एमसीबी/अम्बिकापुर@आखिर राजहंस बस क्यों होती है सबसे ज्यादा दुर्घटनाग्रस्त?

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  • यात्रियों के विरोध करने पर बस मालिक और एजेंट करते हैं गुंडागर्दी,कहते हैं जाना है तो जाओ वरना दूसरा साधन देख लो !
  • क्या अंतरराज्यीय चलने वाली राजहंस बस में यात्रियों को सफर करना खतरे से खाली नहीं?
  • क्या राजहंस के मालिक सिर्फ पैसा कमाना ही उद्देश यात्रियों की सुरक्षा नहीं उनकी जिम्मेदारी?
  • अंतरराज्यीय चलने वाली राजहंस बस बना रही है दुर्घटनाओं का नया कीर्तिमान
  • उक्त कंपनी की बसें लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने से झारखंड,बिहार और छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए दहशत वाली खबर
  • बस मालिक पैसे बचाने की जुगत में..नए नवेले ड्राइवरों से चलवा रहे है रात्रि कालीन बसे क्यों?


-रवि सिंह-
एमसीबी/अम्बिकापुर, 03 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। राजहंस बस छत्तीसगढ़ में काफी प्रचलित मानी जाती है पर क्या इस बस में यात्रा करना यात्रियों के लिए घातक है? यह एक बड़ा सवाल यह सवाल इसलिए उत्पन्न हो रहा है क्योंकि इस समय इस बस में दुर्घटना की संख्या ज्यादा हो चली है, आखिर दुर्घटना के पीछे वजह क्या है? यह तो बस मालिक ही जाने पर यात्रियों के लिए मुसीबत बना हुआ है इस बस में यात्रा करना, सूत्रों का मानना है कि बस मालिक अपने नए नवेले ड्राइवरों को कहते हैं कि जल्द से जल्द यात्रियों को पहुंचाना है पर क्या जल्द से जल्द यात्रियों को पहुंचाने के चक्कर में यात्रियों को कहीं और तो नहीं पहुंचाना चाहते है यह भी एक बड़ा सवाल है, यात्रियों को सुरक्षा के साथ उनके दांपत्य तक पहुंचाने के उद्देश्य होना चाहिए बस मालिकों का, ना कि यात्रियों के लिए खतरा उत्पन्न होने वाले ड्राइवरों से वाहन चलवा कर यात्रियों के लिए परेशानी खड़ा करने का उद्देश्य होना चाहिए।
मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की राजहंस कंपनी की बसें दुर्घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी देखकर यात्रियों में भारी दहशत का माहौल है, बस मालिक यात्रियों के जान माल और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर दिये है संचालक के अधिक पैसे कमाने की मंशा ने झारखंड और बिहार जाने वाले यात्रियों के मन में भय पैदा कर दिया है, जन चर्चा में यह बात आम हो चली है कि राजहंस बस में यदि सफर करना है तो पूरी तरह से जान जोखिम में डालकर ईश्वर का नाम जपते हुए यात्रा करना होगा, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कंपनी की दर्जनों गाडि़यां कोयला कंपनी में चलती हैं उनमें से निकले हुए खलासी और अपरिपक्व ड्राइवरों नया अवसर देने के बहाने, निर्धारित दर से आधे दर में बस चलाने के लिए तैयार किया जाता है ये एंबुलेंस ड्राइवर तैयार भी हो जाते हैं फिर उनसे रांची, पटना, औरंगाबाद, गया तक बस चलवाई जाती हैं, नए नवेले ड्राइवरों के बस संचालन के कारण इस कंपनी की लगभग पिछले 1 साल में छोटी-बड़ी लगभग एक दर्जन से अधिक दुर्घटनाएं घट चुकी है, उस मार्ग पर जाने वाले यात्रियों में दहशत का माहौल व्याप्त है, रांची, औरंगाबाद, पटना, गया मार्गो में सिर्फ इसी बस कंपनी की सभी परमिट है पटना रांची मार्ग के सभी परमिटो को षड्यंत्र करके बैतूल ने खुद और अपने परिवार के नाम पर गलत तरीके से हथिया लिया है और अब मनमानी कर रहा है ये सभी मार्गों पर इन लोगों ने एक छत्रराज स्थापित कर लिए हैं, बस मालिक की मनमानी और अडç¸यल रवैया के कारण यात्रियों को जान जोखिम में डालकर बड़ी मुश्किल में यात्रा करना पड़ रहा है, उस मार्ग के यात्रियों ने मुख्यमंत्री परिवहन मंत्री से लापरवाह और लालची बस मालिक पर सख्त कार्यवाही करवाने की मांग की है!
