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खड़गवां @राजस्व विभाग आखिर क्यों मेहरबान है अवैध कब्जा धारी भू-माफियों पर

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  • किसानों की भू-बंटन की जमीनों पर हो रहा है धड़ल्ले से व्यवसायिक भवनों का निर्माण राजस्व विभाग दें रहा है संरक्षण
  • निर्माण कार्य पर रोक लगाने हेतु तहसील कार्यालय से दिया गया था स्थगन आदेश
  • सूत्रों से मिल रही जानकारी,भू-बंटन भूमि पर दूसरे के कब्जा के आधार से पट्टा भी बनाया जा रहा है


-राजेन्द्र शर्मा-
खड़गवां 18 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। खडगवा तहसील मुख्यालय से महज कुछ मीटर की दूरी पर और मुख्य मार्ग पर अवैध कब्जा धारी भू-माफिया की सक्रियता दिनो दिन बढ़ती जा रही है।जिसके कारण आम लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
खड़गवां ग्राम पंचायत में भू-बंटन से प्राप्त भूमि को भी भू माफिया के द्वारा नहीं छोडा जा रहा है उस भू-बंटन भूमि के किसानों को भ्रमित कर उन्हें ब्याज में राशि देकर उन से भूमि की खरीदी बिक्री की लिखा पढ़ी स्टांप पेपर पर दो गवाहों में समाने कर जमीनों की खरीदी बिक्री का खेल बड़े जोरों पर चल रहा है जबकि इसकी जानकारी राजस्व विभाग के अमले को होने के बाद भी इन्हें रोका नहीं जा रहा है। अगर राजस्व इन्हें रोके भी तो राजस्व विभाग कि दुकानदारी बंद हो जाएंगी।
खड़गवां के भू-माफिया रसूख दार होने के कारण इन के द्रारा पूरी दबंगई और पैसे के जोर पर बीस सूत्रीय के तहत भूमिहीन किसानों को उनके जीविकापार्जन के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बीस सूत्रीय के तहत भूमि-आवंटित किया गया था इस भूमि के आवंटित पटे में स्पष्ट निर्देश भी लिखे गए हैं कि पट्टेदार को उक्त भूमि का उपयोग केवल कृषि प्रयोजनों के लिए ही करेगा वह उक्त भूमि या उसके किसी भाग का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं करेगा? पटेदार उक्त भूमि या उसके किसी भाग पर स्थायी स्वरूप की कोई संरचना खडी नहीं करेगा किन्तु वह कृषि प्रयोजनों के लिए अस्थायी शेड का निर्माण कर सकेगा? पटेदार भूमि में अपने अधिकार या उसके किसी भाग को बिक्री भेंट बंधक उप-पट्टा या अन्य प्रकार से अंतरित नहीं करेगा और ऐसी प्रत्येक बिक्री भेंट बंधक उप -पट्टा या अन्य प्रकार से किया गया अंतरण निष्प्रभावी होंगा? उसके बाद भी उक्त भूमि पर धड़ल्ले से राजस्व विभाग के अधिकारियों के सामने शासन प्रशासन के बिना अनुमति के धड़ल्ले से कृषि भूमि पर व्यावसायिक भवन तैयार किया जा रहा है जबकि उक्त भूमि पर व्यावसायिक भवन निर्माण पूर्णतः भूमि प्रतिबंधित है।
उसके बाद भी भूमि माफियाओं के द्वारा भू-आवंटित जमीनों पर अवैध निर्माण कार्य कराया जा रहा है ये रसूखदार भू माफिया भू आवंटन जमीनों को नहीं छोड रहे हैं सडक के किनारे कि भू- आवंटन की जमीनों पर अतिक्रमण धडल्ले से कर लाखों रूपये की लागत से व्यवसायिक भवनों का निर्माण कार्य कर रहे हैं जिसकी क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई शिकायतें कि है उसके बाद भी क्षेत्र के रसूखदार होने के कारण राजस्व का प्रशासनिक अमला इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जरूरत ही नहीं समझता है या कार्रवाई करना ही नहीं चाहता है। इससे इन भू माफियाओं का मनोबल और बढ़ता जा रहा है।
भू-मफियों द्रारा भूमि पर व्यावसायिक दुकान का निर्माण किया जा रहा है धड़ल्ले से
इन भू-मफिया के द्रारा भू-बंटन कृषि भूमि पर व्यावसायिक दुकान का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है । ये भू – माफिया भू-बंटन कृषि भूमि पर व्यावसायिक दुकान का निर्माण कार्य कृषक का होना बताकर भू-बंटन भूमि पर मकान निर्माण कर रहे हैं।
इस भू-बंटन कि कृषि भूमि पर किसी भी प्रकार का कोई भी निर्माण कार्य पूर्णतः प्रतिबंधित है उसके बाद भी इस भू– बंटन कि कृषि भूमि पर कृषक का नाम बिताकर इस व्यवसायिक दुकान का निर्माण कार्य मनिहारी दुकान का संचालक के द्वारा कराया जा रहा है इसके द्वारा खसरा नंबर 424/3 के मालिक से इस भू-बंटन कि कृषि भूमि को पैसे से खरीदा है और कृषक का भवन बना बताकर व्यावसायिक दुकान का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
