रायपुर@राहुल गांधी पर हुए अन्याय के मामले में कांग्रेस ने मचाया हंगामा

Share


मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस नेताओं का राजधानी में मौन विरोध-प्रदर्शन
रायपुर, 12 जुलाई 2023 ( ए)।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ अन्याय किए जाने का आरोप लगाते हुए आज कांग्रेसजनों ने मौन सत्याग्रह कर अपना विरोध जताया। इस विरोध-प्रदर्शन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने शिरकत की है।
सीएम भूपेश बघेल गांधी मैदान में चल रहे मौन सत्याग्रह में शामिल होने पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल के अलावा मंच पर प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत सत्ता और संगठन के कई बड़े चेहरे एक साथ मौन रहकर विरोध जता रहे हैं। यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक मौन प्रदर्शन होगा। ज्ञात हो कि 7 जुलाई को जब कोर्ट का फैसला आया तब भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत तमाम कांग्रेसी नेता सारे कार्यक्रम रद्द कर रायपुर के अंबेडकर चौक पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया था। यहां सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि अंग्रेज केवल महात्मा गांधी से डरते थे। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी से डर रही है।
मौन सत्याग्रह खत्म
होते ही सीएम
भूपेश बघेल ने क्या कहा
मोदी सरनेम मामले पर राहुल गांधी की याचिका गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसके विरोध में रायपुर के गांधी मैदान में आज कांग्रेस के नेताओं ने 5 घंटे तक मौन सत्याग्रह किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, प्रभारी कुमारी शैलजा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम समेत,प्रदेश के नेता, मंत्री शामिल हुए।
मौन सत्याग्रह खत्म होने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा केंद्र सरकार द्वारा लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। प्रजातंत्र की रक्षा के लिए कांग्रेस हमेशा लड़ती रहेगी। मुख्य ने कहा जनता की आवाज बुलंद करने वाले लोगों की आवाज बंद करने की कोशिश की जा रही है। उन्होने कहा पहले तो राहुल गांधी की सदस्यता खत्म की फिर उनके निवास को खाली कराया गया।
राहुल गांधी के समर्थन में ‘मौन सत्याग्रह’ःअरुण साव बोले- संविधान और न्यायालय को नहीं मानती कांग्रेस
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस के ‘मौन सत्याग्रह’ पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि, जिस व्यक्ति ने पिछड़े वर्ग को गाली दी, उनका उपहास उड़ाया, उस व्यक्ति के लिए मौन धारण कर प्रदर्शन करना और उसे सत्याग्रह का नाम देना, पिछड़े वर्ग के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा कृत्य है। अरुण साव ने कहा कि, कांग्रेस का जो रवैया है, उससे यह पूर्णत: स्पष्ट है कि आज अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहती है तो वह राहुल गांधी की चाटुकारिता के लिए शायद आपातकाल लगाने से भी नहीं चूकती, जैसा कि इंदिरा गांधी के लिए लगाया गया था। कांग्रेस देश के संविधान और न्यायपालिका में विश्वास नहीं रखती। वह केवल एक परिवार को ही सब कुछ मानती है। देश की जनता भी इनकी प्राथमिकता में नहीं है।
साव ने कहा कि, न्यायपालिका जिस पर सभी का भरोसा होता है, आज कांग्रेस उसके खिलाफ, उसके फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है। यह देश के संविधान का मजाक उड़ाने जैसा है। जनता अब यह मान रही है कि कांग्रेस गांधी परिवार के आगे देश के संविधान को भी नहीं मानती और न्यायपालिका की विश्वसनीयता को खंडित करने का कुंठित प्रयास करती है। पूरे देश की जनता कांग्रेस का यह कृत्य देख रही है, कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी।
उल्लेखनीय है कि, ‘मोदी सरनेम’ पर न्यायालय से सजा मिलने के बाद राहुल गांधी के समर्थन में कांग्रेस आज ‘मौन सत्याग्रह’ कर रही है। इसके तहत हर राज्य की राजधानी में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास कांग्रेसी प्रदर्शन कर रहे। पार्टी ने राहुल की अयोग्यता के पीछे बीजेपी की ‘घटिया चाल’ को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए नई तरकीबें ढूंढ़ रही, क्योंकि वो सच सुनने से घबराती है।
कांग्रेस के ‘मौन सत्याग्रह’ पर सांसद रंजीत रंजन का बड़ा बयान, लोकतंत्र में विपक्ष को दबाने का किया जा रहा है प्रयास
राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने आज देशभर में कांग्रेस पार्टी द्वारा किए जा रहे मौन सत्याग्रह को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के डिसमलीफिकेशन के विरोध में यह मौन सत्याग्रह है। लोकतंत्र में जिस तरह से दबाने का प्रयास किया जा रहा है, सदन के बाहर इसके खिलाफ ये प्रदर्शन है।
राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने आगे कहा कि राहुल गांधी के डिसमलीफिकेशन के विरोध में सत्याग्रह करने जा रहे हैं। गुजरात हाईकोर्ट का फैसला आया है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब निंदा करने के लिए 2 साल की सजा होती है। सदन से निष्कासित किया जाता है। गुजरात हाईकोर्ट से फैसला आया है, इसलिए हम गुजरात पर जोर लगा रहे हैं। कानून पर हमें पूरा विश्वास है। कानूनी प्रक्रिया के तहत सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी।


Share

Check Also

रायपुर,@ निगम-मंडल और स्वशासी संस्थाओं को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं पर लगी रोक

Share @ वित्त विभाग ने जारी किया आदेश…रायपुर,26 अक्टूबर 2024 (ए)। वित्त विभाग ने तमाम …

Leave a Reply