पुलिस उठाकर ले गई…ये कैसी हैकार्यवाही?

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  • क्या पुलिस की कार्यवाही और उगाही दोनों साथ-साथ?
  • 67 किलो गांजे के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार परिजनों ने लगाया पुलिस पर उगाही का भी आरोप
  • जहां पर सुपर कॉप प्रधान आरक्षक हो वहां पर आरोप ना लगे यह तो संभव ही नहीं
  • पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति से आईजी सरगुजा का नाम भी दिखा नदारद
  • पैसा लेते थाने के सीसीटीवी में ही कैद है पुलिसकर्मी:परिजन


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर, 20 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। सरगुजा संभाग में आईजी रामगोपाल गर्ग के निर्देश पर ही अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की जद्दोजहद हो रही और सफलता भी कई जिलों में मिल भी रही है जहां सरगुजा आईजी अपना कार्यकाल अवैध कारोबारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में लगा दिए है, वहीं कुछ पुलिसकर्मी इनके मंसूबे पर पलीता लगाने से भी बाज नहीं आ रहे, जिसमें कोरिया व एमसीबी पुलिस का नाम पहले आता है, आईजी साहब के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्यवाही तो हो रही है पर कार्यवाही के साथ उगाही की भी खबरें आ रही हैं, जहां पर भी सुपर कॉप की कप्तानी वाली टीम कार्यवाही कर रही है वहां से उगाही की गंध जरूर आ रही है, चाहे वह सट्टा का मामला हो या फिर गांजा पकड़ने का। सट्टा के मामले में पुलिस कितनी बड़ी फजीहत से गुजर रही है यह किसी से छुपा नहीं है, सट्टा के मामले में और भी कार्यवाही हो सकती थी पर एक प्रधान आरक्षक की वजह से पूरी कार्यवाही को ही पलीता लग गया, क्योंकि निष्पक्षता उस कार्यवाही में कम दिखी उगाही ज्यादा सुनने को मिली, कई कनेक्शन को काटने का भी प्रयास किया गया आईजी तक भी यह बात संज्ञान में गई और आईजी ने फटकार भी लगाई जैसा सूत्रों का मानना है, पर समस्या तो यह है की फटकार उसने नहीं खाई जो सबका मास्टरमाइंड है, फटकार तो उसने खाई जिसे इस मामले से लेना-देना नहीं था, विशेष सूत्रों के हवाले से जो जानकारी आई है उसमें आईजी साहब को भी यह बात पता चली कि सट्टा मामले में कार्यवाही कर रही टीम ने अपने उच्च अधिकारियों को गुमराह करके सट्टा मामले में आरोपियों से वीआईपी के ट्रीटमेंट के नाम पर उगाही की, साथ ही नेटवर्क को काटने का भी प्रयास किया गया, सिर्फ एक व्यक्ति को बचाने के लिए, जिस पर आईजी साहब ने फाइल भी मंगाई और फाइल लेकर जाने वाले को फटकार भी लगाई पर फटकार का असली हकदार तो सुपर कॉप था जिस तक फटकार कि आंच नहीं पहुंची।
एक बार फिर गांजे में बड़ी कार्रवाई पर उगाही का भी आरोप
नशे के विरूद्ध कोरिया पुलिस की बड़ी कार्यवाही में गांजा तस्करों को किया गया गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ गांजा जप्त, 67 किलो गांजा के साथ तीन आरोपी महबूब खान पिता जुम्मन खान उम्र 38 वर्ष सा. हाईस्कूलपारा सरभोका, थाना पटना, गोलू यादव पिता स्व. सुरेन्द्र सिंह यादव उम्र 32 वर्ष सा. मण्डलपारा, थाना बैकुण्ठपुर, राजलाल उर्फ संतोष दास पिता अमर दास उम्र 25 वर्ष सा. जूनापारा सरभोका, थाना पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपियों से जप्त मादक पदार्थ गांजा एवं घटना में प्रयुक्त वाहन को भी पुलिस ने जप्त किया, जप्त मादक पदार्थ गांजा का कुल वजन 67 किलो ग्राम, जिसकी कीमत लगभग 13 लाख 40 हजार बताई जा रही है।
कार से आ रहा था 67 किलो गांजा
