- राजा मुखर्जी –
कोरबा,18 मई 2023 (घटती-घटना)। छाीसगढ़ के कोरबा जिले में रेत तस्करों के अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रहा या यूं कहे की विभाग लगाना नही चाहता । दिन प्रतिदिन तस्करों के हौसले इतने बुलंद होते जा रहे हैं के वे अब रात के अंधेरे के साथ साथ दिन के उजाले में भी खुलेआम विभिन्न मुख्य चौक चौराहों,मुख्य मार्गों पर अवैध रेत परिवहन करते देखे जा सकते है । ऐसा नहीं की संबंधित विभाग ने इन रेत तस्करों पर कार्यवाही नही की पर वह कार्यवाही सिर्फ संख्याओं में उलझ कर रह गई है।हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है जिसके चलते प्रशासनिक कार्यवाही के बाद भी बेखौफ होकर रेत के अवैध कारोबार को धड़ल्ले से अंजाम दिया जा रहा है। कोरबा मुख्यालय से लगे नगर पालिक निगम कोरबा के दुरपा बस्ती अंतर्गत बरमपुर हसदेव नदी तट घाट से रेत तस्करों द्वारा हसदेव नदी से बिना रेत घाट स्वीकृति के कई महीनों से लगातार तस्करों द्वारा भारी भरकम मशीनों , ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रकों द्वारा रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन बिना रॉयल्टी के किया जा रहा है। बता दें के कुछ समय पूर्व शहर में अवैध रेत परिवहन के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी जिसपर प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद जिले के कलेक्टर अवैध रेत खनन एवं परवाहन पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे जिसपर सिर्फ सप्ताह भर का पालन होते हुए अवैध कारोबार पर लगाम लगा रहा तत्पश्चात दोबारा रेत माफियाओं ने हसदेव नदी को छलनी कर अवैध रेत के तस्करी में उतारू हो गए है द्य इतना ही नहीं रेत माफियाओं ने नायाब तरीका अपनाते हुए प्रशासन को चकमा देने के लिए बिना नंबरों के एक ही कलर में दर्जनों ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रकों के जरिए दिन-रात रेत का अवैध कारोबार कर रहें है। वही बस्ती के अंदर जगह जगह रेत के अवैध डंपिंग यार्ड भी बनाए गए जहां से रात दिन मशीनों के माध्यम से ट्रैक्टर एवं मिनी ट्रकों के माध्यम से रेत की तस्करी की जा रही है तो वही वार्डों में बनी करोड़ों की सीसी रोड भी अवैध रेत परिवहन की भेंट चढ़ रहा हैं ,जिसका आक्रोश स्थानीय लोगों में देखा जा रहा है लेकिन दबंग तस्करों के आगे बस्ती वाले इस अवैध रेत तस्करी का विरोध भी नहीं कर पा रहे वही मामले को लेकर स्थानीय पार्षद की मौन स्वीकृति भी देखने को मिल रही साथ ही जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा रेत तस्करी जैसे संवेदनशील मामले में कोई प्रतिक्रिया भी देखने को नहीं मिल रहा जो जिलेवासियों के लिए एक सोच का विषय बनने लगा है क्योंकि आगामी कुछ महीनों बाद चुनाव होना है और यह अवैध रेत तस्करी कहीं चुनाव पर भारी न पड़ जाए।
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