बैकुंठपुर/एमसीबी,@क्या सर्किल इंस्पेक्टर ने 80 लाख के शराब की कमी बता कर सभी शराब दुकानों से वसूले लाखों?

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  • मनेन्द्रगढ़ विधानसभा के युवा प्रत्याशी महेश ने नाराजगी जताते हुए कहा की एक ही शराब दुकान में लाखों का घोटाला कैसे हुआ?
  • शनिवार व रविवार के शराब दुकान की बिक्री के पैसा को मंगाया अपने पास, सोमवार को जमा नहीं हुआ था पैसा
  • शराब दुकान की बिक्री के पैसे को देने वाले को कहा शराब में पानी मिलाकर पैसे को ऑडिट से पहले करो मेकअप:सूत्र
  • क्या शराब में जो मिलाना मिलाओ पर विभाग के अधिकारियों को
  • महीने लाखों दो?
  • क्या शराब में मिलावट अधिकारियों के सह पर हो रहा..अधिकारी अपनी जेब भरने के लिए शासन को भी पहुंचा रहे नुकसान?
  • शराब बंदी करो ना तो जाने कितने काले राज छिपे हैं इस भ्रष्ट सरकार में, शराब दुकान घोटाले को लेकर जताई नाराजगी

-रवि सिंह-
बैकुंठपुर/एमसीबी,14 जुलाई 2023 (घटती-घटना)।
सोशल मीडिया में इन दिनों वायरल हो रहे चिरमिरी शराब घोटाले को लेकर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी मन्नेद्रगढ़ विधानसभा के युवा प्रत्याशी महेश प्रसाद ने नाराजगी जताते हुए कहा की एक ही शराब दुकान में लाखों का घोटाला आखिर हुआ कैसे? सूत्रों के अनुसार आबकारी विभाग अब मामले को किसी तरह निपटाने के फिराक में है और अन्य दुकानों को मौखिक निर्देश देकर भरपाई करने को कहा गया है। सूत्रों से यह भी बताया जा रहा है कि नकली शराब बेचकर घोटाले की भरपाई करने की तैयारी आबकारी विभाग द्वारा कि जा रही है। घोटाले बाज दुकान संचालक पर कार्यवाही करने की बजाए आबकारी विभाग लीपापोती करने में लगा है। आखिर चिरमिरी के एक दुकान में लाखो रुपए के शराब का घोटाला हुआ तो हुआ कैसे? जबकि सरकार बकायदा ऑनलाइन मॉनिटरिंग कि बात करती है फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे ये सोचने वाली बात है।
यहां तक तो ठीक है लेकिन अब आबकारी विभाग इसकी जिस प्रकार भरपाई करने की तैयारी में है। ये तो साफ जाहिर है कि आबकारी विभाग इसकी भरपाई अपनी जेब से तो नही कर सकता अनुमान लगाया जा रहा है कि अब विभाग नकली एवं गैर कानूनी शराब के जरिए अपने इस घोटाला को लीपा पोती करने में लगा हुआ है। एक तरफ़ तो कोंग्रेस की सरकार ने शराब बंदी ना करके सस्ती ब्रांड को कमीशन के बल पर दुकानों में परोसा गया अब विभाग द्वारा ना जाने किस प्रकार से गैरकानूनी शराब और मिलावटी शराब बेचकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के फिराक में है।
आबकारी विभाग मामले की लीपापोती करके मामले को रफा दफा करने की तैयारी में
