चिरमिरी@जिस खेल को बचपन में नाना-नानी व दादा-दादी के घर खेलते थे उस खेल को छत्तीसगढ़ सरकार दे रही है राज्य स्तरीय पहचान

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राज्य के पारंपरिक खेल गतिविधियों को ग्रामीण क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित किया जा रहा:महापौर कंचन जयसवाल

चिरमिरी 18 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। जिस खेल को हम नाना-नानी के घर खेलते थे उसे आज हमे फिर से खेलने का अवसर मिल रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के पारंपरिक खेल गतिविधियों को ग्रामीण क्षेत्र एवं नगरीय क्षेत्रों में प्रोत्साहित करने, प्रतिभागियों को मंच प्रदान करने व उनमें खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने एवं खेल भावना का विकास करने हेतु यह आयोजन किया जा रहा है। उक्त बातें डोमन हिल खेल के ग्राउंड में खेल का शुभारंभ करते हुए क्षेत्र की महापौर श्रीमती कंचन जयसवाल ने कही उन्होंने कहां की उनकी सोच के कारण छतीसगढ़ की परम्परागत खेल, प्राचीन संस्कृति और लोक पर्व जीवित हो उठा है खेलो का अपना महत्व है हमे खेल से स्वस्थ जीवन मिलता है शरीर स्वस्थ रहता है। कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष कश्यप, सभापति गायत्री बिरहा, शंकर राव नगर निगम की आयुक्त लवीना पाण्डेय के साथ अधिकारी गण उपस्थित रहे। इस दौरान एमआईसी सदस्य रज्जाक खान ,संदीप सोनवानी बलदेव दास राकेश पारासर , महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष नीता डे,प्रेमशंकर सोनी ,सन्नी चैहथा ,शैल कुमारी ,प्रभाष राय ,रामप्यारे चैहान ,ओपी पितम ,माईकन अली सभी निर्वाचित पार्षदों के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधी निगम के अधिकारीगण कर्मचारीगण भारी संख्या में उपस्थित रहे ।
यह है छत्तीसगढ के पारम्परिक खेल
आयुक्त लवीना पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित होगी। छत्तीसगçढ़या ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।
छतीसगढिया स्वाभिमान वापस लौट रहा
ब्लॉक अध्यक्ष सुभाष कश्यप ने कहा कि छतीसगढ़ में छतीसगढिया स्वाभिमान वापस लौट रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छतीसगढिया तीज त्योहार, संस्कृति को पुनर्जीवित करते हुए हम सबके मन मे गर्व का भाव जगा दिया है। आज हम सबको फिर से पुराने दिन याद आ गए। हमने जो बचपन मे खेल खेला था वो आज फिर से तरोताजा हो गया।
प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित
सभापति गायत्री बिरहा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेल प्रतियोगिता दलीय व एकल दो श्रेणी में आयोजित होगी। छत्तीसगçढ़या ओलम्पिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।
राजीव युवा मितान क्लब से शुरू होगी प्रतियोगिता
छत्तीसगçढ़या ओलम्पिक का आयोजन ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर प्रतियोगिता 17 जुलाई से 22 जुलाई तक नॉकआउट पद्धति से होगा । वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा । इसका आयोजन 26 जुलाई से 31 जुलाई तक होगा।
प्रत्येक आयु वर्ग के प्रतिभागी ले सकेंगे हिस्सा
छत्तीसगçढ़या ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है । इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा वर्ग 18-40 वर्ष आयु सीमा तक और तीसरा वर्ग में 40 वर्ष से अधिक उम्र के प्रतिभागी शामिल होंगे। इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी भाग ले सकेंगे। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार दिया जाएगा।


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