जोधपुर@बिपरजॉय से निपटने गुजरात से लेकर मुंबई तक प्रशासन सतर्क

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साइक्लोन बिपरजॉय को लेकर कलेक्टरों की छुट्टियां रद्द
भारतीय रेलवे को भी किया गया अलर्ट
जोधपुर,15 जून २०२३(ए)।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय को लेकर गुजरात सीमा से लगते राजस्थान के कई जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। स्‍थानीय प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन की टीमों को भी अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे का जोधपुर मंडल अलर्ट मोड पर है। रेल प्रशासन ने आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष तैयारी करने का दावा किया है। डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि अरब सागर में उठे बिपरजॉय चक्रवात को लेकर जोधपुर मंडल रेल प्रशासन सतर्क है तथा सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत आपदा प्रबंधन कक्ष को एक्टिव मोड पर रखा गया है।
इसके जरिये सक्षम अधिकारी हालात की 24वों घंटे निगरानी कर सकेंगे। इसके अलावा ऑपरेटिंग विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्थानों पर चक्रवात के कारण हवा का वेग अधिक है वहां ट्रेनों को नियंत्रित करने व रोकने का निर्णय कर सकते हैं. आपातकालीन निकासी के लिए पर्याप्त डीजल और इलेक्टि्रक लोकोमोटिव तथा कोचिंग रह की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है. इसके अतिरिक्त दुर्घटना राहत ट्रेन, चिकित्सा व्यवस्था, एआरटी व एआएमइ की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।
रेलवे सतर्क
डीआरएम ने बताया कि आपदा प्रबंधन हेतु आरपीएफ, एनडीआरएफ व स्काउट एवं गाइड सक्रिय मोड पर रहेगी तथा यात्रियों के लिए खानपान की स्टॉलें खुली रहेगी और जरूरत पड़ने पर उनके गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज से भी सहयोग लिया जा सकेगा। यात्रा के दौरान तेज हवाएं चलने पर यात्रियों से खिड़कियां खुली रखने और अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया है। इसके साथ ही चक्रवात की स्थिति के दौरान सुरक्षा के संबंध में लोको पायलट व सहायक लोको पायलट व चालक दल के लिए विश्राम हेतु रनिंग रूम में सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
चक्रवात के कारण गांधीधाम एक्सप्रेस रद्द
विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर टीआरडी स्टाफ को अलर्ट किया जा रहा है. अगर पावर सप्लाई बाधित होती है तो ट्रेन सेवाएं डीजल इंजन पर भी चलाई जा सकेगी. पोकलेन जेसीबी की व्यवस्था भी रहेगी। पुलों व ओवरब्रिज की निगरानी की जा रही है। बिपरजॉय चक्रवात तूफान को देखते हुए संरक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा रेलसेवा को आवागमन में 14 जून तक जोधपुर से व 15 जून तक गांधीधाम से रद्द किया गया है।
प्रशासन की तैयारी पूरी
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) सहित आपदा प्रतिक्रिया दल, चक्रवात के बाद सहायता प्रदान करने के लिए स्टैंडबाय पर हैं। सेना ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ अधिकारियों के साथ समन्वय में काम करते हुए बाढ़ राहत टीम भी तैनात किए हैं। चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए, एनडीआरएफ की 17 और एसडीआरएफ की 12 टीमों को देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड के प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है।
74,000 से अधिक लोगों को किया गया शिफ्ट
कच्छ जिले में गुरुवार को जखाऊ बंदरगाह के पास चक्रवात ‘बिपारजॉय’ की संभावित दस्तक से पहले राज्य प्रशासन ने तट के पास रहने वाले 74,000 से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर स्थानांतरित कर दिया है और बचाव एवं राहत उपायों के लिए आपदा प्रबंधन इकाइयों को तैनात किया है।
गुजरात सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आठ तटीय जिलों में कुल 74,345 लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार, अकेले कच्छ जिले में लगभग 34,300 लोगों को, जबकि जामनगर में 10,000, मोरबी में 9,243, राजकोट में 6,089, देवभूमि द्वारका में 5,035, जूनागढ़ में 4,604, पोरबंदर जिले में 3,469 और गिर सोमनाथ जिले में 1,605 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।


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