- तत्कालीन प्राचार्य ने भ्रष्टाचार की लिखी इबारत,क्रय समिति सदस्यों ने कहा हमे पता ही नहीं की हम हैं सदस्य
- करोड़ों का हुआ भ्रष्टाचार,कोरोना काल में जब विद्यालय व छात्रावास सभी थे बंद फिर भी क्यों हुई खरीदी?
- अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खड़गवां ने मामले की शिकायत पर कराई जांच,जांच में भ्रष्टाचार की हुई पुष्टि
- जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि के बाद भी तत्कालीन प्राचार्य पर नहीं हुई कार्यवाही,प्राचार्य विकासखंड शिक्षाधिकारी स्वयं थे
-रवि सिंह-
खड़गवां/एमसीबी 28 जून 2023 (घटती-घटना)। भ्रष्टाचार व घोटाला इस समय एक कैंसर का रूप ले चुका है, यही वजह है कि यह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, और लगता भी नहीं कि यह खत्म होगा क्योंकि खत्म करने के उद्देश्य से कोई तैयारी नहीं हो रही है, भ्रष्टाचार नाम के कैंसर को ईमानदार नाम की सत्ता ही खत्म कर सकती है और वह ना जाने कब यह सत्ता आएगी और ईमानदारी से काम होगा? भ्रष्टाचार ने शिक्षा के मंदिर को भी नहीं छोड़ा है यहां पर भी भ्रष्टाचार होता दिखने लगा है, कुछ ऐसा ही मामला एकलव्य आदिवासी विद्यालय पोड़ीडीह खड़गवां का सामने आया है जहां खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार होने की बात सामने आ रही है, करोना से पहले और करोना के समय जमकर खरीदी के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी जांच भी 2 साल पहले शुरू हुई थी पर अचानक जांच भी ठंडे बस्ते में चली गई, यह घोटाला या भ्रष्टाचार अविभाजित कोरिया जिले के समय हुआ था और जांच भी उसी समय शुरू हुई थी पर अंततः राजनीतिक प्रभाव में यह जांच ना जाने कहां अटक गई और किसके टेबल पर यह जांच वाली फाइल धूल खा रही है इसका पता नहीं, पर सूत्रों का मानना है कि जांच प्रतिवेदन में भ्रष्टाचार होने की पुष्टि हो गई थी और भ्रष्टाचार के पीछे किसका हाथ था यह भी नाम सामने आ चुका था, फिर भी सिर्फ इंतजार था तो उस कार्यवाही का जो आज तक इंतजार में ही चल रहा है। सूत्रों के अनुसार से यह जानकारी मिल रही है कि अब कार्यवाही के लिए नवीन जिले के कलेक्टर के पास फाइल पड़ी हुई है, पर यह कार्यवाही होगी या नहीं होगी यह तो समय के गर्त में है पर इतने बड़े भ्रष्टाचार पर यदि कार्यवाही नहीं होती है तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि वर्तमान सरकार भ्रष्टाचार करने वालों को संरक्षण दे रही है।
ज्ञात हो की एकलव्य आदिवासी विद्यालय सरकार की आदिवासी बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय के संदर्भ में एक महत्वाकांक्षी विद्यालय योजना है जहां आदिवासी समुदाय के छात्रों को आवासीय विद्यालय की सुविधा प्रदान की जाती है और उन्हे विद्यालय में ही समस्त सुविधाएं प्रदान करते हुए उनके अध्यापन पर ध्यान दिया जाता है। वहीं खड़गवां के पोड़ीडीह एकलव्य आदिवासी विद्यालय में आदिवासी छात्रों को सुविधा सहित शिक्षा प्रदान करने के मामले में भ्रष्टाचार किया गया है वह भी तब जब विद्यालय बंद था और देश वैश्विक महामारी से गुजर रहा था। वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक इस विद्यालय में खरीदी मामले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ और जमकर खरीदी की गई जबकि विद्यालय में छात्र उपस्थित ही नहीं थे विद्यालय बंद था। तत्कालीन प्राचार्य जो विकासखंड शिक्षा अधिकारी का भी दायित्व सम्हाल रहे थे उन्ही के कार्यकाल का पूरा मामला है जो जांच में भी भ्रष्टाचार किया गया इस बात की पुष्टि हुई है। तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी सह प्राचार्य एकलव्य आदिवासी विद्यालय ने खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया और अपनी राजनीतिक पहुंच से आज तक वह पूरे मामले में बेदाग बचे हुए हैं जबकि जितनी जांच हुई है उतनी ही उन्हे दोषी साबित करने के लिए काफी है जिसमे विद्यालय के कर्मचारियों का भी बयान दर्ज है। दैनिक घटती-घटना इस की पुष्टि नहीं करता पर दस्तावेज हाथ लगे है उस अधार पर खबर तयार की गई है और मामला जांचा का विषय है।
राजनीतिक संरक्षण में बच जाएंगे या फिर होगी कार्यवाही
