पीडब्ल्यूडी विभाग में भ्रष्टाचार का चल रहा बड़ा खेल,सड़क बनने से पहले भुगतान पर क्या दोषी अधिकारी व इंजीनियर पर होगी कार्यवाही?
क्या पीडब्ल्यूडी विभाग अपनी मर्जी से नहीं विधायकों की मर्जी से चल रहा है?
सड़क भुगतान करने वाले एसडीओ होगा सेवानिवृत्त,इंजीनियर पर गिर सकती है कार्रवाई की गाज
पीडब्ल्यूडी विभाग में चल रहा निर्माण के नाम पर बंदरबांट विधायक का अधिकारियों को खुला संरक्षण
पीडब्ल्यूडी विभाग में अनाप-शनाप बन रहा इस्टीमेट और शासन के पैसे का हो रहा दुरुपयोग,इस्टीमेट का भी नहीं हो रहा सही मूल्यांकन
–रवि सिंह-
चिरमिरी/खड़गवां,12 जून 2023 (घटती-घटना)। एमसीबी जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग में जमकर चल रहा है भ्रष्टाचार का खेल, अधिकारी भ्रष्टाचार में इस कदर डूबे हैं की जनता का पैसे का निर्माण के नाम पर कर रहे हैं बंदरबांट, लंबे समय से पीडब्ल्यूडी में निर्माण कार्यों को लेकर भ्रष्टाचार की बात सामने आती रही है, यहां बैठे अधिकारी इमानदारी नाम का शद तो भूल ही गए हैं, बेईमानी पर इस कदर उतर गए हैं कि निर्माण हो चाहे ना हो पैसा इनके पास आ जाए, कुछ ऐसा ही मामला इस समय खड़गवां क्षेत्र का सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़क बनी भी नहीं और ठेकेदार को भुगतान हो गया, जैसे ही यह बात का खुलासा हुआ भाजपा इसे मुद्दा बनाते हुए वर्तमान विधायकों व विभाग पर चढ़ाई कर दी है और इनके भ्रष्टाचार की पोल खोलने पर लग गए। बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बनी योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई, यह बेरोजगारों के नाम पर विधायक के रिश्तेदार व करीबी काम कर रहे हैं और जमकर निर्माण में भ्रष्टाचार कर रहे हैं। शासन की योजना जिस उद्देश्य बनी थी वह उद्देश भी धरा का धरा ही रह गया, जिसकी वजह भी कोई और नहीं विधायक बने हुए हैं। ग्राम पंचायत मंगोरा मे मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के द्वारा स्वीकृत सड़क का निर्माण किए बगैर ही ठेकेदार, इंजीनियर, अधिकारियों के द्वारा राशि आहरण किये जाने का मामला सार्वजनिक होने के बाद ठेकेदार द्वारा ग्राम मंगोरा में आनन फानन में गुणवत्ता विहीन सड़क निर्माण को भाजपाइयों ने पहुंच कर रुकवाया।
ज्ञात हो की जनपद पंचायत खड़गवां के अंतर्गत ग्राम पंचायत मंगोरा में मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजनांतर्गत मेसर्स ज्योति केसरवानी को बबलू घर से प्राइमरी स्कूल मंगोरा तक 18.82 लाख राशि का अप्रोच रोड बनाने का टेंडर आईडी सीजी0आर18900, इसके साथ ही मेसर्स नमन फ्लाई एश ब्रिकस इंडस्ट्रीज को प्राईमरी स्कूल पटपरिहा मंगोरा में एप्रोच रोड लागत राशि 17.61 लाख टेंडर आईडी सीजीईआर 19048 प्राप्त हुआ था। उपरोक्त दोनों ही ठेकेदारों को सड़क निर्माण के लिए स्वीकृत संपूर्ण राशि का भुगतान विभाग बीते वर्ष ही बिना भौतिक सत्यापन किए प्रदान कर दिया गया। लेकिन ग्राम पंचायत मंगोरा में एक ही सड़क का निर्माण कराया जा कर दूसरे सड़क की राशि बिना सड़क निर्माण कराए ही आहरण कर लिया गया है। इस तरह से ठेकेदार, इंजीनियर व संबंधित अधिकारियों के द्वारा मिलकर धोखाधड़ एवं फर्जी कार्य दिखाकर राशि का आहरण कर लिया गया है। इस पूरे मामले की खबरे अखबारों और मीडिया में प्रकाशित होने के बाद ठेकेदार के द्वारा आनन फानन में ग्राम मंगोरा में विगत 3 दिवस पूर्व रोड़ निर्माण का 40 एमएम गिट्टी, डस्ट, राखड़ और खराब सिमेंट से एक वर्ष पूर्व जिस सड़क का भुगतान किया गया था उसका निर्माण किया जा रहा है, जो कि पूर्ण रूप से निर्धारित मानको के विपरीत गुणवाा विहीन ही कराया जा रहा है। जिसकी सूचना मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक श्याम बिहारी जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेणुका सिंह, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सोनमती उर्रे, भाजपा जिला मंत्री अरुणोदय पाण्डेय, भाजयुमो जिला प्रभारी गोमती दिवेदी, भाजपा खड़गवां