अविभाजित कोरिया जिले से एक बड़ी खबर आबकारी विभाग की आ रही है, विभाजित कोरिया जिले का अभी तक पूर्ण रूप से विभाजन नहीं हुआ है और अभी भी कई विभाग संयुक्त जिले की कमान सम्हाल रहे हैं और उन्हीं में से आबकारी विभाग भी एक है जो दोनो जिले में अभी संयुक्त रूप से काम कर रहा है और कोरिया जिले से ही विभाग का संचालन हो रहा है, आबकारी विभाग द्वारा संचालित शासकीय शराब दुकान से जुड़ी है यह खबर जहां घोटाले की बात सामने आ रही है और अब आबकारी विभाग मामले की लीपापोती करके मामले को रफा दफा करने की तैयारी में है। लगभग 80 लाख का घोटाला सामने न आने पाए इसके लिए आबकारी विभाग अविभाजित कोरिया जिला नया तरकीब लेकर सामने आया है और अब इस घोटाले की राशि की भरपाई अविभाजित कोरिया जिले के सभी शराब दुकान मिलकर करेंगे यह विभाग ने निर्णय सभी दुकान संचालकों को सुना दिया है और जल्द ही भरपाई करने निर्देशित जारी कर दिया है।
यह हुआ घोटाला
पूरा मामला एमसिबी जिले के चिरमिरी शराब दुकान से जुड़ा हुआ है और दुकान का नाम गोदरीपारा अंग्रेजी शराब दुकान बताया जा रहा है जहां विगत दो वर्षों में लगभग 80 लाख रुपए शासकीय शराब की राशि गायब बताई जा रही है और यह राशि गायब है इसकी जानकारी अब सामने आई है और जानकारी सामने आते ही आबकारी विभाग हरकत में आया है और अविभाजित कोरिया जिले के सभी शराब दुकानों को निर्देश जारी कर दिया की अब सभी दुकान मिलकर इस राशि की भरपाई करेंगे और वर्तमान में जो भी बिक्री इस माह आएगी उसमें से भरपाई की जाएगी। जिन शराब दुकानों की बिक्री अधिक है उन्हे 5 लाख और जिनकी कम है उन्हे 2 से 1 लाख प्रति दुकान भरपाई का निर्देश जारी किया गया है आबकारी विभाग द्वारा। अब जिले के सभी शराब दुकान किस तरह भरपाई करेंगे इतने बड़े घोटाले की यह समझा जा सकता है,अब शराब में पानी मिलाकर बेचने साथ ही मिलावटी शराब बेचने की मौन सहमति ही इसे मान लेने के अलावा और कुछ कहा नहीं जा सकता और माना जा सकता है की अब आबकारी विभाग की भरपाई वाले निर्देश के बाद सभी शराब दुकान मिलावटी शराब बेचकर घोटाले की भरपाई करेंगे और शराब प्रेमियों की जान से खिलवाड़ करेंगे। चिरमिरी की गोदरीपारा शराब दुकान का यह घोटाला जितना बड़ा है उतना ही बड़ा मामला यह है की घोटाले को छिपाने अब आबकारी विभाग ही शराब दुकानों की मिलावटी शराब बेचने की मौन स्वीकृति दे रहा है जो जिले के शराब प्रेमियों के लिए बुरी खबर है।
80 लाख रुपए की हुई है गड़बड़ी,बिक्री राशि में है 80 लाख का अंतर
बताया जा रहा है की बिक्री राशि में 80 लाख रुपए कम जमा किए गए हैं,यह राशि चिरमिरी की गोदरीपारा शराब दुकान की तरफ से जमा की गई कम राशि है और इतनी राशि की गड़बड़ी की गई है। कुल मिलाकर दो वर्षों में यह घोटाला हुआ है और अब यह घोटाला सामने आया है। दुकान की बिक्री में 80 लाख रुपए विगत दो वर्षों में कम जमा की गई है और बिक्री राशि में से यह राशि कम बताई जा रही है।
दो वर्षों से कम जमा की जा रही थी बिक्री राशि
