डिप्टी सीएम पद के लिए डीके शिवकुमार ने साफ मना कर दिया है.अब कांग्रेस आलाकमान आपस में मिलेंगे और उसके बाद ही नए सीएम के नाम का ऐलान होगा…
आलाकमान को शिवकुमार की दो टूक
बंगलौर,17 मई 2023 (ए)। कर्नाटक का सियासी नाटक अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. पार्टी आलाकमान अभी सीएम पद को लेकर फैसला नहीं ले पाया है. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही दिग्गज नेता हैं और मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोंक रहे हैं. इस बीच आलाकमान के लिए किसी एक को चुनना बहुत मुश्किल फैसला हो रहा है. सूत्रों का कहना है डीके शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़े हुए हैं.
इस बीच पार्टी में ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी चर्चा हुई. इस पर भी डीके शिवकुमार ने शर्त जाहिर कर दी है. सूत्रों की मानें तो डीके शिवकुमार का कहना है कि अगर यह एक साझा समझौता है तो भी पहले ढाई साल का कार्यकाल मुझे दिया जाए जबकि दूसरा सिद्धारमैया को. डीके शिवकुमार का कहना है डीके शिवकुमार का कहना है कि मुझे पहला कार्यकाल दिया जाए या फिर मुझे कुछ नहीं चाहिए. मैं उस स्थिति में भी चुप रहूंगा.
सिद्धा के साथ काम नहीं करूंगा
सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार दावा कर रहे हैं कि करीब 25 साल के बाद वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों ने उनकी वजह से कांग्रेस को वोट दिया है और अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो पार्टी उनका समर्थन खो देगी. उन्होंने उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने और सिद्धारमैया के साथ काम करने से इनकार कर दिया.
शिवकुमार ने खड़गे से कहा कि इसके बजाय वह विधायक बने रहेंगे और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर खड़गे खुद मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वह उन्हें पूरा समर्थन देंगे.
ढाई साल के फॉर्मूले पर ये बोले डीके
हालांकि, पार्टी ने ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर भी चर्चा की है. लेकिन इस पर भी डीके ने शर्त रख दी है. डीके ने कहा है कि इस फॉर्मूले में शुरुआती ढाई साल उनको सरकार चलाने दी जाए और बाकी अवधि में सिद्धारमैया शासन संभालें. उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि या तो मुझे शुरुआती कार्यकाल दिया जाए या फिर उनको कुछ भी नहीं चाहिए. उस स्थिति में भी मैं खामोश रहूंगा.
दूसरी ओर, सिद्धारमैया शिवकुमार के खिलाफ आपराधिक मामलों का हवाला दे रहे हैं और तर्क दे रहे हैं कि अगर शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो बीजेपी इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस पर हमला करने के लिए करेगी.
सिद्धारमैया ने दी ये दलीलें
सिद्धारमैया ने कहा कि अहिंडा वोट बैंक ने कांग्रेस की जीत में योगदान दिया है और वह उनके नेता हैं. सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तो कांग्रेस अगले साल लोकसभा चुनाव हार जाएगी. शिवकुमार ने खड़गे से कहा है कि दलित और अल्पसंख्यक वोट हमेशा कांग्रेस के पास थे और सिद्धारमैया उन्हें अपना नहीं बना सकते. अब दोनों के दावों पर हाईकमान विचार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि डीके शिवकुमार या फिर सिद्धारमैया अकेले शपथ न लें. चूंकि यह सामूहिक नेतृत्व है इसलिए 8-10 मंत्री भी शपथ लें. वहीं कर्नाटक में सियासी गेम कुछ दिन और चलेगा. इसके संकेत कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने दे दिये हैं.
उन्होंने कहा कि अभी सीएम को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है. अगले 48-72 घंटे में कर्नाटक में नया कैबिनेट होगा. दूसरी ओर दिल्ली में डीके शिवकुमार ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की है, जिसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
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