- 11 मई 2023 को देवेंद्र तिवारी अपने गुट के साथ फिल्म देखने पहुंचे।
- 12 मई 2023 को दोपहर में भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल
- अपने गुट के साथ फिल्म देखने पहुंचे
- 12 मई 2023 को शाम को पूर्व कैबिनेट मंत्री भैयालाल राजवाड़े
- इन दोनों से अधिक संख्या के साथ फिल्म देखने पहुंचे
- फिल्म केरला स्टोरी के नाम पर भाजपा नेताओं ने किया शक्ति प्रदर्शन और जाहिर कर दी गुटबाजी को
- बैकुंठपुर स्थित गंगा श्री सिनेप्लेक्स में अलग-अलग गुटो में पहुंचे थे नेता
- पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े और भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल के बाद देवेन्द्र तिवारी ने भी दिखलाई अपनी ताकत
- पार्टी में गुटबाजी अब जमीन स्तर पर दिखलाई देने लगी,चुनाव पर पड़ेगा असर
–रवि सिंह-
बैकुंठपुर,17 मई 2023 (घटती-घटना)। पिछले कई महीने से खबर प्रकाशन कर बतलाया जा रहा है कि कोरिया जिला और खासकर बैकुंठपुर में भारतीय जनता पार्टी भारी गुटबाजी से जुझ रही है, पहले एक साथ चलने वाले नेता अब विधानसभा दावेदारी के बाद अलग-अलग दिखलाई दे रहे हैं, बैकुंठपुर क्षेत्र में जितने नेता है उतने गुट हो चुके हैं,पार्टी मे गुटबाजी अब जमीनी स्तर पर नजर आने लगी है, इसका नजारा बैकुंठपुर स्थित सिनेप्लेक्स में फिल्म देखने के बहाने बीते दिनों में देखने को मिला है। सबसे पहले भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने फिल्म केरला स्टोरी के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया तो इस सिलसिले को आगे बढाते हुए रविवार को अलग-अलग समय पर पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े और भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल अपने अपने समर्थकों को लेकर फिल्म देखने पहुंचे, इनके बाद दोबारा सिनेप्लेक्स पहुंचकर देवेन्द्र तिवारी ने शक्ति प्रदर्शन का प्रयास किया। भाजपा नेताओं के द्वारा इस प्रकार शक्ति प्रदर्शन से अब उनकी खुद किरकिरी हो रही है, यही स्थिति रही तो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है पार्टी यहां छिन्न भिन्न हो चुकी है और यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नही है कि गुटबाजी का सारा श्रेय भाजपा जिलाध्यक्ष को जाता है। उनके कार्यकाल में पार्टी की स्थिति काफी दयनीय हो गई है।
फिल्म के बहाने राजनीति और शक्ति प्रदर्शन
द केरला स्टोरी फिल्म को लेकर जिस प्रकार की स्थिति कोरिया में देखने को मिली है शायद ही प्रदेश के किसी अन्य जिले या दूसरे प्रांतो में यह स्थिति बनी हो। फिल्म देखने और दिखाने के लिए वही नेता सामने आए जिनके द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी की जा रही है। सबसे पहले अपने चंद समर्थको के साथ भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी फिल्म देखने गए उसके बाद एक ही दिन अलग-अलग शो में एक ही दिन पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े और भाजपा जिलाध्यक्ष ने फिल्म देखा। फिल्म देखने के पहले खूब फोटोग्राफी की गई और सोशल मीडिया में एक दूसरे गुट को नीचा दिखलाते हुए पोस्ट किया गया। फिल्म के बहाने राजनीति और शक्ति प्रदर्शन की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है।
कौन कितने संख्या में गया फिल्म देखने