एक ही शराब दुकान से विगत दो वर्षों में 80 लाख रुपए की गड़बड़ी की गई है,लगातार दो वर्षों तक शराब बिक्री की राशि एक दुकान द्वारा कम जमा की जा रही थी और इसका पता आबकारी विभाग को नहीं चल पा रहा था और दो वर्षों बाद जब पता चला भी तब अंतर की राशि 80 लाख पहुंच गई है और अब विभाग को चिंता सताने लगी है और विभाग मामले की लीपापोती में जुटा हुआ है। सवाल यह उठता है की आबकारी विभाग को आखिर दो वर्षों तक कैसे घोटाले की खबर नहीं लगी और लगातार दुकान की बिक्री राशि जिसमे अंतर आ रहा था उससे विभाग कैसे अनभिज्ञ था। अब जब घोटाला बड़े स्तर पर पहुंच गया है उसे छिपाने अन्य दुकानों से वसूली का आदेश जारी कर दिया गया है और कार्यवाही और जांच की जगह मामले को रफादफा करने की तैयारी है। ये सब बाते कई सवालों को खड़ा करती है।
आबकारी विभाग लेता है प्रतिदिन का दुकानों से वसूली,इसलिए नहीं देता है गड़बडि़यों पर ध्यान
सूत्र से बताया जाता है की आबकारी विभाग जिलेभर की शराब दुकानों से प्रतिदिन के हिसाब से वसूली करता है और इसके एवज में शराब दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों को मनमानी की छूट मिली हुई है वहीं इसी वसूली की एवज में शराब में मिलावट की भी छूट मिली हुई है और विभाग वसूली करने के बाद दुकानों की जांच भी नहीं करता।बताया यह भी जा रहा है की इसीलिए इतना बड़ा घोटाला दो वर्षों के बाद सामने आया है और उसे भीपाने विभाग पूरा जोर लगा रहा है और जिसके लिए वह जिले के अन्य दुकानों से वसूली कर भरपाई करने की फिराक में है। शराब दुकान जो प्रतिदिन की आबकारी विभाग की वसूली जमा करते हैं उन्हें चूंकि मनमानी की छूट होती है और उनकी जांच भी नहीं होती इसलिए ही इतना बड़ा घोटाला संभव हो सका है।
जब लगातार दुकान की बिक्री राशि जमा हो रही थी कम तो फिर लगातार शराब लाने परमिट कैसे हो रहा था जारी?
गोदरीपारा शराब दुकान घोटाले में आबकारी विभाग की संलिप्तता इससे भी समझी जा सकती है की जब लगातार बिक्री राशि कम जमा हो रही थी फिर क्यों दुकान के लिए नया परमिट जारी किया जा रहा था। शराब की बिक्री राशि जमा ही नहीं हो रही थी और शराब मंगाकर लगातार दुकान को दिया जा रहा था। पूरे मामले में विभागीय संलिप्तता स्पष्ट है और यह भी स्पष्ट है की बिना मिलीभगत इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं हो सकता।
क्या चिरमिरी शराब दुकान घोटाले मामले को रफा-दफा कर लेगा आबकारी विभाग,या होगी घोटालेबाज पर कार्यवाही?
चिरमिरी गोदरीपारा शराब दुकान में हुआ घोटाला लाखों का है और अब घोटाले को विभाग दबाने की फिराक में है और जिलेभर के शराब दुकानों से भरपाई का मौखिक आदेश जारी कर दिया गया है। अब विभाग के मौखिक आदेश के अनुसार जिलेभर के शराब दुकान मिलकर उक्त घोटाले की भरपाई करेंगे। वहीं मामले में चूंकि विभाग की भी पोल खुलने का डर है और किस तरह विभाग ही वसूली कर मिलावटी शराब बिकवाता है इसकी पोल न खुल जाए इसलिए भी विभाग मामले को रफा दफा करना चाहता है। वैसे मामले को क्या विभाग निपटा ले जायेगा या दोषी दुकान संचालक पर कार्यवाही करेगा यह देखने वाली बात होगी। वैसे मामले की जांच होगी या नहीं यह भी बड़ा सवाल है या फिर अन्य दुकानों से भरपाई कराकर ही मामले को दबा दिया जाएगा।


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