बैकुण्ठपुर @परिवहन विभाग चला रहा है राज्य व्यापी सघन जांच अभियान…क्या जांच में परिवहन विभाग के अधिकारी अपना रहे दोहरा मापदंड?

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  • बैतूल नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है नियम विरुद्ध बसों का संचालन संचालक डाल रहा है टैक्स पर डाका परिवहन विभाग के अधिकारी है मौन क्यों ?
  • छोटे बस संचालकों को किया जा रहा परेशान वही नियम विरुद्ध तरीके से चल रही राजहंस बस संचालन को दिया जा रहा आंख बन्द करके सरक्षण आखिर क्यों?


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 26 जून 2023 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ प्रदेश के राज्य परिवहन प्राधिकार के अधिकारियों के निर्देश पर पूरे प्रदेश में वृहद पैमाने पर अवैध बसों के संचालन पर अंकुश लगाने के लिए राज्यव्यापी अभियान छेड़ रखा है, जिसमें बसों का परमिट फिटनेस बीमा प्रति हस्ताक्षर प्रदेश को मिलने वाला टैक्स की प्राप्ति की समीक्षा की जा रही है एवं कमी पाए जाने पर जुर्माना किया जा रहा है और जो गाडि़यां टैक्स नहीं पटा रही हैं उन्हें जप्त भी किया जा रहा है, जिसके तहत जिले के विभिन्न परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा हर चौक चौराहों पर एवं बस अड्डों सघन जांच चल रही है, वही सूत्रों की मामे तो इन्हीं सबके बीच राजहंस नामक कंपनी जो सरगुजा संभाग में अवैध बस संचालन कृतिमान बना रखा है जो टैक्स चोरी में डाका डाल रहा है वह बिना रोक टोंक बसों का संचालन कर रहा है परिवहन विभाग के अधिकारी ने इस संदर्भ में जांच अधिकारियों को पत्र भी जारी किया है इसके बाद भी उसको कोई भी अधिकारी चेक नहीं कर रहे हैं। इस कंपनी के द्वारा अंतर्राज्यीय बस का संचालन किया जाता है, 2 राज्यों के परस्पर करार के बीच एक राज्य से परमिट जारी होता है और दूसरे राज्य से प्रति हस्ताक्षर कराया जाता है तब जा करके परमिट वैध माना जाता है, लेकिन या कंपनी अपनी बसों को बिना हस्ताक्षर के राज्य शासन का टैक्स पटाए बगैर धड़ल्ले से चल रही है और राज्य व्यापी जांच अभियान को धत्ता बता रही है और धड़ल्ले से चिरमिरी से रांची पटना औरंगाबाद मुजफ्फरपुर तक बस का संचालन कर रहा है कई गाडि़यां बारात परमिट पर चल रही है तो कईयों का ऑर्डिनरी बस का परमिट लेकर स्पेशल स्लीपर बस का संचालन कर रहा है किसी का बीमा नहीं है किसी का फिटनेस नहीं है फिर भी मनमाने तरीके से गाडि़यां सड़कों पर दौड़ रही हैं और अधिकारी ने आंख बंद कर रखें हैं।
विदित हो कि अंबिकापुर के बैतूल और उसके परिवार के द्वारा बसों का अवैध संचालन किया जा रहा है यह बस मालिक झारखंड के रांची एवं बिहार के गया पटना औरंगाबाद सहित मुजफ्फरपुर बस संचालन करता है इसके द्वारा झारखंड राज्य से जेएच 02 एएच 3165 परमिट किया गया है ऑर्डिनरी बगैर स्लीपर वाली गाड़ी का परमिट है और या डीलक्स बस का संचालन पिछले बस 10-12 वर्षों से कर रहा है आधा टैक्स बचाकर यह गाड़ी का संचालन कर रहा है गाड़ी में ऐसी भी है जिसका और अधिक टैक्स बनता है लेकिन छत्तीसगढ़ के परिवहन अधिकारियों की सेटिंग या फिर आंख में धूल झोंक कर उसके द्वारा लगातार बसों का संचालन चिरमिरी से रांची तक करता है, वही सीजी 15 डीपी 3444 भी नियमित तरीके से चल रही है यह गाड़ी छत्तीसगढ़ भाग से परमिट लिया है और झारखंड से आज तक सीएस नहीं कराया और बस का संचालन धड़ल्ले से कर रहा है, नियमों के तहत जब तक प्रति हस्ताक्षर नहीं होगा तब तक परमिट वैध नहीं माना जाएगा, लेकिन उन सब जटिल नियमों को चांदी के जूतों के दम पर या धड़ल्ले से बस का संचालन कर रहा है, ऐसा नहीं है कि इस बस का संचालन की खबर परिवहन विभाग के अधिकारियों को नहीं है, स्थानीय लोगों द्वारा अवैध बस संचालक की शिकायत जिले से लेकर राज्य के परिवहन विभाग के अधिकारियों से की गई है, लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारी कागज का खेल खेल कर इसको संरक्षण दे रहे हैं और जांच कर रहे हैं, ऐसा कह रहे हैं क्या परिवहन विभाग के अधिकारी आम आम आदमी के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं? क्या उन्हें नहीं पता है कि बिना प्रति हस्ताक्षर के संचालित बस अवैध और बिना परमिट मानी जाती है? क्या यह बस दुर्घटनाग्रस्त होगी तो क्या बीमा कंपनी उसका समस्त भुगतान करेंगे या वह गाड़ी बिना प्रति हस्ताक्षर के चल रही है तो 2 राज्यों के अधिकारियों के परस्पर सामंजस्य में यह बात स्पष्ट लिखी और करार की जाती है कि टैक्स वसूली में दोनों राज्य एक दूसरे का सहयोग करेंगे बिना सीएस चल रही बस पर परस्पर सहयोग का जो करार हुआ है उस करार का उल्लंघन नहीं है आखिर क्यों संभागीय के अधिकारी इस डाका डालने वाले बस संचालक के आगे नतमस्तक हैं?


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