रायपुर@नग्न प्रदर्शन मामले पर विधानसभा में मचा भारी हंगामा

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पक्ष विपक्ष में घमासान, भाजपा सदस्य निलंबित

रायपुर, 19 जुलाई 2023 (ए)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज शून्यकाल में भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव किया। गृहमंत्री के जवाब के बाद अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य कर दिया। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सदस्य गर्भगृह में आ गए। अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया।
मानसून सत्र के पहले दिन विधानसभा मार्ग पर अनुसूचित जाति जनजाति के युवाओं के नग्न प्रदर्शन और उन युवाओं की गिरफ्तारी का मामला सदन में गूंजा। विपक्ष ने इस मामले पर सरकार को जमकर घेरा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, कृष्णमूर्ति बांधी, धर्मजीत सिंह, इंदु बंजारे सहित विपक्ष ने इस प्रदर्शन के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यह बहुत संवेदनशील मामला है। एक ही विकल्प है कि राजनीति से ऊपर उठकर मुख्यसचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभाग के अधिकारियों की हाई पॉवर कमेटी बनाकर समाधान किया जाए। फर्जी प्रमाण पत्र के दोषियों पर कार्रवाई की जाए। भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा ने सरकार पर आरोपों की बरसात करते हुए कहा कि सतनामी समाज, आदिवासी समाज माफ नहीं करेगा। इस पर सत्ता पक्ष से कवासी लखमा, शिवकुमार डहरिया, बृहस्पत सिंह सहित अन्य ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया।
तो क्या यह थी फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले में युवाओं द्वारा नग्न प्रदर्शन किए जाने की असली वजह?
छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला को लेकर युवाओं द्वारा नग्न प्रदर्शन किए जाने का मामला गर्माया हुआ है। इस बीच एक खबर यह भी आ रही है कि इस मामले में 3 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी सुकमा और दंतेवाड़ा कलेक्टर को नोटिस भेज कर इस मामले में जवाब तलब किया था। इस खत में 15 दिनों के अंदर इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी। ऐसे में कयास यह लगाई जा रही है कि जनजाति आयोग का नोटिस मिलने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई न किए जाने से निराश होकर युवाओं ने नग्न होकर प्रदर्शन किए जाने का फैसला लिया। बता दें कि विधानसभा पुलिस ने सभी प्रदर्शन कर रहे युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। युवाओं द्वारा फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में कार्रवाई की मांग की जा रही है।
नग्न प्रदर्शन उचित नहीं : टीएस सिंहदेव बोले- फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी पाने वालों पर होगी कार्रवाई
एसटी-एससी वर्ग के युवाओं की ओर से मंगलवार को किए गए नग्न प्रदर्शन मामले को लेकर उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है, कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उसका स्वरूप सामाजिक परिवेश में स्वीकार्य होनी चाहिए। मैं इसे उचित नहीं मानता। डिप्टी सीएम ने कहा कि, फर्जी जाति प्रमाण पत्र से भर्ती हुई है तो कार्रवाई होनी चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है शासन की संज्ञान में बात है। कार्रवाई चल रही है और कार्रवाई होगी।
आरक्षण का मामला अटका नहीं होता तो…
टीएस सिंहदेव ने बेरोजगारी भत्ता को लेकर सदन में हंगामे पर कहा कि, कार्यालय में बेरोजगार कौन है, इसका पंजीयन नहीं होता। सरकारी नौकरी किसे चाहिए उसका पंजीयन होता है। इसे घुमा फिरा के प्रस्तुत किए जा रहे। सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। आरक्षण का मामला अटका नहीं होता तो और भी लोगों को सरकारी रोजगार मिल रही होती।
फर्जी जाति के मामले में मुख्य सचिव कीसमीक्षा बैठक आज
कल मंगलवार को अजा-अजजा वर्ग के युवाओं द्वारा किए गए नग्न प्रदर्शन के बाद प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है, मामले में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा को लेकर मुख्य सचिव ने गुरुवार 20 जुलाई को बुलाई है। बैठक में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वालों की नौकरी निरस्त करने की समीक्षा होगी, इस संबंध में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह ने विभिन्न विभागों के आला अफसरों को अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी के साथ बैठक में आने के लिए पत्र लिखा है।


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