- चिरमिरी बना हुआ है कबाडि़यों व कोल माफियाओं का गढ़…गढ़ को क्या सरगुजा आईजी व नव पदस्थ पुलिस अधीक्षक खत्म कर पाएंगे?
- आईजी के ना चाहने के बाद भी थाना स्तर पर कबाड़ी गिरोह रहा सक्रिय,क्या थाना के संरक्षण में कबाड़ी गिरोह दे रहे कबाड़ चोरी को अंजाम?
- सरगुजा रेंज के आईजी अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने का पूरा प्रयास कर रहे..फिर थाना स्तर से उनके आदेशों की अवहेलना क्यों हो रही?
- एमसीबी के पुलिस कप्तान भी बदल गए अब क्या आईजी के आदेशों का पालन थाना स्तर पर भी होगा…
–रवि सिंह –
एमसीबी चिरमिरी,02 जून 2023 (घटती-घटना)। नवीन जिले एमसीबी व अविभाजित कोरिया जिले का चिरमिरी क्षेत्र जो कोयला नगरी के नाम से जाना जाता है यह क्षेत्र इस समय कोल माफिया व कबाडि़यों का गढ़ बना हुआ है, इस गढ़ को खत्म करने के लिए सरगुजा आईजी अपने पदभार ग्रहण के बाद से ही प्रयासरत हैं, जिले के तकालीन पुलिस अधीक्षक व थाना स्तर के अधिकारी अपनी मनमानी चलाते आ रहे थे, उन्हें आईजी के आदेशों का बिल्कुल भी ख्याल नहीं था, इधर आईजी पूरी तरीके से अवैध कारोबार को बंद करने की ओर लगे थे तो वही जिले के अधिकारी व थाना स्तर के कर्मचारी बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे थे, यही वजह थी कि चिरमिरी क्षेत्र में ना तो कोयले का अवैध कारोबार रुक रहा था और ना ही कबाड़ का काम, अभी हाल ही की घटना पर यदि गौर किया जाए तो तत्कालीन पुलिस अधीक्षक चले गए हैं और नए पुलिस अधीक्षक का आगमन हो गया है पर उनके आगमन हो गया, वह अभी अपने क्षेत्र को समझ भी नहीं पाए है उसे पहले ही कबाडि़यों के द्वारा कुरासिया वर्कशॉप से लाखों का लोहा पार कर दिया गया, जिसकी शिकायत एक बार फिर सामने आई है शिकायतकर्ता प्रदीप सलूजा ने शिकायत कर बताया कि कुरासिया वर्कशाप जो करीब बंद होने की स्थिति में है, परन्तु जहां आज भी जो वर्कशाप में दो शेड जो करीब तीस-तीस लाख की लागत से बने थे एवम पुरानी ट्रक, एम्बुलेंस, जीप, एवं होलपेक, जो कई लाख की लागत के है आज भी उसी वर्कशाप में कबाड़ के रूप में रखे हुए है जिनकी अनुमानित लागत कबाड़ होने के बावजूद करोड़ो रूपये की होगी, इन सारे सामान को जहां स्क्रैप में एसईसीएल बेचकर नियम से अपनी संपत्ती के पैसे को कंपनी के मुनाफा खाता में डाल सकती थी, पर उससे पहले ही उस पर कबाड़ माफियाओं की गिद्ध वाली नजर पड़ गई और सारे कबाड़ को धीरे-धीरे करके ले उड़े कबाड़ चोर, सुरक्षाकर्मी शिकायत पर शिकायत करते रहे पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, उस पूरे समान को कबाड़ माफिया दिन दहाड़े गैस कटर से काटकर और वर्कशाप की बाउंड्री वाल तोड़कर अपनी गाडि़यां अंदर ले जाकर लोहा भरकर ले उड़े, पुलिस की नजर इन पर नहीं पड़ी या फिर कहा जाए तो पुलिस इन पर नजर डालना ही नहीं चाह रही थी। दिनाक 1/6/2023 को पत्रकारों एवम मीडिया के द्वारा पूरे वर्कशाप की फोटो ग्राफी की गई थी खबर बनाने के लिए और जब पुनः दिनांक 2/6/2023 को मीडिया और पत्रकार जब वर्कशाप पहुंचे तो दो बड़े बड़े चैनल जिनका वजन करीब एक टन के आसपास होगा जिसे बाकायदा गेस कटर से काटकर कबाड़ माफिया ले जा चुके थे, कबाड़ चोरी में कुरासिया के कुछ अधिकारी एवं गार्ड भी मिले हुए है और जिनकी शह पर चोरी हो रही है एवं जब मीडिया के लोगों के द्वारा कुरासिया कालरी के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा कि वर्कशाप में जो कबाड़ के रूप में करोड़ो का जो माल पड़ा हुआ है उसके बारे में आपका क्या कहना है, जिम्मेदार अधिकारियो के द्वारा जवाब में ये कहा जाता है कि इस माल का हमारे पास कोई रिकार्ड नही है, अधिकारियों की इस तरह की बातों से स्पष्ठ है कि वे स्वयं चाहते है कि माल चोरी हो जावे और उसके बदले में उन्हें हिस्सा मिलता रहे, इस बात से स्पष्ठ है कि कबाड़ चोरों के लिए सभी की सहमति है।