- छोटे बस मालिकों पर लगातार कार्यवाही,अवैध अंतर्राज्यीय चलने वाली राजहंस बसों पर कार्यवाही करने से क्यों कतरा रहे आधिकारी?
- संभाग में पदस्थ पटेल स्पेक्टर की स्थिति काफी संदिग्ध, बैतूल और उसके भांजे इरशात से निभा रहे मधुर संबंध
- बस मालिक से टैक्स चोरी का 60-40 के फार्मूले में करते हैं बंटवाराःसूत्र
- क्या यही वजह है कि अधिकारी नहीं करते हैं बैतूल की राजहंस बस पर कार्यवाही?
-रवि सिंह-
मनेन्द्रगढ़/अंबिकापुर 16 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। इस माह में लगातार दूसरी बार प्रदेश के परिवहन विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर पुनः प्रदेश स्तरीय चेकिंग अभियान लगाया गया है जिसको लेकर स्थानीय बस मालिकों में काफी रोष व्याप्त है बस मालिकों ने चेकिंग कर रहे अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं उन्होंने कहा है कि अवैध रूप से दर्जनों बस राजहंस कंपनी की चल रही है उन पर कार्रवाई करने से विभागीय अधिकारी कतरा रहे हैं, बार-बार शिकायत करने के बाद भी बिना काउंटर साइन की बसें चलाई जा रही हैं वही ऑर्डिनरी पंजीकृत बसों को एसी स्लीपर के रूप में बना कर चलाया जा रहा है जिससे प्रतिमाह यह कंपनी लगभग छत्तीसगढ़ प्रदेश का लगभग दस रुपए गबंग कर रही है और अधिकारियों के संरक्षण में बसों को चला रही है स्थानीय बस मालिकों ने इन बसों के विरुद्ध लगातार इनके कार्यालयों में लिखित शिकायत भी की है लेकिन परिवहन अधिकारी कुम्भकर्णी चीर निंद्रा में लीन हैं.और धड़ल्ले से बस चलाई जा रही हैं, ऐसी अवैध बस चलने से एक तरफ राजस्व की भारी क्षति हो रही है दूसरी तरफ यात्रा करने वाले यात्रियों को जो पूर्व में इनकी गाडç¸यां दुर्घटनाग्रस्त हुई है कंपनियां क्लेम देने से मना कर रही है जिसके लेकर दर्जनों यात्रियों के क्लेम आज भी अदालतों में सफर कर रहे हैं, सूत्रों की माने तो टैक्स चोरी में 60 प्रतिशत बस मालिक बस मालिक खाते हैं 40 प्रतिशत अधिकारी खाते हैं यही कारण है कि राजहंस बस पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, भ्रष्ट आधिकारियों और लालची और षड्यंत्रकारी बस मालिकों के आगे संभाग के यात्री बेबस हो चले हैं और अब इनकी बसों में यात्रा करने से कतराने लगे हैं।
सूत्रों की माने थो बैतूल इरशात नौशात वसीउ रहमान जो आपस में भाई और भांजा है इन लोगों ने छत्तीसगढ़ झारखंड बिहार प्रदेश के सभी परिवहन अधिकारियों के सेटिंग या फिर आंख में धूल झोंक कर इन्होंने बड़े पैमाने में भ्रष्टाचार किया है और आज भी करते आ रहे हैं इन सब का सरगना बैतूल बताया जाता है इसके द्वारा अपने भाई और भांजे को अपना उत्तराधिकारी बना कर तीनों प्रदेश के आर ए के परमिटो को हथिया लिया गया है झारखंड प्रदेश से जेएच 02 एएच 3165 रांची से चिरमिरी परमिट लिया गया है उसे ऑर्डिनरी में पंजीयन कराया गया प्रतिमा लगभग इस बस से 20000 की चोरी की जा रही है जो पिछले 10 वर्षों से चल रही है उसी तरह जेएच 11 5171 भी इसी प्रकार संचालित है जेएच 02 एएक्स 8238 में भी रांची चिरमिरी से परमिट लेकर धड़ल्ले से संचालित कर रहा है सीजी 15 डीपी 3444 सीजी 15 डीआर 1235 छत्तीसगढ़ के एसटीए परमिट लेकर बिना सीएस धड़ल्ले से रांची चलाया जा रहा है नियमों के अंतर्गत यह बात स्पष्ट लिखी जाती है कि जब अंतरराज्यीय बसें संचालित की जाएंगी तो दूसरे राज्य के राज्य परिवहन प्राधिकार से सहमति