अम्बिकापुर@डेढ़ दशक से अधिक बीत गए पर किसी की सरकार ने आदिवासियों के लिए नहीं सोचा :अरविंद नेताम

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अम्बिकापुर, 17 जुलाई 2023(घटती-घटना)। सर्व आदिवासी समाज अपनी आवाज विधानसभा तक रखने और अपने जनमत का उपयोग अपने अधिकारों के लिए करने 2023 के विधानसभा चुनाव में चुनावी रण में उतरेगी। हसदेव एवं बस्तर में अधिकारों की लड़ाई पर गलत प्राथमिकी, स्थानीय आरक्षण और पेसा नियम संशोधन के लिए 20 जुलाई को विधानसभा सत्र के दौरान पूरे प्रदेश के जिलों, ब्लॉकों में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। उक्त बातें सरगुजा प्रेस क्लब में सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार व छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने कही। उन्होंने कहा सर्व आदिवासी समाज के लगातार निवेदन, आवेदन, ज्ञापन सौंपने के बाद भी वर्ष 2001 में जो 32 प्रतिशत आरक्षण मिलना था, नहीं मिल पाया। परिसीमन में आदिवासियों के लिए आरक्षित पांच सीटों को हटा दिया गया। पेसा कानून का नियम बहुत लंबी प्रतीक्षा के बाद बना, लेकिन उस नियम में ग्राम सभा के अधिकार खत्म कर दिए गए। डेढ़ दशक से अधिक बीत गए, किसी की सरकार ने नक्सल समस्या, विकास कार्यों के नाम पर आदिवासियों के विस्थापन, जमीन के मामले सहित 23 सूत्रीय मांगों को लेकर किए जा रहे लगातार आंदोलन को गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में समाज के लिए कुछ करने के उद्देश्य से प्रदेशभर के सभी पदाधिकारी छह माह से लगे हैं। रायपुर में हुई बैठक में कमेटी ने तय किया कि अपने हक की लड़ाई के लिए सर्व आदिवासी समाज चुनावी मैदान में उतरेगा। उन्होंने कहा समाज के पूर्व अध्यक्ष स्व. सोहन पोटाई के नेतृत्व में सामाजिक जागरूकता लाने पूरे प्रदेश में जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक आंदोलन, चक्का जाम, विधानसभा घेराव किए गए, लेकिन पूर्व की सरकार व वर्तमान सरकार आदिवासियों के किसी मुद्दे पर ना बात करना चाहती है और ना ही उनको दिए गए कानूनी अधिकार को देना चाहती है। लगातार प्रताडऩा बढ़ते जा रहे हैं, आदिवासी अपने अधिकार से वंचित हो रहे हैं। वर्तमान में आरक्षित सीटों से जीते हुए विधायक आदिवासियों के मुद्दे को रखने में असफल हैं। इस दौरान सेवानिवृत्त डीआईजी अकबर राम कोर्राम, बीईओ की नौकरी छोडक़र समाजहित में काम कर रहे विनोद नागवंशी, गोड़ समाज विकास समिति के राम प्रकाश पोर्ते, अधिवक्ता अनुक प्रताप टेकाम, सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता जिवराखन लाल सहित समाज के अन्य लोगों की उपस्थिति रही।
50 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का लक्ष्य
आरक्षित व सामान्य सीटों पर भी दावेदारीपूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि प्रदेश में 29-30 रिजर्व सीटों के साथ ही 20 से 25 सामान्य सीटों, जहां 80 हजार तक आदिवासी मतदाता हैं, वहां ाी सर्व आदिवासी समाज की ओर से प्रत्याशी मैदान में उतारे जाएंगे। प्रदेश के 50 सीटों पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा सामान्य सीटों पर हमारे बैनर तले सामान्य वर्ग के लोग भी चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।पार्लियामेंट के कानून की अनदेखीसमाज के अध्यक्ष अरविंद नेताम ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन देश में हो रहा है। जल, जंगल, जमीन में पार्लियामेंट के कानून की अनदेखी होने से आदिवासी समाज का भविष्य अंधकारमय है।


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