पुलिस की विज्ञप्ति के अनुसार पुलिस अधीक्षक कोरिया त्रिलोक बंसल (भापुसे.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका ठाकुर एवं पुलिस अनु.अधि. बैकुण्ठपुर श्रीमती कविता ठाकुर के दिशा निर्देश पर जिला क्षेत्र में अवैध मादक मादक पदार्थ गांजा, कबाड़ आबकारी अधिनियम एवं जुआ सट्टा के कारोबार करने वालों पर अंकुश लगाने के निर्देश पर दिनाँक 17.07.2023 को मुखबीर सूचना मिली कि एक सफेद रंग का कार नंबर सीजी- 10 एआर 8126 में अवैध रूप से स्वापक औषधि तथा मनःप्रभावी पदार्थ गांजा रामानुजनगर तरफ से आ रहा है, सूचना पर तत्काल टीम बनाकर शासकीय वाहन क्रमांक सीजी-03/5911 में लेकर मुखबीर के बताए स्थान ग्राम कुडेली मोड़ के पास पहुंचे, कुछ समय इंतजार करने के बाद रामानुजनगर तरफ से एक सफेद कार क्रमांक सीजी10एआर8126 आता हुआ दिखा, जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया। वाहन में महबूब खान निवासी सरभोका, गोलू यादव निवासी मण्डलपारा बैकुण्ठपुर, राजलाल उर्फ संतोष दास निवासी जूनापारा सरभोका मिले, जिनके कब्जे से एक सफेद प्लास्टिक बोरी में भुरे रंग के टेप में लपेटा हुआ गांजा पैकेट 19 पैकेट तथा एक काला बैग में 03 पैकेट गांजा एक बैग में 12 पैकेट गांजा, एक प्लास्टिक बोरी में 15 पैकेट गांजा सभी जप्त गांजा का पैकेट भुरे रंग के टेप में लपेटा हुआ मिला। कुल मादक पदार्थ गांजा 67 किलो ग्राम, कीमती लगभग 13 लाख 40 हजार रूपये एवं कार, मोबाइल भी जप्त किया गया, जिसके बाद माननीय न्यायालय पेश किया जायेगा, उक्त कार्यवाही में स.उ. नि. लवांग सिंह, रघुनाथ राम भगत, प्र.आर. नवीन दत्त तिवारी, प्र.आर. नवीन साहू, प्र. आर. अरविंद कौल, आर. रामायण सिंह, आर. सजल जायसवाल, आर. अजित राजवाडे, आर. संदीप साय, आर. राजेश्वर साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
घर से उठाकर बनाया आरोपी…परिजनों का आरोप
परिजनों ने फोन कर दैनिक घटती-घटना को जानकारी दी कि जो गांजे की कार्यवाही पुलिस ने की है वह जैसा बता रहे हैं वैसा बिल्कुल भी नहीं यह आरोप सुपर कॉप प्रधान आरक्षक के ऊपर लगाते हुए परिजनों ने कहा कि जिसे उन्होंने आरोपी बनाया है वह घर में सो रहा था भोर में 4.00 बजे पुलिस आई उठाकर ले गई कहा कि तुम पर कोई कार्यवाही नहीं होगी उससे लाखों रुपए भी ले लिए और ना जाने कहां से कार खोज के उस में गांजा भर के यह बता दिया गया की गाड़ी में गांजा लेकर आ रहे थे और पुलिस ने उन्हें धर दबोचा, ऐसे में सवाल ये उठता है यदि परिजनों का कहना सही है तब तो पुलिस के स्कि्रप्ट में कहीं न कहीं झोल है पुलिस ने जो कहानी लिखी है उस कहानी पर भी संदेह होने लगा है, पर यदि परिजन बचाने के लिए ऐसा आरोप लगा रहे हैं तो फिर परिजनों पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। परिजनों का कहना है कि हमारे पास ऐसे बहुत सारे सबूत है जिससे यह साबित हो सकता है की गाड़ी में गांजा नहीं आ रहा था गाड़ी खुद पुलिस वालों ने व्यवस्था की जबकि जिन्हें आरोपी बनाया गया है वह घर में सो रहा था।

प्रेस विज्ञप्ति से आईजी साहब का नाम आखिर क्यों हुआ गायब?
आईजी सरगुजा जिन्होंने ने अपना पूरा कार्यकाल अवैध कारोबारियों सहित मादक पदार्थों के सौदागरों के खिलाफ समर्पित किया हुआ है और वह संभाग में पूरी तरह इन कार्यों में संलिप्त लोगों के विरुद्ध अभियान छेड़कर कार्य करने संभाग की पुलिस को निर्देश जारी कर रहें हैं कोरिया जिले में हुई मादक पदार्थ की जब्ती मामले में उनका ही नाम पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति में शामिल नहीं किया। सरगुजा आईजी जिनके आने के बाद से ही इस तरह की कार्यवाहियों को लेकर पुलिस सक्रियता से काम कर रही है उनका नाम विज्ञप्ति में नहीं होने से अब यह भी सवाल उठता है की आखिर क्यों ऐसा किया गया वरिष्ठ अधिकारी का ही संभाग के मुखिया का ही नाम विज्ञप्ति में क्यों शामिल नहीं किया गया जबकि कार्यवाही उन्ही के मार्गदर्शन में हो रहा है।
आखिर सुपर कॉप की वजह से कब तक पुलिस विभाग होता रहेगा बदनाम?
