बैकुण्ठपुर@स्वास्थ विभाग का नया कारनामा आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जागरूकता जरुरी नहीं…क्या डिवाइस खरीदना जरुरी?

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  • आयुष्मान कार्ड लंबे समय से सीएससी व जिला अस्पताल में बन रहा..फिर क्यों शासन के पैसे का दुरुपयोग करने निकला मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीदा का आदेश है?
  • जब आयुष्मान कार्ड बनना है सीएससी में तो फिर पीएससी को मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीदने का क्यों हुआ आदेश जारी

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 08 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। अजीबोगरीब देखने और सुनने को मिल रहा है जब सत्ता में कांग्रेस की सरकार आई थी तो उस समय आयुष्मान कार्ड को अमान्य करने की बात हो रही थी, अचानक अब आयुष्मान कार्ड को अधिक से अधिक बनाने का लक्ष्य दे दिया गया है, जबकि इस लक्ष्य को जागरूकता के साथ पूरा किया जा सकता है पर पटना के खंड चिकित्सा अधिकारी ने एक नया ही आदेश जारी कर दिया है और यह आदेश उन्होंने सारे सीएचसी व पीएचसी के लिए जारी किया है जहां मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीदा जाए, अब समझने की बात यह है कि जब समुदाय स्वास्थ्य केंद्र व जिले जिला अस्पताल में पहले से ही आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है इसके बावजूद आयुष्मान कार्ड सभी का क्यों नहीं बन पाया? यह बड़ा सवाल है और अब क्या मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीदने से आयुष्मान कार्ड बन जाएगा? जबकि आयुष्मान कार्ड बनाने का अधिकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को नहीं दिया गया है फिर भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मंत्रा फिंगर डिवाइस क्यों खरीदने का आदेश जारी किया गया? शासन के पैसे का दुरुपयोग अनियमित रूप से दुरुपयोग कराया जा रहा है ब्लॉक बैकुंठपुर में 48 उप स्वास्थ्य केंद्र है मंत्रा फिंगर डिवाइस लगभग 4000 से 4500 रुपए राशि का है उप स्वास्थ्य केंद्र में आयुष्मान कार्ड बनाने के अलावा इसका और कोई दूसरा काम नहीं है। फिर खरीदी की वजह क्या है यह समझ के परे है।
क्या है आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है, जिसे 23 सितंबर, 2018 को पूरे भारत में लागू किया गया था। 2018 के बजट सत्र में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने इस योजना की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा मुहैया कराना है।
उप स्वास्थ्य केंद्र में जब आयुष्मान कार्ड बनना नहीं है तो फिर वहां के लिए मंत्रा फिंगर डिवाइस का क्या है काम?
आयुष्मान कार्ड सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित जिला चिकित्सालयों में बनना है, वहीं पटना के खंड चिकित्सा अधिकारी ने उप स्वास्थ्य केन्द्रों को मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीदने का आदेश दिया है, अब सवाल यह उठता है की जब उप स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान कार्ड बनना ही नहीं है तो वहां डिवाइस खरीद कर सरकारी पैसे का दुरुपयोग क्यों किया जा रहा है? क्योंकि उप स्वास्थ्य केंद्र में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ना तो सिस्टम लगे हो गए हैं और ना ही बनाने के लिए कोई कर्मचारी नियुक्त किया गया है, ऐसे में वहां पर बन पाना संभव नहीं है इसके बावजूद खरीदी का आदेश देना समझ के परे है।
छत्तीसगढ़ सरकार खुद स्वास्थ्य के लिए पैसा दे रही है तो फिर छत्तीसगढ़ में आयुष्मान कार्ड बनाने में इतना जोर क्यों?
छत्तीसगढ़ की सरकार 20 लाख तक का निशुल्क इलाज मुहैया करा रही है जो अब तक का सबसे अधिक पैसा है जबकि आयुष्मान कार्ड में तो 5 लाख तक का ही इलाज होना है, इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में भी आयुष्मान कार्ड पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार 20 लाख तक के निशुल्क इलाज कराने का दावा कर रही है जिसका प्रचार-प्रसार भी जोरों शोरों से हो रहा है। अब ऐसे सवाल यह उठता है कि 20 लाख पर क्या 5 लाख भारी है?
क्या मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीद कर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा?
कहीं मंत्रा फिंगर डिवाइस खरीदी के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा? क्योंकि अभी तक इसका उपयोग समझ में नहीं आ रहा सिर्फ खरीदी तक ही जिसका उपयोग है, ऐसा प्रतीत हो रहा है यदि इतने ज्यादा मात्रा में खरीदी होगी और उसका उपयोग नहीं होगा तो फिर सरकारी पैसे का दुरुपयोग ही माना जाएगा, यदि उपयोग ही करना है तो सारे उप स्वास्थ्य केंद्रों में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सिस्टम लगा दिया जाए और वहां एक कर्मचारी बैठा दिया जाए तब तो जाकर मंत्रा फिंगर डिवाइस का उपयोग हो पाएगा नहीं तो वह अनुपयोगी ही साबित होगा।


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