मंडल अध्यक्ष रामलाल साहू, महामंत्री धरमपाल सिंह सहित भाजपा कार्यकर्ताओं व ग्रामिणजनो द्वारा दिनांक 11 जून 2023 को मौके पर पहुंच कर जांच की मांग कर धरने पर बैठे गए। जिसके बाद खड़गवां एसडीएम ने तहसीलदार खड़गवां श्री खलखो को मौके पर भेजकर पंचनामा बनाकर जांच होने तक कार्य रोकने का आदेश दिया गया था। लेकिन 11 जून की रात्रि में ही ठेकेदारा द्वारा पुनः कार्य करने का काम किया गया। इस पूरे मामले में भाजपाइयों का कहना है की यह अपने आप में अभी तक की पहली घटना है जिसमे बिना कार्य किए राशि प्राप्त कर ली गई हो। इस तरह का कृत्य पर त्वरित जांच कर सभी के ऊपर एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही निर्धारित मापदंडों के हिसाब से सड़क का पुनः निर्माण कराए जाने की मांग की गई। इस मामले पर भाजपा ने कलेक्टर एमसीबी नरेंद्र दुग्गा को ज्ञापन सौंपकर मांग किया है की शासन के साथ हो रहे इस प्रकार के धोखाधड़ी के कार्य पर त्वरित जांच कराया जाकर संबंधित ठेकेदार सहित विभागीय इंजीनियर व अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराया जाये अन्यथा ठेकेदारों और अधिकारियों के हौसले इस तरह के भ्रष्टाचार के लिए और भी ज्यादा बुलंद होंगे।
पीडब्ल्यूडी के सेवानिवृत्त एसडीओ का बहुत बड़ा हाथ
भाजपा के आरोप अनुसार सड़क निर्माण हुआ भ्रष्टाचार में सेवानिवृत्त हुए एसडीओ का बड़ा हाथ माना जा रहा है उन्हीं के कार्यकाल के समय का कार्य था, जिसका भुगतान हो गया और सड़क नहीं बनी, पीडब्ल्यूडी में अंधेर नगरी चौपट राजा की तरह काम हो रहा है, यहां पर कार्यरत अधिकारियों का इंजीनियर की बढ़ती संपत्ति इस बात का इशारा कर रही है कि इस विभाग में जम के भ्रष्टाचार हो रहा हैं। एसडीओ इंजीनियर विधायकों के इशारे पर काम कर रहे हैं, विधायक जैसा चाहते हैं या वैसा करते हैं, जनकपुर के एसडीओ तो मनेंद्रगढ़ में ही बैठकर जनकपुर देख रहे हैं अभी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनकपुर में निर्माण कार्य कितने गुणवत्ता के साथ हो रहे होंगे। जिस एसडीओ को जनकपुर होना चाहिए वह मनेंद्रगढ़ से जनकपुर का निर्माण कैसे देख रहे होंगे यह बड़ा सवाल है? वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि जनकपुर के एसडीओ साहब विधायक के साथ लग्जरी कार में घूमते ही नजर आते हैं काम तो उनका बिल्कुल ही समझ में नहीं आता।
छोटे काम वाले होते हैं परेशान बड़े काम करने वालों की बल्ले-बल्ले
एमसीबी जिले के सभी क्षेत्रों में करोड़ों का काम करने वाले ठेकेदार पर अधिकारी कुछ ज्यादा ही मेहरबान होते हैं पर वही छोटे काम करने वालों को नियम कानून ज्यादा ही बताते हैं और उन्हें परेशान करते हैं, जबकि उनसे अपनी कमीशन भी लेते हैं और उन्हें परेशानियों के बीच झोक भी दिया जाता है, सूत्रों का यह भी कहना है कि यह इसलिए किया जाता है ताकि लोगों को लगे कि अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहे हैं पर वही जब बड़े ठेकेदारों के काम की बात आती है तो वहां पर गुणवत्ताविहीन कार्य होने के बावजूद अधिकारियों की ना तो नजर पड़ती है और ना अधिकारी वहां का कोई दौरा करते हैं। बड़े ठेकेदार करें तो सब सही छोटे ठेकेदार पर ही गुणवत्ता सही करने की जिम्मेदारी क्यों?
क्या पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को विधायक का संरक्षण?
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को विधायक का संरक्षण मिलने की वजह से निर्माण की गुणवत्ता खतरे में क्योंकि गुणवत्ता अच्छी करने के प्रति विधायक बिल्कुल भी उन अधिकारियों को नहीं बोलते सिर्फ उन्हें भी अपने तय कमीशन से मतलब है? यही वजह है कि अधिकारी भी जान चुके हैं कि नेता जब हमारे साथ हैं तो फिर हमारा कोई क्या करेगा, इसीलिए वह भी लोगों को सुविधा के लिए मिलने वाली सड़कों में गुणवत्ता को दरकिनार करते हुए भ्रष्टाचार पर ही ध्यान दे रहे हैं। कहीं ना कहीं यह भी कहना गलत नहीं होगा की गुणवत्ताविहीन कार्य व भ्रष्टाचार के पीछे जनप्रतिनिधियों का ही हाथ है।