- भूपेश सरकार में एक और अनोखा मामला आया सामने,मुख्यमंत्री सचिवालय के पत्र पर भी कोरिया जिला प्रशासन के द्वारा नहीं की गई निष्पक्ष कार्यवाही
- नियमित कालेज छात्र अध्ययन के दौरान ही एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत में कैसे रह सकता है उपस्थिति?
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर 03 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो वैसे बेमिसाल मुख्यमंत्री के रुप में जाने जाते हैं परंतु मौजूदा सरकार को आए दिन अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बदौलत कई तीखे सवालों का जबाब देने को बाध्य होना पड़ रहा है। यहां तक की कुछेक अधिकारियों और कर्मचारियों की वजह से विपक्ष और अन्य राजनैतिक दलों को उभर कर आने का मौका मिल रहा एंव मौजूदा सरकार को निकम्मा घोषित कराने का मौका दे रहे हैं। ताज़ा मामला कोरिया जिले का है जहां महिला एवं बाल विकास विभाग के एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत में एक नियमित कालेज छात्र जय कुमार को रख दैनिक वेतनभोगी के रुप में कार्य लिया जा रहा है। यही वजह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग आए दिन किसी न किसी कारणों से विवादों में घिरा हुआ नजर आता है। बताना चाहेंगे कि जय कुमार पिता राम बिलास संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अम्बिकापुर जिला सरगुजा से संबंध रखने वाले स्थानीय शासकीय नवीन महाविद्यालय,सोनहत से वर्ष 2020-21 से बीएससी की परीक्षा नियमित छात्र के रुप में दें रहा है और वहीं एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत में दैनिक वेतनभोगी के रुप में भी कार्य कर रहा है। इस बात की शिकायत कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के साथ तमाम उच्च अधिकारियों से की जा चुकी है परंतु इस पर कोई कार्यवाही शासन के नुमाइंदों के द्वारा नहीं की जा रही। आखिर ऐसी कौन सी वजह है जिसके कारण एक नियमित छात्र की जांच कोरिया जिला प्रशासन करने में महीनों लगा रहा है।
क्या है यूजीसी?
यूजीसी यानी युनाईटेड ग्रांट कमीशन,यह एक आयोग है जहां से पूरे देश भर के सभी शासकीय और अशासकीय विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाती है।
दाखिले और परीक्षा के संबंध क्या है यूजीसी के नियम?
यूजीसी यानी युनाईटेड ग्रांट कमीशन के निर्देशों के अनुसार किसी भी नियमित कालेज छात्र को कालेज में न्यूनतम 75 प्रतिशत की उपस्थिति दर्ज होने पर ही परीक्षा में सम्मिलित किया जा सकेगा।
क्या कहना है कलेक्टर का
दैनिक वेतनभोगी के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार दो साल का भुगतान कर दिया गया है और एक ही व्यक्ति के दो जगह की उपस्थिति को लेकर मुझे जानकारी नहीं है तथा हमने अपर मुख्य सचिव महोदय को एक सप्ताह पूर्व ही जबाब भेज दिया है तथा हमारी बात भी हो गई है।
क्या इन सवालों के उत्तर जिला प्रशासन दे पाएगा?
सवालः कहीं प्रकरण की जांच का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग के कोरिया जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू को तो नहीं सौंपी गई है?
सवालः अगर जांच का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू को दी गई है तो कहीं वे जातिवाद के कारण तो जय कुमार के संबंध में जानबूझकर,संरक्षण देने के प्रयोजन से कार्यवाही में विलंब तो नहीं कर रहे?
सवालः आखिर जय कुमार के एक नियमित छात्र होने के उपरांत भी जय कुमार कैसे पहुंचा एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग के सोनहत परियोजना में,इसकी जांच कौन करेगा?
सवालः किस अधिकारी ने एक नियमित कालेज छात्र को दैनिक वेतनभोगी के रुप में रखा? और एक नियमित कालेज छात्र को किसने कितना भुगतान किया?
सवालः यूजीसी के निर्देशों के अनुसार अगर 75 प्रतिशत की उपस्थिति संबंधित महाविद्यालय में दर्शायी गई है तो फिर एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत में कैसे?
सवालः क्या अगर ग़लती हो भी गई तो उसे सुधारने का प्रयास प्रशासन के द्वारा किया गया और क्यों नहीं अब तक कोई ठोस कदम उठाया गया?
सवालः कहीं जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू और एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना सोनहत की परियोजना अधिकारी शशि जायसवाल की आपसी सांठ गांठ तो नहीं हो गई या फिर दोनों ही अधिकारियों को मुंह मांगी रकम मिल चुकी है जिस कारण से ही अब तक कोई ठोस कदम और जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को नहीं भेजी गई है?
दो से तीन बार पत्र लिखा जा चुका है…
वहीं इस संबंध में मुख्यमंत्री सचिवालय में पता करने पर जानकारी प्राप्त हुई कि कोरिया कलेक्टर को दो से तीन बार पत्र लिखा जा चुका है परंतु उनकी ओर से कोई जबाब अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।