नियम विरुद्ध परिचालन
उल्लेखनीय है कि अंबिकापुर की राजहंस नामक बस कंपनी के संचालक अंबिकापुर निवास करते हैं बेतूल और उसका भांजा इरसात इन सभी बसों की देखरेख करते है, बस कंपनी में काम करने वाले एक कर्मचारियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस बस का संचालन जब तक बैतूल करता था तो बसे बढि़या व्यवस्थित ढंग से संचालित होती थी लेकिन जब से उसका सदैव विवादो में रहेने वाला भांजा बसों का संचालन करने लग गया है उस दिन से कंपनी की सभी बसों में मेंटेनेंस का भारी अभाव देखा जा रहा है इरसात के आने के बाद हम सभी कंपनी के पुराने स्टाफ को हटाकर नए-नए स्टाफ को कंपनी में भर्ती कीया जाने लगी है हम लोगो पर पैसा चोरी डीजल चोरी का आरोप लगाया जाता है कई बार हमारा इसको लेकर कंपनी के नए नवेले मालिक से विवाद भी हुआ है हमें जो पैसे दिए जाते थे उससे आधे पैसे में अकुशल और नशेड़ी ड्राइवरों ख्लासियो को तैयार कर बसें चलाई जा रही है और यही कारण है कि कंपनी इन दिनों दुर्घटनाओं का कीर्तिमान बना रही है कभी बस पेड़ और ट्रक में लड़ा दी जाती है तो कभी नदी में कूदा दी जाती है तो कभी तालाब में तैरा दी जाती है।
दुर्घटना नंबर 1
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 29 जनवरी 2023 को कोरबा से पटना जाने वाली बस सीजी 15 एबी 0706 अपने निर्धारित समय से काफी लेट चल रही थी, बस का चालक नशे में धुत था अंबिकापुर से कोरबा मार्ग पर पड़ने वाले मोरगा चौकी के पास या बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें एक महिला की मृत्यु हुई कई दर्जन लोग घायल हुए, चालक पहले एक भैंस को मारा और उसके बाद सीधे अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया, प्रतेक्षदर्शियो के मुताबिक बस काफी रफ्तार में थी और यात्रियों ने बताया कि बस चालक को जो अंबिकापुर से बस चलाना शुरू किया था, बार-बार मना करने पर भी वह काफी रफ्तार चला रहा था और जाकर सो जाने के लिए कह रहा था आप परेशान मत हो इए मैं लगातार इस रोड में बस चलाता हूं आप विश्वास रखें ऐसा विश्वास दिला कर उसने लोगों को जख्मी डाल दिया।
दुर्घटना नंबर 2
वही 31 अगस्त को सीजी 15 ए बी 306 बरियों के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें 4 लोग मौके पर ही मृत्यु हो गए और दर्जनों लोग घायल हो गए प्रत्यक्षदर्शियों एवं यात्रियों के मुताबिक एक ट्रक खड़ी थी लापरवाह चालक बड़े लापरवाही से बड़े रफ्तार से खड़े ट्रक में बस को मार दिया जिसमें 2 दर्जन से अधिक लोग घायल भी हुए थे।
दुर्घटना नंबर 3
मनेंद्रगढ़ से रांची चलने वाली एक बस जो अपने निर्धारित समय से छूट कर चरचा पहुंची थी पिकनिक मना कर एक दंपत्ति ऑटो में वापस लौट रहे थे बस का चालक बिल्कुल नया था उसने सीधे सीधे ऑटो कुचलते हुए आगे बढ़ गया 4 लोग किसी वहीं पर अंतिम सास ली और लापरवाह बस चालक के कारण आकस्मिक काल के गाल में समा गए।
दुर्घटना नंबर 4
20 अगस्त को इन बस चालकों ने एक बिल्कुल नया तरह का कारनामा कर डाला अंबिकापुर से पटना जाने के दौरान झारखंड के गढ़वा के पास बस को सीधे सड़क के किनारे पढ़ने वाले तलाब में ही कुदा दिया, रात्रि का समय था बस में यात्री पूरी तरह से सोए थे एकाएक तालाब में गाड़ी कूदने पर पूरे यात्री बस सही डूबने लगे किसी तरह आसपास के लोगों के एवं शासन प्रशासन के सहयोग से उन्हें निकाला गया चालक बिल्कुल नया था और नशे में डूबा था बताया जाता है कि इसी कंपनी में वह कभी खलासी गिरी करता था और अब वह इन बसों को अंतर राज्य मार्ग में संचालित करता है।