मादक पदार्थ गांजा पकड़ने के बाद अब कोरिया पुलिस पर अवैध उगाही का आरोप लग रहा है,गांजा के साथ पकड़े गए आरोपियों के परिजन आरोप लगा रहें हैं की पुलिस ने अवैध मांग उनके समक्ष रखी। उगाही में एक प्रधान आरक्षक का भी नाम शामिल है जो सुपर कॉप माने जाते हैं और जिनको लेकर लगातार उगाही की खबरें भी सामने आती हैं,अब सवाल यह उठता है की जब किसी पुलिसकर्मी को लेकर बार बार उगाही की खबरें सामने आती हैं और शिकायत सामने आती है तो जिले के पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी क्यों नहीं मामले में संज्ञान लेते हैं क्यों पुलिस बार बार सुपर कॉप की वजह से बदनाम होती रहेगी जबकि सुपर कॉप के अलावा उगाही का आरोप अन्य किसी पुलिसकर्मी पर कभी नहीं लगता है।
क्या मजबूरी है कि अधिकारी भी सुपर कॉप का करते हैं बचाओ?
सुपर कॉप प्रधान आरक्षक जिनकी कार्यों से ज्यादा उनकी लोकप्रियता उनकी शिकायतों की वजह से है उनका बचाव क्यों वरिष्ठ पुलिस अधिकारी करते हैं यह भी एक बड़ा सवाल है। जब कभी भी किसी मामले में सुपर कॉप प्रधान आरक्षक कार्यवाही के लिए जाते हैं कार्यवाही तो करते हैं लेकिन बदनामी भी साथ लेकर आते हैं और वह बदनामी होती है अवैध उगाही से जुड़ी हुई और उसके बाद भी वरिष्ठ अधिकारी पुलिस के प्रधान आरक्षक के साथ खड़े दिखाई देते हैं और उन्हें संरक्षण देते नजर आते हैं। अब इसके पीछे की वजह तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ही बता सकते हैं लेकिन अधिकारी सुपर कॉप के पक्ष में ही नजर आते हैं यह देखा जाता रहा है।
अनाधिकृत टीम कर तो रही अच्छी कार्यवाही पर उगाही की भी चर्चा
कोरिया पुलिस ने एक टीम गठित की है और जो क्षेत्र में जिले में अवैध कार्यों के खिलाफ अभियान चला रही है,पुलिस विभाग में ऐसी किसी टीम के गठन की अनुमति तो नहीं है जैसा सूत्रों का कहना है लेकिन अनाधिकृत रूप से एक टीम गठित की गई है जो लगातार छापामार कार्यवाही कर रही है और कई बार सफल भी हो रही है,वहीं इस टीम पर आरोप भी लग रहें हैं जो उगाही के आरोप हैं,अब आरोप कितने सच हैं कितने झूठ हैं इसका पता भी कैसे चल सकता है क्योंकि पुलिस की कार्यवाही में शिकायत की जांच भी पुलिस के जिम्मे होती है और ऐसे में निष्पक्ष जांच होगी यह भी बड़ा सवाल है।
क्या सुपर कॉप अपने पुलिस अधीक्षक को भी कर रहे हैं गुमराह?
पुलिस अधीक्षक ने जहां बहुत भरोसा करते हुए सुपर कॉप को टीम की अगुवाई करने का जिम्मा दिया पर क्या सुपर कॉप अपने पुलिस अधीक्षक के किए गए भरोसे का भी गला घोट रहे हैं? क्योंकि लगातार उनकी उगाही की शिकायतें आ रही हैं एक बार फिर गांजा मामले में लाखों की रकम बचाने के नाम पर वसूली गई है जो परिजनों का आरोप है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस पुलिस अधीक्षक ने इन पर भरोसा जताया उन्हीं के भरोसे को यह मिट्टी में मिला रहे हैं और अपने ही पुलिस अधीक्षक की बदनामी करा रहे हैं।
पैसा लेते थाने के सीसीटीवी में ही कैद है पुलिसकर्मी
परिजनों ने कहा कि पटना थाना के सामने प्रधान आरक्षक ने उनसे पैसे लिए जो पटना थाने की सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता है, उन्होंने पटना थाना की सीसीटीवी कैमरे का फुटेज मांगने के लिए आईजी सरगुजा से शिकायत करने की बात कही है, साथ ही सूचना के अधिकार के तहत भी सीसीटीवी का फुटेज की मांगा करेगे, यदि ऐसे हुआ है तो सवाल यह उठता है कि जब परिजन इतने भरोसे के साथ बता रहे हैं तब तो उच्च अधिकारी को भी उस फुटेज की जांच करनी चाहिए और पैसा लेने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए। जबकि इस बार तो सबूत भी पुलिस के सीसीटीवी कैमरे से ही मिलेगा जो काफी कारगर होगा और विश्वसनीय भी होगा


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