सूत्रों से मिले दस्तावेजों की माने तो तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी खड़गवां सह प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह जिनके कार्यकाल में एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है और जिसकी जांच में यह साबित भी हुआ है की भ्रष्टाचार हुआ है के ऊपर कार्यवाही होती है या नही क्या वह राजनीतिक पकड़ का फायदा लेकर बच निकलेंगे यह देखने वाली बात होगी। बताया जाता है की तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी खड़गवां सह प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह सत्ताधारी दल के काफी नजदीक हैं और उनके घर के लोग सक्रिय राजनीति में हैं और इसी वजह से जांच में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बाद भी कार्यवाही लंबित है।
जांच की फाइल नवीन कलेक्टर के समक्ष
जांच जो आवासीय विद्यालय में हुए भ्रष्टाचार के लिए हुई है उसका प्रतिवेदन नवीन कलेक्टर जिला एमसीबी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। अब नए कलेक्टर जांच रिपोर्ट के आधार पर कब कार्यवाही करते हैं इसका इंतजार है। वैसे बताया जा रहा है की मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए राजनीतिक दबाव भी डाला जा रहा है। अब देखना है की क्या नए कलेक्टर राजनीतिक दबाव में आते हैं या जांच रिपोर्ट देखकर कार्यवाही करते हैं।
जांच के 2 साल बाद भी क्यों नहीं हुई कार्यवाही?
आदिवासी छात्र छात्राओं के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय शासन की महत्वाकांक्षी योजना है,वहीं इस महत्वाकांक्षी योजना में ही जिम्मेदार सेंध लगाने से बाज नहीं आ रहें हैं और भ्रष्टाचार कर अपनी जेब भर रहें हैं यह कहीं से आदिवासी समुदाय के छात्र छात्राओं के हित में नहीं है। एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में हुए भ्रष्टाचार की जांच पूरी हुए दो वर्ष बीत चुके हैं फिर भी मामले में कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई है और कार्यवाही क्यों नहीं हुई इसको लेकर सवाल खड़े हो रहें हैं। क्या कार्यवाही होगी या मामले को दबा दिया जाएगा यह भी सवाल अब खड़े हो रहें हैं।
क्या सत्ता का संरक्षण प्राप्त कर शिक्षा के मंदिर में भ्रष्टाचार करना जायज है?
सवाल यह भी खड़ा हो रहा है की सत्ता का संरक्षण प्राप्त कर क्या शिक्षा के मंदिर में भ्रष्टाचार करना जायज है। एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में जिस तरह से आदिवासी समुदाय के छात्र छात्राओं का हक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया गया उससे तो यह लगता है की सत्ता के संरक्षण में कुछ भी किया जा सकता है और मामले को रफा दफा भी कराया जा सकता है।
मामले में उच्च स्तरीय जांच से खुलेंगे और भी कई पोल,भ्रष्टाचार का बड़ा खेल हो सकेगा उजागर
बताया जा रहा है की यदि मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए तो बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है और किस तरह आदिवासी छात्र छात्राओं को मिलने वाली सुविधाओं को अपनी जेब भरने के लिए प्रयोग किया गया यह सामने आ सकेगा। अब देखना है की क्या जांच कर कार्यवाही होती है या मामला जैसा की बताया जा रहा है की संबंधित प्राचार्य को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है दबा दिया जाता है।
शिक्षा के मंदिर को भी नहीं छोड़ रहे अधिकारी,भ्रष्टाचार को हर जगह बना लिया गया है शिष्टाचार
विडंबना कहें या नवीन व्यवस्था आज शिक्षा के मंदिर को भी भ्रष्टाचारी नहीं छोड़ रहे। एकलव्य आवासीय विद्यालय पोड़ीडीह का मामला यह बताता है की भ्रष्टाचार शिष्टाचार हो चुका है और हर जगह इसका बोलबाला है। जिन्हे शिक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है वंचितों और पिछड़ों की शिक्षा की जिम्मेदारी जिन्हे प्रदान की जा रही है वह उसी व्यवस्था में सेंध लगा रहें हैं और अपनी जेब भर रहें हैं।
क्या आदिवासी आवासीय विद्यालय भ्रष्टाचार मामले में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि लेंगे संज्ञान,क्या कार्यवाही की करेंगे अनुशंसा?