आवश्यक है नहीं लेने पर परमिट भेद नहीं माना जाएगा इन सब नियमों के बाद भी बैतूल और उसका परिवार नियमित तरीके से बस का संचालन कर रहा है। ऐसे ही कई दर्जन बसें इसके द्वारा लगातार छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश से बिहार झारखंड तक चलाई जा रही हैं, वहीं इन दिनों इस के द्वारा मध्यप्रदेश के राजनगर से पटना तक भी बस का संचालन किया जा रहा है, इस के अतरिक्त सिर्फ अंबिकापुर से पटना की है लेकिन परिवहन अधिकारी के संरक्षण में एक बस पर डबल परमिट लेकर इसके द्वारा बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी की जा रही है, बारात परमिट लगातार अलग-अलग बसों पर लेता है और अवैध तरीके से राजनगर मनेंद्रगढ़ चिरमिरी से लगातार बस का संचालन कर रहा है, वही इसकी एक बस जो बिना परमिट मनेंद्रगढ़ से रांची चल रही है उसका परमिट चिरमिरी से रांची है, इसने परमिट उठाने से लेकर आज दिनांक तक मनेंद्रगढ़ से चिरमिरी का जो कट परमिट लिया था, आज तक उस पर कोई टैक्स नहीं पटाया है लगभग प्रतिमाह 18000 टैक्स की चोरी करता रहा है, इस तरह से लगभग प्रदेश का लगभग लाखो इस पर टैक्स बकाया है, लेकिन इस बात की खबर परिवहन विभाग के अधिकारियों को नहीं है या फिर 60,40 के फार्मूले में बस मालिक और अधिकारी सरकारी धनराशि को डकार लिए हैं, बैतूल और उसके परिवार के लोगों पर यदि टैक्स की बारीकी से जांच की जाए तो कई करोड़ रुपए की रिकवरी प्रदेश सरकार कर सकती है, इन लुटेरे बस मालिकों से टैक्स रिकवरी के लिए एक ईमानदार अफसर की जरूरत है जो बड़ी ईमानदारी से प्रदेश सरकार को इनसे पैसे की रिकवरी करवा सकें इन्होंने शासकीय धनराशि का गबन करके अंबिकापुर शहर सहित अन्य भागों में करोड़ों रुपए की जमीन खरीद रखी है जो टैक्स रिकवरी के लिए पर्याप्त साधन है इस कंपनी के लिए परिवहन विभाग ने सारे नियम शिथिल कर दिए हैं और यही कारण है कि राजहंस का संचालक अपना डंका बजाने के लिए नंगा नाच कर रहा है और उसका संरक्षण आरटीओ देवांगन और पटेल स्पेक्टर जैसे लोग लगातार दे रहे हैं।
अधिकारी के इशारे पर हो रहा काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पता तो यह भी चला है कि आरटीओ देवांगन और पटेल स्पेक्टर धनबल के साथ-साथ इरशात और नौशात के साथ रंगरेलियां भी मनाये जाने की खबर की खूब चर्चा है इन लोगों ने अपने लिए मैनपाट को अपना अय्याशी का अड्डा बनाया हुआ है देर रात यह लोग विभागीय अधिकारियों के साथ उधर निकल जाते हैं परिवहन विभाग के अधिकारियों की सेवा राजहंस कंपनी के द्वारा की जाती है वही उस स्पेक्टर का पुत्र भी इस के काले कारनामे में लगातार सहयोग करता है और कई बार विभाग की गाड़ी लेकर रात रात भर ट्रकों और बसों से अवैध उगाही करता है पूर्व में कुछ बस और ट्रक मालिकों के बीच काफी विवाद हुआ था प्रकरण थाना भी पहुंचा था उसके बाद यह बाप और बेटा थोड़ा ठंडे हुए थे लेकिन अब फिर से इन लोगों ने राजहंस कंपनी के स्टाफ के संरक्षण में फिर नेशनल हाईवे के कई चिन्हअंकित स्थानों में खड़े होकर अवैध वसूली कर रहे हैं इन पटेल बंधुओं का मनोबल इतना बड़ा है कि कई बार जब बस मालिक राजहंस बस की शिकायत करते हैं तो साफ-साफ कहते हैं मैं उन पर कार्यवाही नहीं कर पाऊंगा आपको जहां शिकायत करना है कर दो ऊपर से जब आदेश आएगा तो ही कार्यवाही कर पाऊंगा ऐसे दो टूक जवाब देकर उन पर कार्रवाई करने से यह भ्रष्ट अधिकारी बच रहे हैं।