जबकि इस भू-बंटन कि कृषि भूमि पर कृषक को भी इस कृषि भूमि पर किसी प्रकार को कोई स्थाई निर्माण कार्य नहीं किया जाना है पर यहां पर तो बिना किसी अनुमति के व्यावसायिक दुकान का निर्माण कार्य धड़ल्ले से मुख्यालय में मुख्य मार्ग पर किया जा रहा है।
इस, भू-्बंटन कि कृषि भूमि पर अवैध निर्माण कार्य को समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को खड़गवां तहसीलदार ने संज्ञान में लेकर राजस्व निरीक्षक खड़गवां के द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है और उसमें उल्लेख है कि ग्राम खड़गवां में शासन से आवंटित भूमि पर मकान का निर्माण कार्य किया जा रहा है मौके स्थल पर खसरा नंबर 428 रकबा 1.52 हे0 भूमि जमुना प्रसाद आ0 दूधनाथ जयसवाल निवासी खड़गवां को से शासकीय पटा में भूमि प्राप्त हुई है पटेदार जमुना प्रसाद की मृत्यु हो चुकी है जिनके वारिस पुत्र पुत्री पत्नी है उक्त भूमि का आपसी बंटवारा हो चुका है। और भूमि खसरा नंबर 428/3 रकबा 0.31 हे0 के अंश पर पक्का मकान का निर्माण कार्य किया जा रहा है। राजस्व निरीक्षक ने उक्त भूमि शासन द्वारा प्राप्त भूमि है जो कि अनावेदक के पिता को को भू –्बंटन के द्वारा कृषि कार्य हेतु प्राप्त हुई हैं कृषि कार्य के भिन्न प्रयोजन हेतु भूमि का उपयोग किया जा रहा है एवं भिन्न प्रयोजन उपयोग हेतु किसी प्रकार का दस्तावेज पेश नहीं है।
निर्माण कार्य पर रोक लगाने हेतु तहसील कार्यालय से स्थगन आदेश दिया गया था?
इधर राजस्व निरीक्षक खड़गवां के द्वारा तहसील कार्यालय में प्रस्तुत प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कृषि कार्य के प्रयोजन की भूमि का उपयोग किया जा रहा है भिन्न प्रयोजन उपयोग हेतु किसी प्रकार का कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया है। उसके बाद भी स्थगन आदेश को निरस्त कर भू-बंटन कि कृषि भूमि पर व्यावसायिक दुकान का निर्माण कार्य करा दिया गया है?
भू-आवंटित कृषि भूमि जो किसान को जीविकापार्जन के लिए मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदान किया गया है। उसे भू-माफियाओं के द्वारा सड़क किनारे की भू आवंटित कृषि भूमि पर कब्जा जमाया जा रहा है जबकि इन सब कार्यो की जानकारी खड़गवां के राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को है उसके बाद भी किसी प्रकार कि कोई रोक टोक कार्य वाही नहीं किया जा रहा है राजस्व अमला इन भू-माफियाओं से भारी भरकम अपनी फीस लेकर सारे खेल कर रहा है अगर इस पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में तहसील न्यायालय में सिर्फ और सिर्फ भू-आवंटित भूमि के प्रकरणों की भरमर रहेगी और किसान भूमि विहीन होकर न्यायालय के चक्कर काट नजर आयेंगे?
क्या बताते हैं सूत्र
राजस्व विभाग के सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि भ-बंटन भूमि पर दूसरे के कब्जा के आधार से पट्टा भी बन जा रहा है। जबकि किसान के पास भू-बंटन भूमि का पट्टा है उसके बाद दूसरे कब्जे दार का पट्टा बनाया जा रहा है।
इस तरह गरीब किसानों की जमीनों को बेचा जा रहा है। जी हां, क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन के जमीनों को खरीदने वाले भू-माफियाओं की वजह से जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं। इसकी वजह से गरीब तबके के लोग जमीन खरीदना तो दूर जमीन खरीदने के बारे में सोच नहीं सकते। इस क्षेत्र के रसूखदार भू माफिया इतने सक्रिय है कि जमीन विक्रेताओं के पास पहुंच जाते हैं और रेट पूछने के बाद उसको खरीद लेते हैं। कभी-कभी तो ये भू माफिया जमीन विक्रेताओं को भूमि बेंच देने के लिए विवश करते हैं। उसमें वे मनमाना कमीशन भी ऐंठते हैं। आश्चर्यजनक तो यह है कि यह भू माफिया अपने काम को खुलेआम अंजाम दे रहें हैं। प्रशासनिक अधिकारी उनके समस्त क्रिया कलापों के जानने के बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न करके चुप्पी साधे हुए हैं। इससे इनका मनोबल और बढ़ता जा रहा है और साधारण सी जमीन का दाम सोने के मूल्य के बराबर हो गया है।


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