सवाल यह भी है की जिस आवासीय आदिवासी विद्यालय में यह भ्रष्टाचार हुआ है वह मनेंद्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आता है और वर्तमान में वहां सत्ताधारी दल के ही विधायक हैं जो क्षेत्र के लिए बातें भी करते हैं। आदिवासी समुदाय हित की बात भी वह प्रमुखता से करते हैं ,क्या वह इस मामले में जो पोड़ीडीह आवासीय एकलव्य विद्यालय का मामला है भ्रष्टाचार का मामला है में वह संज्ञान लेंगे कार्यवाही की अनुशंसा करेंगे यह देखने वाली बात होगी।
बच्चों को प्रदाय कि जा रही सुविधाओं की जांच करने पर निम्न तथ्य सामने आए
सूत्रों से मिले दस्तावेजों के अनुसार दिनांक 20/11/2021 को छात्रावास (बालक) का निरीक्षण करने पर पाया गया छात्रों के कमरे में पुराने गददे, पुरानी मटमैली चादरे बिछी है, कमरे अस्वच्छ व दुर्गंधयुक्त थे शौचालयों में स्वच्छता नही थी, वाश बेसिंग का ड्रेनेज पाईप गायब था। पूरा छात्रावास परिसर मूत्र के दुर्गंध से भरा हुआ था। स्टाफ से पूछने पर बताया गया की एक ही सफाई कर्मचारी है उसे भी अन्य कर्य में लगा दिया जाता है। कुल 310 गददों की खरीदी विगत 5 वर्षो की गई है। जबकि भौतिक सत्यापन में केवल 196 नये गददे प्राप्त हुए। बालक छात्रावास एक कक्ष में तीन बैड में 5 बच्चे रह रहे थे, जिसमे से एक बच्चे ने गददा ना होने की शिकायत की। छात्रो के समूह जो 6 वी 7 वी से 8 वी कक्षा के थे फटी पुरानी फुटबाल से खेल रहे थे, टी.वी. देखने की सुविधा नही है। बच्चे केवल आउट डोर गेम खेलते दिखाई दिये जबकी कैरम, चेस, जैसी समाग्री क्रय की गई है।
जांच रिपोर्ट के अनुसार खरीदी में यह थी कमिया
सूत्रों से मिले दस्तावेजों के अनुसार उपरोक्त जांच के दौरान जांच अधिकारियों के समक्ष दिनांक 23/11/2021 को एकलव्य आवासीय विद्यालय के अधिकारी / कर्मचारी एवं क्रय समिति के सदस्यों का बयान लिया गया है, जिसमे रामप्रसाद सिंह निवासी खड़गवां जिला कोरिया (छ.ग.) मुल पद शिक्षक एल.बी. वर्तमान पद बालक छात्रावास अधीक्षक एकलव्य अवासीय विद्यालय पोडीडीह के द्वारा बयान दिया गया है कि कार्यालय कलेक्टर ( आदिवासी विकास) जिला कोरिया (छ.ग.) के आदेश क्रमांक. 1565 बैकुन्ठपुर दिनांक 27/10/2021 के द्वारा दिनांक 02/11/2021 को तत्कालिक अधीक्षक विक्रम गिरी से प्रभार प्राप्त किया, तत्कालीन अधीक्षक विक्रम गिरी द्वारा प्रभार में कोई भी पंजी जैसे स्टाक पंजी, मेस पंजी, उपस्थिति पंजी नही दिया गया है। मेरे प्रभार ग्रहण के पश्चात् बालक छात्रावास का मुल्यांकन करने पर पता चला है कि आटोमेटिक शू पालिसर मषीन तथा ईंग ब्रायलर मशीन नही पाया गया, साथ ही शौचालय का दरवाजा, पाईप, नल, बेसिन एवं सावर खराब है एवं बालक छात्रावास को पोतवाने की आवश्यकता है। लोहे के रेक एवं अलमारी सभी कमरे में नही है। पीने के पानी फिल्टर खराब है। (जिसकी रिपोर्ट के अनुसार सलंग्न:- पृष्ठ क्रमांक 502 से 505)।
बालिका छात्रावास की अधीक्षिका बयान