रविवार को फिल्म देखने पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाडे के साथ तमाल बड़े नेता नजर आए उनके साथ भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अंचल राजवा¸ड़े भी पूरे दमखम के साथ दिखलाई दिए,पूर्व मंत्री के समर्थको ने दावा किया कि उनके द्वारा 550 लोगो के साथ फिल्म देखा गया। इसी दिन भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल भी भाजयुमो जिलाध्यक्ष के नेतृत्व मे फिल्म देखने गए लेकिन उनकी ओर से संख्या का बखान नही किया हां इतना जरूर था कि दोनो नेता अलग अलग कार्यकर्ताओं को लेकर फिल्म देखने पहुंचे जिससे कि गुटबाजी अब खुलकर सामने आ गई है।
दूसरे दिन देवेन्द्र तिवारी ने 600 लोगो को फिल्म दिखलाने का दावा किया
एक दिन पहले पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े के नेतृत्व में 550 लोगो को फिल्म दिखाने का दावा किया गया लेकिन यह दावा भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी और उनके समर्थको को नागवार गुजरा,देखते ही देखते एक बार फिर सोमवार को 550 की संख्या पार करते हुए 600 लोगो को फिल्म दिखलाने का दावा देवेन्द्र तिवारी और उनके समर्थको के द्वारा किया गया। सोशल मीडिया में नेताओं के समर्थक एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश भी सोशल मीडिया में करते नजर आ रहे हैं।
भाजपा जिलाध्यक्ष अब भाजयुमो जिलाध्यक्ष के साथ मिलकर कर रहे गुटबाजी
संगठन-संगठन का माला जपने वाले कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल के सगे भाई विपिन बिहारी जायसवाल भी फिल्म देखने पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े के साथ नजर आए, पूर्व में जिलाध्यक्ष द्वारा दूसरे बड़े नेताओं को सार्वजनिक स्थलो पर गुटबाजी करने का आरोप लगाया जा रहा था लेकिन कालरी की नौकरी से रिटायरमंेट के बाद अब उनके द्वारा खुद को विधानसभा का दावेदार समझा जा रहा है, और इसके लिए अपना एक अलग गुट तैयार किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल द्वारा अपने मन मुताबिक भाजयुमो जिलाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है,और भाजयुमो जिलाध्यक्ष को साथ लेकर ही गुटबाजी करते हुए जिलाध्यक्ष को देखा जा रहा है।
देवेन्द्र तिवारी का गुट अब जिलाध्यक्ष के साथ
पूर्व में जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल और पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े एक ही गुट के माने जा रहे थे लेकिन भाजयुमो जिलाध्यक्ष के मामले में अब दोनो नेता अलग-अलग हो चुके हैं यह सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी देखने को मिल रहा है। दोनो नेताओं के बीच बढी दूरी का फायदा बहुत ही चतुराई से भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी उठाते नजर आ रहे हैं,बतलाया जाता है कि मौके का फायदा उठाते हुए श्री तिवारी अब अपने समर्थको के साथ जिलाध्यक्ष के गुट में शामिल हो चुके हैं कभी जिलाध्यक्ष के पीठ पीछे बुराई करने वाले देवेन्द्र तिवारी समर्थक कार्यकर्ता भी अब जिलाध्यक्ष का गुणगान करते नजर आने लगे हैं।
संख्या को लेकर दावे में कितनी सच्चाई
