- 2.34 करोड़ मुआवजा लेने के बाद भी नही हटाया राइस मिल
- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में खुद भाजपा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष ही पलीता लगाने की कोशिश में जुटे
\
कोरबा,25 जून 2023 (घटती-घटना)। कोरबा-चांपा मार्ग पर ग्राम पताढ़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए ली गई जमीन के बदले में बिना मुजावजा दिए ग्रामीणों के घरों में रात को बुलडोजर चलवाने के आरोपों के बीच चौंकाने वाली जानकारी भी सामने आई है। जिससे भाजपा के विधायक, नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी आमने-सामने आ गए हैं। विधायक के एकाएक प्रदर्शन और निर्मित हालातों के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग का कहना है कि बरपाली क्षेत्र के ग्रामीणों को बरगलाया जाकर माहैल खराब किया जा रहा है। इसके पीछे विधायक ननकीराम कंवर व नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष हितानंद की भूमिका कितनी है ये तो वे ही बता सकते हैं परन्तु वे भी कहीं न कहीं स्वार्थी तत्वों के कारण गुमराह हो रहे हैं । विभाग का कहना है कि विधायक ननकीराम कंवर पिता पतराम कंवर खुद मुआवजे के तौर पर 2 करोड़ 34 लाख 67 हजार 324 रुपये की राशि ले चुके हैं, पर अब तक उन्होंने अपना राइस मिल नहीं हटाया है। उधर जब ग्रामीणों ने विधिवत फॉर्म ही नहीं भरा है, तो उनको मुआवजे की रकम भला कैसे जारी होगी, जबकि मुआवजे की रकम पिछले एक साल से आकर रखी हुई है। दूसरी और नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल और ननकीराम कंवर के बल पर ठेकेदार व उसके कर्मचारियों को ग्राम पताढ़ी और बरपाली क्षेत्र के ग्रामीण मार भगाने पर अमादा हैं जिससे कर्मचारी डरे-सहमे हैं। इस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में खुद भाजपा के विधायक और नेता प्रतिपक्ष ही पलीता लगाने की कोशिश में जुटे हैं। यहां उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही पताढ़ी के ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए राजस्व विभाग व राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों समेत निर्माण का कार्य कर रही फर्म गावर कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार के खिलाफ उरगा पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि घरों में सो रहे लोगों को बिना सूचित किए ही रात को पहुंचे प्रशासनिक अमले ने मकान दुकान पर बुलडोजर चलवा दिया। समय रहते वे मकान से बाहर भागे तब जाकर उनकी जान बची। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अपनी जमीन देने वाले ग्रामीणों के मुआवजे की राशि पिछले एक साल से आकर रखी हुई है, पर उसके भुगतान की भी प्रक्रिया निर्धारित है। शासन-प्रशासन से निर्धारित पैमानों का पालन तो करना ही होगा, जिसके लिए ग्रामीण तैयार ही नहीं है , ऐसे में मुआवजा कैसे जारी हो सकेगा? दूसरी ओर केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना को जल्द से जल्द पूरा करने में सहयोग की बजाय भाजपा के ही नेता इस तरह रोड़ा खड़ा करने में लगे हैं। यहां तक कि विधायक कंवर व हितानंद अग्रवाल ने ग्रामीणों से यह कहकर रखा है कि जब कभी ठेकेदार या उसके कर्मचारी दिखाई दें, तो उन्हें मारकर गांव से खदेड़ा जाए। एनएचएआई प्रोजेक्ट के डायरेक्टर का कहना है कि मुआवजा की राशि उपलब्ध है। विधिवत फॉर्म भरकर कई लोगों ने मुआवजे ले लिए हैं और जिनका पारिवारिक विवाद है, उनके घर के लोगों ने ही नहीं लिया है जबकि ऐसे लोगों को कई बार नोटिस दी जा चुकी है और नोटिस तामिल भी की जा चुकी है। दूसरी तरफ कई ऐसे भी लोग हैं जो मुआवजा लेने के बाद भी निर्माण नहीं हटा रहे हैं। डायरेक्टर ने आग्रह किया है कि जनप्रतिनिधि और जनता निर्माण में सहयोग करें ताकि सड़क का लाभ जल्द मिलना प्रारम्भ हो सके।