सूत्रों से मिले दस्तावेजों के अनुसार जांच में श्रीमती रजनीं तिग्गा पति श्री समीर लकड़ा मूल पद शिक्षक एल.बी.वर्तमान पद बालिका छात्रावास अधीक्षिका बालिका एकलव्य अवासीय विद्यालय पोडीडीह के द्वारा बयान दिया गया है कि कार्यालय कलेक्टर ( आदिवासी विकास) जिला कोरिया (छ.ग.) के आदेश क्रमांक 597 बैकुन्ठपुर दिनांक 15/06/2018 के द्वारा दिनांक 22/06/2021 को श्रीमती संगीता सिंह तत्कालीन अधीक्षिका से प्रभार प्राप्त किया।
तत्कालीन अधीक्षिका श्रीमती संगीता सिंह द्वारा प्रभार में कोई भी पंजी
सूत्रों से मिले दस्तावेजों के अनुसार जांच में स्टाक पंजी, मेस पंजी, उपस्थिति पंजी एवं क्रय किए गए समान का विवरण पंजी नही दिया गया है। उपस्थिति पंजी मेरे द्वारा तैयार किया गया है जो कि जांच के दौरान प्रमाणित नही किया गया था, उपस्थिति पंजी में काट-छाट त्रुटी सुधार हेतु किया गया है। छात्रावास में बालिकाओं को प्रदाय की गयी सुविधा में स्कूल यूनीफार्म 02 सेट देने का प्रावधान है परंतु वर्ष 2020-2021 में 01 सेट यूनीफार्म दिया गया, टाबेल प्रति विद्यार्थी 02 नग दिया जाना था परंतु 01 नग दिया गया । ईंग ब्रायलर मषीन एवं शू पालिसर मषीन अभी तक प्रयोग नही किया गया है नहीं छात्रावास को प्राप्त है। मुझे क्रय समिति के सदस्य होने का ना ही आदेश दिया गया है ना ही क्रय समिति के बैठक में मेरे द्वारा भाग लिया गया है। एक दिन रजिस्टर एवं फाईल में हस्ताक्षर दबाव डाल कर करवाया गया। (संलग्न- पृष्ठ क्रमांक 506 से 509 एवं 519)
अनिल कुमार साहू मूल पद शिक्षक एल0बी0 वर्तमान पद उप प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह के द्वारा दिया गया बयान
अनिल कुमार साहू निवासी अखराडांड मूल पद शिक्षक एल0बी0 वर्तमान पद उप प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह के द्वारा बयान दिया गया है कि कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास) जिला कोरिया (छ.ग.) के आदेश क. 2745 बैकुन्ठपुर दिनांक 29/07/2015 के परिपालन में दिनांक 30/07/2015 को एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह में शिक्षक गणित के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास) जिला कोरिया (छ.ग.) के आदेश क. 3738 बैकुन्ठपुर दिनांक 01/03/2015 के परिपालन में दिनांक 30/07/ 2018 को छात्रावास का प्रभार प्राप्त किया। मेरे प्रभार के समय क्रय पंजी संधारित की गई थी, परन्तु मेरे द्वारा रामकुमार खुंटे अधीक्षक को सौप दिया गया था। वर्ष 2018-2019 क्रय पंजी को कभी भी मेरे द्वारा नही देखा गया है। वर्ष 2021 के क्रय समिति में सदस्य था। लेकिन मेरे द्वारा कभी भी बैठक में भाग नही लिया गया एवं मेरे जानकारी में बैठक आयोजित नही की गयी थी। क्रय पंजी में द्वारिका प्रसाद मिश्रा पूर्व प्राचार्य के कहने पर सभी रजिस्टर में मेरे द्वारा हस्ताक्षर किया गया। पूर्व प्राचार्य सुश्री बी0बडा तत्कालीन विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी खडगवां के कार्यकाल में कभी भी क्रय समिति का बैठक नही किया गया। इस संस्था में एग्ग बायलर मषीन एवं शू-पालीसर मशीन कभी नही देखा, बच्चों को केवल 101 सेट युनिफार्म 01 नग टावेल एवं चादर प्रदाय किया गया जाता है। (संलंग्न:- पृष्ठ कमांक 510 से 515 एवं 520 )