दुर्घटना नंबर 5
बीते 15 दिसंबर को पटना बिहार से बस छत्तीसगढ़ की तरफ आ रही थी ड्राइवर के मुताबिक टायर काफी पुराने लगे थे और काफी लंबे समय से चकों में गिरिसिंग कार्य भी नहीं किए गए थे, चका पटना में ही बस चलने के दौरान गर्म हो गया था जिसकी खबर चालक ने अपने मालिक इरशाट को दी थी हटधर्मी इरशाट ने ड्राइवर को धमकाया कि तुझे अब लगता है बस नहीं चलानी है तेरा मन भर गया है सही सलामत गाड़ी लेकर आ जाओ वरना कल से तुझे गाड़ी में नहीं भेजूंगा मजबूरन ड्राइवर गाड़ी लेकर के वहां से निकल पड़ा बस कुछ ही घंटे चली थी पूरी बस में आग लग गई और मिनटों में धू-धू कर करके जल गई किसी तरह यात्री अपनी जान बचा कर के बाहर आए लेकिन उन बेचारे यात्रियों का पूरा सामान जल गया सवाल यह उठता है कि चालक ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया? मालिक को पूरी बातें बताई लेकिन जिद्दी मालिक अपने लाभ के लिए यात्रियों के जान-माल का भी ध्यान नहीं देते, सिर्फ अपने लाभ के लिए लाखों रुपए का यात्रियों का सामान बर्बाद करा डाला जब यात्रियों ने उसके मुआवजे की मांग की तो बस मालिक ने यात्रियों को उल्टा ही धमका दिया कि आप लोगों ने ही बस में आग लगा दिया है मैं आप लोगों के विरुद्ध कंप्लेंट करूंगा बेचारे सीधे-साधे यात्री अपने आप पर गंभीर आरोप लगता देखकर शांत रह गए!
दुर्घटना नंबर 6
अंबिकापुर शहर के आकाशवाणी चौक पर बस क्रमांक सीजी 15 बीआर 1235 पटना से यात्रियों को लेकर अंबिकापुर आ रही थी बस बारात परमिट पर चलाई जा रही थी बस काफी रफ्तार में थी सीधे-सीधे ठोक दी जिसमें 4 लोग बेहद गंभीर रूप से घायल हुए थे जिन्हें राजधानी रेफर किया गया था जब लोगों ने उनके कार्यालय में जाकर बस चालक की लापरवाही बतानी चाहिए तो कार्यालय में बैठे लोग उनसे ही गुंडागर्दी करने लग गए और दोबारा कार्यालय में नहीं आने की बात कहने लगे।
दुर्घटना नंबर 7
मनेंद्रगढ़ से चिरमिरी बिना परमिट बस काजी निहाल नामक व्यक्ति को ठोक दी जिससे काफी चोटिल हुए महीनों इलाज होने के बाद जब वे बीमा कंपनी और न्यायालय के शरण में गए तो आज तक उन्हें बीमा कंपनी की तरफ से कोई राहत नहीं मिल पाई है और आज भी वह इस आस में बैठे हैं कि कंपनी उन्हें क्लेम देने में सहयोग करेगी लेकिन आज तक उनसे किसी ने उनका दर्द मिलेगा जहमत नहीं उठाई।
दुर्घटना नंबर 8
मनेंद्रगढ़ से रांची चलने वाली गाड़ी पिछले वर्ष कोरिया जिले के पढ़ने वाले ग्राम रौनाही में एक पेड़ से टकरा गई थी जिस में भी एक आदमी मारे जाने की खबर है काफी यात्री चोटिल हुए थे और सबने चालक की लापरवाही होना बताया था कोई नौसिखिया चालक था जो बैकुंठपुर से काफी रफ्तार बस चला रहा था जब लोगों ने बस चालक से बस की रफ्तार कम करने के लिए निवेदन किया तो बस चालक उन्हें फिल्मी डायलॉग बोलते हुए कहा कि तू ई चालक की मुई चालक डायलॉग मारकर कुछ दूर ही पहुंचा होगा कि वह बस सीधे-सीधे एक पेड़ से टकरा गई और यात्री में चीख-पुकार की आवाज फैल गई पुलिस पहुंची स्थानीय नागरिकों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के कार्य किया। इस के अलवा और भी छोटी मोटी दर्जनों घटनाएं लगातार इस कंपनी की बसों द्वारा किया जा रहा है, बिहार और झारखंड मार्ग में अपना दबदबा बना रखा है, अधिक पैसे कमाने की होड़ और दुर्योधन की तरह हटधर्मी सोच ने इसे अंधा बना डाला है और यही वजह है कि यात्रियों की सुरक्षा के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।


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