किसान हो रहे हैं परेशान कब तक पूरी होगी मांग
खड़गवां,22 मई 2023 (घटती-घटना)। पटवारी संघ के द्वारा प्रदेश भर में 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पटवारी संघ छाीसगढ़ सरकार से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। छाीसगढ़ पटवारी संघ की पहली मांग वेतन विसंगति दूर करते हुए ग्रेड पे 2800रु करने, 2. राजस्व निरीक्षक पर वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति करने 3.संसाधन एवं नेट भाा प्रदान करने, 4. महंगाई के अनुरूप स्टेशनरी भाा,5. अतिरिक्त हल्के के प्रभार का मानदेय में बढ़ोतरी करने,6. पटवारी भर्ती हेतु योग्यता स्नातक करने,7. मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त करने,8. बिना विभागीय जांच के प्राथमिकी एफआईआर दर्ज ना करने की मांग शासन से है।
पटवारीओ के हड़ताल पर चले जाने के कारण किसान एवं लोग मायूस होकर वापस लौट रहे हैं खड़गवां तहसील कार्यालय से भूमि विवाद केस का फ़ैसला सीमांकन नामांतरण आय जाति निवास आदि के प्रकरणों में जमीनों के सीमांकन जैसे तहसील कार्यालय से हुए आदेश जो पिछले आठ से सात माह से किसान लेकर पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं खड़गवां तहसील कार्यालय के अधीन पटवारी हल्कों में भारी अव्यवस्था है कई किसानों के द्वारा भूमि सीमांकन के लिए सेवा शुल्क भी जमा कर पटवारीओ के चक्कर काट रहे हैं जबकि पंद्रह जून से राजस्व विभाग के द्वारा जमीनों की नपाई प्रतिबंधित हो जाती हैं। जिसके कारण किसान और भी चिंतित हैं जो रसूखदार लोग हैं उनके लिए तो पटवारीओ की कोई हड़ताल नहीं है उनका काम बढी हुई शुल्क से बडी आसानी से तत्काल हो रहा है ऐसा मामला खड़गवां मुख्यालय में ही देखने को कोई मिल रहे हैं और किसान आठ से दस महीने से सीमांकन आदेश लेकर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। जबकि अभी हाल ही में संभागायुक्त ने तहसील कार्यालय का निरीक्षण कर किसी भी प्रकार के कोई प्रकरण लंबित ना रहे और किसानों को किसी प्रकार कि कोई परेशानी ना हो सीमांकन नामांतरण बंटवारे आदि के प्रकरणों का जल्द से जल्द निराकरण करे मगर उनके आदेश निर्देश धरे के धरे रह गए हैं क्षेत्र के किसान वैसे ही परेशान हैं?
पटवारियों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र के किसानों, एवं स्कूल के छात्र छात्रों को परेशान होना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के अपने जरूरी दस्तावेज बनाने के लिए किसान और स्कूल के छात्रों के द्वारा तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन पटवारियों के हड़ताल पर होने से राजस्व का कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। शासन प्रशासन के आला बड़े अफसरों ने तहसील कार्यालय में कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है, जिसके चलते दस्तखत से लेकर सीमांकन, नामांतरण, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं बन पा रहे हैं।
सबसे बड़ी समस्या ग्रामीण क्षेत्र में वहीं छात्र छात्रों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है, जून माह से नए शिक्षा सत्र के लिए स्कूलों में एडमिशन भी शुरू होने वाले है और सभी संस्थानों में जगह जगह पर आय, जाति निवास प्रमाण पत्र मांगे जा रहे है, मगर पटवारियों के हड़ताल की वजह से शासन के सभी योजनाओं से छात्र छात्राएं किसान भी वंचित हो रहे हैं।