बैकुण्ठपुर@विधायक की कृपापात्र सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान की मूल पद पर हुई वापसी

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  • राजस्व उप निरीक्षक नगर पंचायत खोंगापानी के पद पर करेंगी कार्य
  • 30 वर्षीय मनोज वारे होंगे नपा बैकुंठपुर के नए सीएमओ, दो उप अभियंताओं का भी हुआ स्थानांतरण

रवि सिंह –
बैकुण्ठपुर 25 जुलाई 2023 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर में पदस्थ सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान के कार्यकाल में जारी अव्यवस्था को लेकर घटती घटना अखबार में लगातार खबर का प्रकाशन का किया जा रहा था,उनके कार्यकाल में ठेकेदार,सप्लायर से लेकर लगभग हर वर्ग परेशान था,जिसके बाद संज्ञान लेते हुए अंततः राज्य शासन ने मुक्ता सिंह चैहान की सीएमओ पद से छुट्टी कर दी है और उन्हे मूल पद राजस्व उप निरीक्षक के रूप में कार्य करने हेतु भेजा गया है। सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव की कृपा पात्र थी और विधायक के ईशारे पर ही नगर पालिका का संचालन किया जा रहा था। कार्यालय के कर्मचारी व सफाई कर्मी तक उनके कार्यकाल में परेशानी महसूस कर रहे थे। इस बीच यदि उनके कार्यकाल मे नगरपालिका में हुई खरीदी की जांच में बड़ा भ्रष्ट्राचार भी उजागर हो सकता है।
नगर पंचायत खोंगापानी भेजीं गईं सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान
राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा बीते 24 मई को जारी आदेश के तहत मुक्ता सिंह चैहान प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर को उनके मूल पद राजस्व उप निरीक्षक नगर पचंायत खोंगापानी भेजा गया है। इसी प्रकार मनीष वारे मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका रतनपुर को नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर में मुख्य नगर पालिका अधिकारी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि 30 वर्षीय मनीष वारे का चयन मुख्य नगरपालिका अधिकारी के रूप में ही हुआ था एक नियमित सीएमओ मिलने से शहर विकास को भी गति मिलेगी।
दो उप अभियंता भी बदले गए
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश में बैकुंठपुर नगरपालिका में पदस्थ दो उप अभियंताओं को भी बदल दिया गया है। उप अभियंता शुभेन्दू श्रीवास्तव को नगर पंचायत लोरमी, मनोज पटेल को नगर पालिका परिषद बागबहरा भेजा गया है। जबकि नगर पालिका परिषद शिवपुर चरचा में पदस्थ उप अभियंता सुश्री अनामिका एक्का का स्थानांतरण नगर पालिका परिषद बैकुंठपुर किया गया है।
मनमानी पर ऊतारू थीं सीएमओ
नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर में पदस्थ सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान के कार्यकाल में जिस प्रकार की अव्यवस्था हावी थी वह किसी से छिपी नही है। सीएमओ द्वारा अपने मन मुताबिक काम किया जा रहा था। नगर पालिका के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को भी उनके द्वारा कोई तवज्जो नही दी जा रही थी। नपा कार्यालय में आम जन को भी अपना काम कराने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा था। शहर के आम नागरिकों का भी कहना है कि सीएमओ की मनमानी से विकास कार्य प्रभावित हो रहा था। नगरपालिका कार्यालय विवाद का केन्द्र बना हुआ था।
विधायक के हस्तक्षेप पर होता था नगरपालिका से काम
नगरपालिका परिषद की सीएमओ स्थानीय विधायक अंबिका सिंहदेव की कृपा पात्र थी,इस वजह से नगरपालिका का संचालन विधायक के हस्तक्षेप से हो रहा था। पिछले कई निर्माण कार्यो को कांग्रेस के नौसिखिया ठेकेदारों को मैनेज करते हुए दिया गया है उन कार्यो को भी विधायक के ईशारे पर ही बांटने की चर्चा आम हो चुकी है। विधायक के संरक्षण में सीएमओ द्वारा चुने हुए भाजपा के जनप्रतिनिधियों को महत्व नही दिया जाना भी सर्वविदित है।
अपने अधिकार से उपर उठकर काम कर रही थीं सीएमओ
मुख्य नगरपालिका अधिकारी मुक्ता सिंह चैहान की पदस्थापना बैकुंठपुर नगर पालिका में अध्यक्ष अशोक जायसवाल के कार्यकाल में हुई थी। लेकिन वर्तमान भाजपा समर्थित अध्यक्ष नविता शिवहरे के कार्यकाल में विधायक के संरक्षण में श्रीमती चैहान द्वारा अपने अधिकार से उपर उठकर भी कार्य किये जा रहे थे। कई कार्यो को अपने मन मुताबिक कराया जा रहा था। सूत्रो ने बतलाया कि नियम के मुताबिक 50000 से अधिक किसी भी कार्य का भुगतान करने के लिए अध्यक्ष का हस्ताक्षर अनिवार्य होता है लेकिन अध्यक्ष से हस्ताक्षर न कराना पड़े इसलिए सीएमओ द्वारा 50000 से कम 49000 रूपये के हिसाब से ही आए दिन भुगतान कराया जाता था। यह भी उनकी मनमानी का एक प्रमाण है।
खरीदी की जांच में
भारी भ्रष्ट्राचार
हो सकता है उजागर
सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान के कार्यकाल में नगरपालिका परिषद बैकुंठपुर में जमकर खरीदी की गई है। कुछ खरीदी तो उनके चहेते सप्लायरो के माध्यम से की गई है। वहीं विश्वस्त सूत्रों ने बतलाया कि नगर पालिका में कुछ ऐसी चीजे खरीदी गई हैं जो कि सीएमओ द्वारा अपने घर भेजकर उपयोग किया जा रहा है,जानकारो का कहना है कि यदि उनके कार्यकाल में हुई खरीदी की जांच की जाए तो एक बड़ा भ्रष्ट्राचार उजागर हो सकता है।
शहर विकास में नही थी रूचि
किसी भी नगरीय निकाय क्षेत्र में जनप्रतिधियों के साथ-साथ सीएमओ की भूमिका भी अहम होती है,लेकिन सीएमओ मुक्ता सिंह चैहान को शहर के नागरिकों ने कभी भी निकाय क्षेत्र में भ्रमण करते हुए नही देखा। शहर का विकास पार्षदों के मनमाफिक हो रहा था और सीएमओ द्वारा सिर्फ भुगतान की नोटशीट से लेकर चेक में हस्ताक्षर करने की ज्यादा ही रूचि थी। सीएमओ द्वारा रूचि न लिये जाने के कारण शहर का विकास भी प्रभावित हो रहा था। उनके कार्यकाल में कई मामलो को लेकर विवाद की स्थिति बनी रहती थी, आज भी शापिंग काम्पलेक्स से लेकर शादी घर का निर्माण रूका हुआ है। निर्माण कार्यो में भी स्थल पर जाकर कभी भी सीएमओ द्वारा निरीक्षण करते नही देखा गया।


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