भाजपा नेताओं द्वारा फिल्म देखने के बहाने शक्ति प्रदर्शन किया गया है यह स्पष्ट दिखलाई दे रहा है। पहले पूर्व मंत्री के नेतृत्व में 550 लोगो को फिल्म दिखाने का दावा और उसके बाद देवेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में 600 लोगो को फिल्म दिखाने का दावा किया गया है। दावे में कितनी सच्चाई है यह तो भाजपा के नेता ही बतला सकते हैं लेकिन इस प्रकार की गुटाबाजी देखने के बाद लोगो का यही कहना है कि काश भाजपा के नेता प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक के मुद्वे पर कोई प्रदर्शन सड़क पर उतर कर करते तो बेहतर था। भाजपा नेता अपनी अपनी राजनीति चमकाने के लिए फिल्म का सहारा ले रहे हैं इससे जनता का क्या भला होने वाला है। आम जन के लिए यदि भाजपाई सड़क पर उतरते तो इसका लाभ भी पार्टी को मिलता लेकिन इस प्रकार की राजनीति करने से भाजपा नेताओं की किरकिरी हो रही है। देवेन्द्र तिवारी समर्थक कार्यकर्ता फिल्म में भीड़ लेजाकर खुद का पीठ थपथपाने और सोशल मीडिया में श्री तिवारी को हीरो बनाने से भी पीछे नही हट रहे हैं। गौ सेवक अनुराग दुबे ने भी इस प्रकार की गुटबाजी को लेकर सोशल मीडिया में खुलकर अपनी बात रखी है।
गुटबाजी से पार्टी को हो रहा नुकसान,प्रदेश नेतृत्व ने मूंदी आंखे
कोरिया जिले मंे भारतीय जनता पार्टी की गुटबाजी अब खुलकर सामने दिखलाई दे रही है,पहले सारे बड़े नेता संगठन से बंधे होने और मुखिया के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चला करते थे लेकिन अब ऐसी स्थिति निर्मित हो गई है कि खुद को सर्वे सर्वा समझने वाले जिलाध्यक्ष की करतूत की कारण गुटबाजी की चरम सीमा पार हो गई है। जिलाध्यक्ष खुद गुटबाजी कराते हुए नजर आ रहे हैं जिससे कि पार्टी का ही नुकसान हो रहा है। समझ से परे यह है कि इस बात से प्रदेश नेतृत्व ने भी अपनी आंख बंद कर लिया है जिससे कि भाजपा नेता आउट आफ कंट्रोल हो गए हैं।
अब अलग नजर आने लगे पूर्व मंत्री और भाजपा जिलाध्यक्ष
एक समय था जब पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े और भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी जायसवाल अन्य नेताओं को दरकिनार कर एक साथ चला करते थे लेकिन बीच में अंचल राजवाड़े को भाजयुमो जिलाध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद दोनो ही नेताओं के मध्य खासी दूरी बन गई है इसलिए अब दोनो नेता एक साथ दिखलाई नही देते। हां इतना जरूर है कि पूर्व मंत्री अपने साथ पुराने वरिष्ठ भाजपाईयों को लेकर चल रहे हैं तो वहीं जिलाध्यक्ष अपने साथ भाजयुमो के जिलाध्यक्ष को लेकर राजनीति करते नजर आ रहे हैं।
कुछ कार्यकर्ताओ के साथ गाली गलौज की खबरे भी
सूत्रों की माने तो फिल्म देखने के बहाने राजनीति कर रहे भाजपा नेता अब एक दूसरे के समर्थकों के साथ किसी भी हद तक गुजरने को तैयार हैं। सूत्रों ने बतलाया कि पूर्व मंत्री के साथ फिल्म देखने की बात को लेकर एक जिम्मेदार पदाधिकारी के द्वारा कुछ कार्यकर्ताओ को काफी भला बुरा भी कहा गया है जो कि काफी निंदनीय है।
कई कार्यकर्ताओं को रास नही आ रहा पार्टी में गुटबाजी
भाजपा में कई ऐसे नेता और कार्यकर्ता हैं जो कि पार्टी के लिए समर्पित हैं। संगठन का मुखिया कोई हो ऐसे कार्यकर्ताओं के लिए एक आदेश ही काफी होता है लेकिन वर्तमान जिलाध्यक्ष के कार्यकाल मे जिस प्रकार का माहौल बना हुआ है उससे समर्पित कार्यकर्ता भी काफी रूष्ट हैं कई कार्यकर्ताओं ने राजधानी में बड़े नेताओं से संपर्क कर पार्टी की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने की बात भी कही है।