सरपंच ग्राम पंचायत पोडीडीह बयान के अनुसार समिति का गठन किया गया है इस बात की उन्हें जानकारी की नहीं है
अनिल सिंह पिता भीख सिंह सरपंच ग्राम पंचायत पोडीडीह जनपद पंचायत खडगवां द्वारा बयान दिया गया है कि एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह में क्रय समिति का गठन किया गया है, इस बात की जानकारी मुझे नही थी, न ही क्रय समिति में सदस्य हूँ की जानकारी थी। द्वारिका प्रसाद मिश्रा पूर्व प्राचार्य एकलव्य आवासीय विद्यालय पोंडीडीह के द्वारा बुलाकर सभी रजिस्टर एवं लिफाफा में हस्ताक्षर यह कहकर कराया गया कि जो भी सामग्री आया है, उसका सत्यापन किया जाना है। रजिस्टर में व्यय करने की राशि दर्ज नहीं की गयी थी। (संलग्नः- पृष्ठ क्रमांक 516.)
एकलव्य अवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में रसोईया का बयान
महिपाल पिता श्री मोहर साय निवासी मंगोरा वर्तमान में एकलव्य अवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में रसोईया के पद पर पदस्थ है का कथन है कि मेरी पुत्री अंजली कक्षा 8 वीं में एकलव्य विद्यालय में अध्यनरत है। एकलव्य अवासीय विद्यालय में क्रय समिति का गठन हुआ है या मैं क्रय समिति का सदस्य हूँ कि जानकारी मुझे नही है। तत्कालिक प्राचार्य श्री द्वारिका प्रसाद मिश्रा कहने पर पर क्रय समिति के रजिस्टर में हस्ताक्षर किया हूँ (संलग्न- पृष्ठ कमांक 517.)
एकलव्य अवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में चौकीदार का बयान
रामभजन पिता शिवमंगल सिह निवासी पोड़ीडीह वर्तमान में एकलव्य अवासीय विद्यालय पोड़ीडीह में चौकीदार का कार्य करता हूँ । मेरी पुत्री कु.कविता कक्षा 10 वीं में अध्यनरत है। एकलव्य विद्यालय में क्रय समिति बनाया गया है एवं मैं उसका सदस्य हूँ कि जानकारी मुझे नही है। क्रय समिति के रजिस्टर में दिनांक 20/09/2018 को मेरा हस्ताक्षर किया गया है जो कि मेरा हस्ताक्षर नही हैं। (संलग्न- पृष्ठ कमांक 51८.)
उपरोक्त जाँच से संबधित यह दस्तावेज लगे है जांच प्रतिवेदन में
- बिल व्हाउचर पंजी की प्रतिलिपि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक
(ए) 2017-18 संलग्न पृष्ठ ए 19 से 33
(बी) 2018-19 संलग्न पृष्ठ ए 34 से2019-20 पृष्ठ ए 52 से संलग्न
(डी) 2020-21 संलग्न पृष्ठ ए 100 से
(ई) 2021-22 पृष्ठ ए 146 से 176 संलग्न - केशबुक पंजी की प्रतिलिपि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक
(ए) 2017-18 संलग्न पृष्ठ ए.177 से 186
(ब) 2018-19 संलग्न पृष्ठ के 187 से 194 तक
(स) 2019-20 संलग्न पृष्ठ क्र. 195 से 212 तक
(डी) 2020-21 संलग्न पृष्ठ ए 213 से 232।
(ई) 2021-22 संलग्न पृष्ठ ए 233 से 240