- सरगुजा संभाग में विधायक प्रत्याशी चुनने का अधिकार क्षेत्र टी एस सिंह देव के पास रहेगाःसूत्र
- विनय जायसवाल का टिकट कटने की संभावना अधिक है ऐसे में विनय उपाध्याय विकल्प हो सकते हैंःसूत्र
- कांग्रेस नए चेहरे पर दाव लगाएगी जैसा विधानसभा क्रमांक 2 व 3 में पिछले चुनाव में लगा चुकी हैं?
-रवि सिंह-
मनेन्द्रगढ़/चिरमिरी,05 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। विधानसभा चुनाव में बहुत कम दिन बचे हुए हैं और आगामी विधानसभा की तैयारी भी अंदर खाने में शुरू हो चुकी है, विधानसभा चुनाव के लिए 4 महीने से भी कम समय बचा हुआ है, भारतीय जनता पार्टी से लेकर सत्ता दल कांग्रेस पूरे दमखम के साथ 2023 विधानसभा चुनाव लड़ेगी, कांग्रेस जहां दोबारा सत्ता में आने का प्रयास करेगी तो वहीं भाजपा अपनी सत्ता में वापसी की तलाश में होगी, भाजपा की वापसी हो इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ में दौरा भी किया जा रहा है पर हम बात करेंगे सरगुजा संभाग की जहां महाराजा साहब टी एस सिंहदेव को सत्ताधारी दल कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री बनाया है जो चुनाव से ठीक पहले एक जिम्मेदारी दी गई है और उन्हे छत्तीसगढ़ के 45 सीटों में कांग्रेस पार्टी के लिए प्रत्याशी चुनने का अधिकार क्षेत्र भी दिया गया है ऐसा सूत्रों का मानना है, ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि महाराजा साहब यदि 45 सीटों में प्रत्याशी चुनते हैं तो फिर सरगुजा संभाग के कुछ वर्तमान विधायकों के टिकट कट सकते हैं, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है जिसमें से अविभाजित कोरिया का विधानसभा क्रमांक 2 मनेंद्रगढ़ ज्यादा चर्चा में है ऐसा माना जा रहा है कि मनेंद्रगढ़ विधानसभा में प्रत्याशी बदलना तय माना जा रहा है, ऐसे में इस समय जो सुगबुगाहट सुनाई दे रही है उसके अनुसार विनय जयसवाल जो आज वर्तमान विधायक हैं उनके जगह विनय उपाध्याय को मौका दिया जा सकता है, इसलिए यह कयास लगाया जा रहा है कि विनय का विकल्प कांग्रेस में विनय हो सकते हैं, इसके पीछे का तथ्य यह है कि विनय जायसवाल की परफॉर्मेंस काफी खराब मानी जा रही है और वहीं कांग्रेस उन पर दांव खेलने का जोखिम नहीं लेगी, इस वजह से टिकट की जिम्मा भी महाराजा साहब के पास है ऐसे में महाराजा साहब के खास माने जाने वाले विनय उपाध्याय पर दाव खेला जा सकता है वैसे राजनीति में विनय उपाध्याय ज्यादा सक्रिय नहीं है पर इनका जन सरोकार स्वच्छ व अच्छा है जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है वही पिछले चुनाव के मुताबिक एक साफ सुथरा चेहरा भी कांग्रेस विनय उपाध्याय के तौर पर दे सकती है।
टी एस सिंह देव के खास है विनय उपाध्याय
चिरमिरी निवासी व्यवसाई विनय उपाध्याय टी एस सिंहदेव के काफी खास माने जाते हैं। विनय उपाध्याय व्यवसाय क्षेत्र में काफी सफल हैं और उनका जन संपर्क भी अच्छा है। वहीं विनय उपाध्याय स्वक्ष छवि के भी व्यक्तित्व के धनी हैं। विनय उपाध्याय विधानसभा क्रमांक 2 के लिए इसीलिए टी एस सिंहदेव की पसंद हो सकते हैं।
महाराजा साहब को जिम्मेदारी मिलने से सरगुजा संभाग के कुछ विधायक टिकट कटने के डर में देखे जा रहे हैं
टी एस सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री बनाए जाने से साथ ही उन्हे जैसा सूत्रों का कहना है की 45 सीटों पर उम्मीदवार भी तय करने की जिम्मेदारी मिली हुई है से कांग्रेस के सरगुजा संभाग के ही कुछ वर्तमान विधायकों को टिकट कटने का डर सता रहा है। माना जा रहा है की टी एस सिंहदेव उन्हीं विधायकों को दोबारा मौका देने का मन बनाएंगे जिनका परफोर्मेंस अभी तक अच्छा है और इसीलिए विधायक खेमें में डर का माहौल है।
कांग्रेस के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं विनय उपाध्याय
विधानसभा क्रमांक 2 में कांग्रेस पार्टी के लिए विनय उपाध्याय अच्छा विकल्प हो सकते हैं। साफ सुथरी छवि साथ ही एक सफल व्यवसाई की उनकी ख्याति पार्टी को जीत दिला सकती है वहीं वर्तमान विधायक का खिसकता हुआ जनाधार पार्टी के लिए चुनाव में उन्हे उम्मीदवार बनाए जाने से नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि निगम सहित विधानसभा की दो दो जिम्मेदारी मिलने के बाद भी क्षेत्र में उपलब्धि के नाम पर कुछ खास दिखा नहीं विधायक के कार्यकाल में।
वर्तमान विधायक को रिपीट करना भारी पड़ सकता है कांग्रेस को?
वर्तमान विधायक जिनका जनाधार काफी खिसक चुका है साथ ही जिनके ऊपर कई आरोप भी लग चुके हैं को टिकट देना कांग्रेस को भारी पड़ सकता है और पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वर्तमान विधायक पर चुनाव के दौरान स्वेक्षानुदान को लेकर भी विपक्ष हावी होगा जो उन्होंने अपने चहेतों को ही मात्र दिया है जो पार्टी के लिए नुकसान वाला साबित होगा।
क्या वाकई में बाबा के पास है छत्तीसगढ़ के 45 विधानसभा की जिम्मेदारी?
सूत्रों की माने तो टी एस सिंहदेव को केवल उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है उन्हे साथ ही साथ 45 सीटों पर प्रत्यासी चयन करने का अधिकार भी दिया गया है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय तय करेगा लेकिन बाबा का बढ़ा हुआ कद सरगुजा के कुछ विधायकों के लिए मन ही मन उदास करने वाला है यह कहना गलत नहीं होगा।