अंबिकापुर@हेपेटाइटिस बी-सी से होती है 90 प्रतिशत मौतें

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राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस को लेकर संभाग स्तरीय दो दिवसीय सम्मेलन

अंबिकापुर,08 जून 2023 (घटती-घटना)। राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस को लेकर संभाग स्तरीय दो दिवसीय सम्मेलन राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर के लेक्चर हॉल में आयोजित की गई, जिसमे स्वास्थ्य विभाग के 300 से ज्यादा चिकित्सक, कार्यक्रम अधिकारी, लैब टेक्निशियन स्वास्थ्य कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। यह कार्यक्रम संयुक्त संचालक (स्वास्थ्य) डॉ.पीएस सिसोदिया, अधिष्ठाता डॉ. रमनेश मूर्ति की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। माईक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष डॉ.रमनेश मूर्ति ने विभाग के द्वारा वायरल हेपेटाइटिस की पहचान व जांच के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी की आरंभिक जांच सेंपल से सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सब हेल्थ सेन्टर में निःशुल्क कराई जा सकती है। आरंभिक जांच में हेपेटाइटिस बीमारी आने पर मेडिकल कॉलेज स्तर पर आरटीपीसीआर के माध्यम से पुष्टि की जाती है। मेडिसिन विभाग के एसोसियेट प्रोफेसर डॉ. शागील ने हेपेटाइटिस के ईलाज के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सामान्यतः हेपेटाइटिस या पीलिया होने पर किसी भी प्रकार की एन्टीवायरस दवाई नहीं दी जाती है, परन्तु जिनमें हेपेटाइटिस बी या सी का संक्रमण होता है, उनके शरीर में वायरस लम्बे समय तक रहता है व लीवर को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। हेपेटाइटिस सी में तीन महीने के ईलाज से मरीज पूरी तरीके ठीक हो जाता है, जबकि हेपेटाइटिस बी में मरीज को लम्बे समय तक दवाई लेते रहना पड़ता है, ये सभी दवाई महंगी होती है परन्तु राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पुर्णतः निशुल्क है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने हेपेटाइटिस बी एवं सी संक्रमण को शरीर के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचाव व वायरल हेपेटाइटिस के प्रति जागरुकता, टीकाकरण करवाकर वायरल हेपेटाइटिस से बचा जा सकता है। हेपेटाइटिस से होने वाली मौत में 90 प्रतिशत मौतें हेपेटाइटिस बी एवं सी से होती है। हेपेटाइटिस बी एवं सी की अधिकतर संभावना असुरक्षित यौन संपर्क, असुरक्षित सिरिंज का उपयोग ईलाज व नशे के प्रयोग में, टैटू में असुरक्षित नीडल का उपयोग, असुरक्षित लड ट्रान्सफ्यूजन, नशा करने वाले में होती है। मंच संचालन डॉ. स्वाति भारद्वाज के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्य, डॉ. अरुनेश सिंह, डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. ओबेलेसु गुण्डाला. डॉ. अरविंद, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, डॉ.पीके सिन्हा, डॉ. हेमलता, डॉ. विकास पाण्डेय, डॉ. सुखप्रित कौर, डॉ. वर्षा, डॉ. प्रणय, डॉ. रवि सोनी, डॉ. इमरान सहित अन्य शामिल रहे।
सर्वे में सेंट्रल जेल में 45 कैदी हेपेटाइटिस बी-सी से संक्रमित
सेन्ट्रल जेल अम्बिकापुर के 2000 कैदी के सर्वे में 45 कैदी हेपेटाइटिस बी एवं सी से संक्रमित पाए गए थे। हेपेटाइटिस बी एवं सी का ईलाज नहीं होने पर लीवर का कैंसर व सिरोसिस जानलेवा साबित होता है। ललित अग्रवाल ने हिपेटाइटिस डी से संक्रमित गर्भवती माता को ईमोनाग्लोयुलिन दी जाने की बात बताई, जिससे होने वाले बच्चे में हिपेटाइटिस बी का संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।


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